Women investors in Mutual Funds: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर, भारतीय महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण की एक नई तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। अब महिलाएं सिर्फ बचत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि म्युचुअल फंड (MF) में निवेश कर रही हैं और अपनी वित्तीय स्वतंत्रता (financial freedom) की ओर कदम बढ़ा रही हैं। AMFI और क्रिसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, म्युचुअल फंड में महिलाओं की हिस्सेदारी पांच साल में दोगुनी हुई है। महिलाओं के पास अब कुल व्यक्तिगत निवेशकों की 33% AUM हिस्सेदारी है। यानी हर ₹100 में से ₹33 की निवेशक महिलाएं हैं। यह दिखाता है कि वे धन सृजन (Wealth Creation) में बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) और क्रिसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में म्युचुअल फंड में महिलाओं का निवेश डबल हो गया है। मार्च 2024 तक महिलाओं के पास कुल व्यक्तिगत निवेशकों की 33% AUM हिस्सेदारी है। महिलाओं का कुल म्युचुअल फंड निवेश 2019 में ₹4.59 लाख करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹11.25 लाख करोड़ हो गया है। आज हर चार में से एक म्युचुअल फंड निवेशक महिला है जो निवेश निर्णयों में उनकी बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) महिलाओं के बीच निवेश का पसंदीदा तरीका बनकर उभरा है। 2019 से 2024 के बीच महिलाओं के SIP एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 319.3% की बढ़ोतरी हुई, जो मार्च 2024 तक कुल SIP AUM का 30.5% हो गया। यह वृद्धि दर्शाती है कि महिलाएं डिसिप्लिन और लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए SIP को तेजी से अपना रही हैं।
Source: AMFI, Crisil Intelligence
पिछले पांच वर्षों में महिलाओं ने इक्विटी म्युचुअल फंड्स को ज्यादा प्राथमिकता दी है। 2019 में इक्विटी AUM में उनकी हिस्सेदारी 43.3% थी, जो 2024 में बढ़कर 63.7% हो गई। वहीं, इसी दौरान उनका डेट फंड में निवेश 22.7% से घटकर 10.7% रह गया। यह दर्शाता है कि महिलाएं अब ज्यादा रिटर्न देने वाले निवेश विकल्पों की ओर बढ़ रही हैं।
इसके अलावा, महिलाओं में पैसिव इन्वेस्टिंग का रुझान भी बढ़ा है। 2019 में इंडेक्स फंड और ईटीएफ में उनकी हिस्सेदारी 2.5% थी, जो 2024 में बढ़कर 4.1% हो गई। खास बात यह है कि महिलाओं का पैसिव गोल्ड निवेश चार गुना बढ़कर 5.2% से 24.9% तक पहुंच गया, जो यह दिखाता है कि वे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गोल्ड निवेश को ज्यादा प्राथमिकता दे रही हैं।
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महिला निवेशक अब डायरेक्ट प्लान को ज्यादा तरजीह दे रही हैं और बिचौलियों (इंटरमीडियरीज) पर उनकी निर्भरता कम हो रही है। 2024 में महिलाओं के कुल AUM का 79.7% हिस्सा रेगुलर प्लान में था, लेकिन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की हिस्सेदारी 2019 में 14.2% से बढ़कर 2024 में 20.3% हो गई।
युवा महिला निवेशकों (25-44 वर्ष) में यह बदलाव सबसे ज्यादा देखा गया। इस आयु वर्ग की महिलाओं का डायरेक्ट प्लान में निवेश 2019 में 16% था, जो 2024 में बढ़कर 27.4% हो गया। यह दर्शाता है कि महिलाएं अब स्वतंत्र रूप से निवेश के फैसले ले रही हैं और कम लागत वाले निवेश विकल्पों की ओर बढ़ रही हैं।
Source: AMFI, Crisil Intelligence
हालांकि T30 शहरों (टॉप 30 शहरी केंद्रों) का दबदबा अब भी बना हुआ है और वे महिला निवेशकों के कुल AUM का 74.8% योगदान देते हैं, लेकिन B30 शहरों (टॉप 30 से बाहर के शहरों) में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। 2019 में B30 शहरों में महिला निवेशकों की हिस्सेदारी 20.1% थी, जो 2024 में बढ़कर 25.2% हो गई। यह दिखाता है कि छोटे शहरों में भी म्युचुअल फंड की पहुंच लगातार बढ़ रही है।
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महिलाएं अब ज्यादा वित्तीय अनुशासन और लॉन्ग टर्म निवेश योजना अपना रही हैं। महिला निवेशकों के AUM में 5 साल से ज्यादा अवधि के निवेश की हिस्सेदारी 2019 में 8.8% थी, जो 2024 में बढ़कर 21.3% हो गई।
वहीं, एक साल से कम अवधि के अल्पकालिक निवेश 40.5% से घटकर 25.4% रह गए। यह दर्शाता है कि महिलाएं अब धैर्यपूर्वक, लक्ष्य-आधारित निवेश की ओर बढ़ रही हैं, जो लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन में मदद करेगा।
Holding Period (in years) | Women Investors (March 2019) | Women Investors (March 2024) | Men Investors (March 2019) | Men Investors (March 2024) |
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< 1 | 40.5% | 25.4% | 42.1% | 27.0% |
1 to 2 | 27.6% | 19.5% | 27.2% | 19.3% |
2 to 3 | 12.0% | 15.1% | 11.8% | 14.5% |
3 to 4 | 7.1% | 10.4% | 6.8% | 11.0% |
4 to 5 | 4.0% | 8.3% | 3.8% | 8.3% |
> 5 | 8.8% | 21.3% | 8.2% | 19.9% |
Source: AMFI, Crisil Intelligence
यह बदलाव साक्षरता दर में वृद्धि, कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ने और वित्तीय जागरूकता अभियानों की वजह से संभव हुआ है। अब महिलाएं निवेश के जरिए अपने भविष्य को सुरक्षित कर रही हैं और आर्थिक फैसलों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।