बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज का शेयर पिछले तीन महीने के दौरान 27 प्रतिशत चढ़ा है और इसका प्रति शेयर 2,000 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है।
सितंबर तिमाही में कंपनी ने जोरदार प्रदर्शन किया। इसकी बदौलत कंपनी ने अब तक की सर्वाधिक तिमाही बिक्री दर्ज की और नई परियोजनाएं शामिल कीं। इनके साथ ही नकदी प्रवाह में सुधार की उम्मीद से यह तेजी आई। हालांकि शेयर ने अच्छा प्रतिफल दिया है, लेकिन यह अब भी सूचकांक – बीएसई रियल्टी से पीछे है, जिसने इस अवधि के दौरान 31 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के प्रीतेश शेठ और सौरभ गिल्डा का मानना है कि अनुकूल मांग-आपूर्ति संतुलन, स्टॉक की सुविधाजनक स्थिति और स्वस्थ मूल्य निर्धारण शक्ति के मद्देनजर इस क्षेत्र में तेजी जारी रहने के आसार हैं। पिछले तीन साल के दौरान सूचीबद्ध कंपनियों ने बुकिंग के लिहाज से उद्योग की वृद्धि दर को 1.5 गुना तक बढ़ा दिया है। इससे बाजार हिस्सेदारी में पहले के 12 प्रतिशत की तुलना में 16.5 की वृद्धि हुई है।
जेफरीज रिसर्च का कहना है कि स्टॉक के स्तर में अब भी गिरावट आ रही है और मूल्य निर्धारण मजबूत है, इस वजह से डेवलपर मांग भुनाने के लिए नई पेशकशों को तीसरी तिमाही में ले जा रहे हैं।
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हालांकि इस क्षेत्र का मूल्यांकन दीर्घकालिक औसत और साल 2021 के शीर्ष मल्टिपल के करीब चल रहा है, लेकिन ब्रोकरेज ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि गोदरेज प्रॉपर्टीज के मामले में संबंधित मूल्यांकन अब भी आकर्षक है और यह स्टॉक इस क्षेत्र में उसका पसंदीदा बना हुआ है। गोदरेज प्रॉपर्टीज ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने गुरुग्राम स्थित अपनी परियोजना – गोदरेज एरिस्टोक्रेट में 2,600 करोड़ रुपये का स्टॉक बेचा है।
रियल एस्टेट क्षेत्र की दिग्गज ने इस परियोजना में 600 मकान बेचे हैं, जो बिक्री मूल्य के लिहाज से इसकी अब तक की सबसे सफल शुरुआत है। यह पिछली तिमाही में नोएडा में गोदरेज ट्रॉपिकल आइल परियोजना में 2,000 करोड़ से अधिक के पिछले सर्वाधिक मूल्य से आगे निकल गई है।
कंपनी ने संकेत दिया है कि गुरुग्राम महत्त्वपूर्ण बाजार है और साल 2024 में इस बाजार में चार परियोजनाएं शुरू होने वाले हैं।
कंपनी ने सितंबर तिमाही में 5,030 करोड़ रुपये की बिक्री के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है, जो पिछले साल की तुलना में 109 प्रतिशत अधिक रही है। इसे सात परियोजनाओं की शुरुआत से मदद मिली है।
इसकी 80 प्रतिशत बुकिंग में इन नई शुरुआत का योगदान रहा है। नोएडा परियोजना (गोदरेज ट्रॉपिकल आइल) के अलावा कुरूक्षेत्र की इसकी परियोजना में भी 630 करोड़ रुपये की बिक्री के साथ दमदार मांग देखी गई है।