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म्युचुअल फंडों में जोखिम की नई श्रेणियों पर हो रहा विचार

Last Updated- December 15, 2022 | 1:42 AM IST

मल्टी-कैप योजनाओं के लिए निवेश ढांचे में बदलाव के बाद बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) विभिन्न श्रेण्यिों के लिए गणना और लेबलिंग जोखिमों के लिए नए दिशा-निर्देशों पर काम कर रहा है।

जोखिम प्रोफाइल के आधार पर म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं को मौजूदा समय में ‘लो रिस्क’ और ‘हाई रिस्क’ के दायरे में पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया है। सूत्रों का कहना है कि सेबी अन्य श्रेणी भी पेश कर सकता है जिसे ‘एक्सट्रीम’ या ‘वेरी हाई’ रिस्क नाम दिया जा सकता है जिससे निवेशकों को चेताने में मदद मिलेगी।

सूत्रों का कहना है कि इक्विटी के संदर्भ में, स्मॉल-कैप से जुड़ी योजनाएं इस श्रेणी में आ सकती हैं। वहीं डेट के संदर्भ में, कॉरपोरेट पत्रों के लिए ऊंचे ऋण जोखिम से जुड़े क्रेडिट रिस्क फंडों और योजनाओं को ‘एक्सट्रीमली रिस्की’ के तौर पर शामिल किया जा सकेगा। एक नियामकीय अधिकारी ने कहा, ‘सेबी प्रोडक्ट लेबलिंग के लिए नए मानकों पर काम कर रहा है। वह नई निवेश श्रेणियों और रिस्क लेबलों को पेश कर सकता है।’

डेट योजनाओं के लिए ‘एक्सट्रीम रिस्क’ श्रेणी पेश करने की योजना अप्रैल में फ्रैंकलिन टेम्पलटन द्वारा 6 डेट योजनाओं को बंद किए जाने के घटनाक्रम को ध्यान में रखकर बनाई गई है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन घटनाक्रम से उद्योग को बड़ा झटका लगा था और निवेशक क्रेडिट रिस्क फंडों से अपना निवेश निकालने लगे थे। नियामकीय अधिकारी ने कहा, ‘मौजूदा मानकों में सुधार लाए जाने को बदलाव किए जाने की गुंजाइश है। कई एमएफ निवेशक अभी भी पूरी तरह जोखिम को नहीं समझते हैं। कइयों का मानना है कि डेट योजनाओं में निवेश पूरी तरह जोखिम-मुक्त है।’ एमएफ उद्योग के लिए प्रोडक्ट लेबलिंग की अवधारणा वर्ष 2013 में पेश की गई थी। हाल के वर्षों में बाजार नियामक ने इस ढांचे में कई बदलाव किए हैं। शुरू में, योजनाओं को कलर-कोडेड से जोड़ा गया था जिसमें ग्रीन ‘लो रिस्क’ और रेड कलर ‘हाई रिस्क’ का संकेत माना गया।

बाद में, 2015 में सेबी ने कलर कोड को समाप्त कर दिा और ‘रिस्क-ओ-मीटर’ पेश किया, जो मूल निवेश राशि के लिए संभावित जोखिम पर आधारित जोखिम स्तर को दर्शाता है।

सूत्रों का कहना है कि निवेशकों के हित को ध्यान में रखकर नए बदलावों के संबंध में सेबी उद्योग संगठन एम्फी और अन्य हितधारकों से राय ले रहा है। हाल के महीनों में, सेबी ने एम्फी से अपने विज्ञापनों में निवेश जोखिमों को कम किए जाने के बादे में पूछताछ की है। एक ताजा विज्ञापन अभियान में, भारत के प्रमुख क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और मिताली राज नए निवेशकों को ओवरनाइट फंडों में निवेश कर अपनी एमएफ यात्रा शुरू करने को कहते दिखे हैं।

First Published - September 18, 2020 | 1:23 AM IST

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