Liquid Funds vs Savings Account: शेयर बाजार में जारी भारी उतार-चढ़ाव से भले ही इक्विटी कैटेगरी में आने वाले फंड्स का रिटर्न बिगड़ रहा है। मगर डेट फंड कैटेगरी में आने वाले लिक्विड फंडों का रिटर्न बेहतर हो रहा है। सेविंग अकाउंट जैसी इस स्कीम ने निवेशकों को FD जैसा रिटर्न दिया है। AMFI के आंकड़े बताते है कि लिक्विड फंडों ने पिछले एक साल में सरकारी बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट यानी Banks FD की तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया है। इसी अवधि में ज्यादातर सरकारी बैंकों के एफडी पर 7% से कम ब्याज मिला है। लिक्विड फंड सेग्मेंट में किसी भी स्कीम ने पिछले एक साल में 6% से कम रिटर्न नहीं दिया है। अब सवाल यह है कि लिक्विड फंड सेविंग बैंक अकाउंट की तुलना में कितना बेहतर है? टैक्स, जोखिम और निकासी सुविधा के आधार पर कौन-सा विकल्प ज्यादा फायदेमंद रहेगा? आइए जानते हैं…
शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच बीते 1 साल के रिटर्न के आधार पर देखें तो लिक्विड फंड का प्रदर्शन सरकारी बैंकों के एफडी से बेहतर रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में टॉप-10 लिक्विड फंड ने निवेशकों को लगभग 7% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। जबकि इसी अवधि में ज्यादातर सरकारी बैंकों के FD पर 7% से कम ब्याज मिला है। एक साल की FD पर मिल रहे ब्याज की यह लिस्ट पैसा बाजार ने तैयार की है। इसके मुताबिक, SBI, PNB, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया एक साल की FD पर 6.8% का ब्याज ऑफर कर रहे हैं। लिक्विड फंड सेग्मेंट में जिन स्कीम का रिटर्न एक साल में सबसे कम है, उसने भी करीब 6 फीसदी रिटर्न दिया है।
टॉप-10 लिक्विड फंड की बात करें तो Edelweiss Liquid Fund ने बीते एक साल में निवेशकों को सबसे ज्यादा 7.44% का रिटर्न दिया है। वहीं, Groww Liquid Fund ने सबसे कम 7.38% का रिटर्न दिया है। टॉप-10 लिक्विड फंड्स की लिस्ट कुछ इस प्रकार है…
S.NO | Liquid Fund Name | 1 Year Return in % |
1 | Edelweiss Liquid Fund | 7.44 |
2 | Aditya Birla Sun Life Liquid Fund | 7.42 |
3 | Axis Liquid Fund | 7.41 |
4 | DSP Liquidity Fund | 7.40 |
5 | Mahindra Manulife Liquid Fund | 7.40 |
6 | PGIM India Liquid Fund | 7.40 |
7 | Bajaj Finserv Liquid Fund | 7.40 |
8 | Sundaram Liquid Fund | 7.40 |
9 | Mirae Asset Liquid Fund | 7.39 |
10 | Groww Liquid Fund | 7.38 |
स्त्रोत: AMFI (5, मार्च 2025 के NAV के आधार पर)
लिक्विड म्युचुअल फंड एक डेट फंड होता है जो कमर्शियल पेपर, सरकारी प्रतिभूतियां (Government Securities), ट्रेजरी बिल्स (Treasury Bills) जैसी फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है, जिनकी परिपक्वता अवधि (maturity period) अधिकतम 91 दिन यानी 3 महीने होती है। इन फंड्स का नेट एसेट वैल्यू (NAV) पूरे 365 दिनों के लिए कैलकुलेट किया जाता है, और निवेशक 24 घंटे के भीतर फंड से अपना पैसा निकाल सकते हैं। लिक्विड फंड में किसी भी तरह का एंट्री और एग्जिट लोड नहीं होता है। यह फंड डेट फंड कैटेगरी में सबसे कम ब्याज दर जोखिम (Interest Rate Risk) वाले फंड्स में आता है। लिक्विड फंड का मुख्य उद्देश्य पूंजी की सुरक्षा (Capital Protection) और तरलता (Liquidity) बनाए रखना है।
अगर आप चाहते हैं कि पैसा आसानी से निकाला जा सके, लेकिन साथ ही अच्छा रिटर्न भी मिले, तो लिक्विड फंड एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह बैंक के सेविंग अकाउंट की तरह ही लिक्विडिटी यानी निकासी की सुविधा देता है।
सेविंग अकाउंट की तरह– जिस तरह आप बैंक अकाउंट से कभी भी पैसा निकाल सकते हैं, उसी तरह लिक्विड फंड से भी 24 घंटे के अंदर निकासी की सुविधा मिलती है।
कोई लॉक-इन नहीं– इसमें कोई लॉक-इन अवधि (Lock-in Period) नहीं होती, यानी जब चाहें तब पैसा निकाल सकते हैं।
एग्जिट लोड नहीं– इसमें एग्जिट लोड भी नहीं होता, यानी निकासी पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता।
बेहतर रिटर्न का विकल्प– बैंक में पड़ी रकम को लिक्विड फंड में डालकर ज्यादा रिटर्न हासिल किया जा सकता है, जबकि सुरक्षा भी बनी रहती है।
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BPN Fincap के डायरेक्टर ए के निगम का कहना है कि अगर सुरक्षा और तुरंत निकासी की बात करें, तो सेविंग बैंक अकाउंट एक अच्छा विकल्प है। लेकिन जब बात बेहतर रिटर्न की आती है, तो लिक्विड फंड ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
वह कहते हैं, “जब पैसे को सही जगह लगाने की बात होती है, तो सेविंग अकाउंट और लिक्विड फंड दोनों ही अच्छे विकल्प माने जाते हैं। लेकिन असली सवाल यह है कि कौन सा ज्यादा फायदेमंद है? इसका जवाब इन तीन मुख्य पहलुओं पर निर्भर करता है।
सेविंग अकाउंट: आमतौर पर सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर 2.7% से 4% तक होती है, जबकि कुछ बैंक वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को 6% तक का ब्याज भी देते हैं।
लिक्विड फंड: इनका रिटर्न आमतौर पर 6% से 7% के बीच होता है, जो बाजार की स्थिति और फंड मैनेजर की रणनीति पर निर्भर करता है।
विजेता: लिक्विड फंड, क्योंकि ये आमतौर पर सेविंग अकाउंट की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं।
सेविंग अकाउंट: ब्याज पर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। हालांकि, धारा 80TTA/TTB के तहत ₹10,000 तक का ब्याज टैक्स फ्री होता है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए यह सीमा ₹50,000 है।
लिक्विड फंड: यहां कमाई को कैपिटल गेन टैक्स के रूप में देखा जाता है:
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG)– अगर निवेश 3 साल से कम है, तो टैक्स आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार लगेगा।
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG)– अगर निवेश 3 साल से ज्यादा का है, तो टैक्स 20% लगेगा, लेकिन Indexation Benefit मिलने से टैक्स का बोझ कम हो सकता है।
विजेता: निर्भर करता है– अगर आपकी आय कम है और ₹10,000 से कम ब्याज मिलता है, तो सेविंग अकाउंट बेहतर विकल्प है। लेकिन उच्च आय वाले निवेशकों के लिए लंबे समय में लिक्विड फंड अधिक टैक्स-एफिशिएंट साबित हो सकता है।
सेविंग अकाउंट: आपका पैसा सुरक्षित रहता है, लेकिन अगर बैंक को वित्तीय संकट का सामना करना पड़े, तो थोड़ा जोखिम हो सकता है। हालांकि, DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के तहत ₹5 लाख तक की जमा राशि बीमित होती है।
लिक्विड फंड: ये बाजार से जुड़े होते हैं, यानी आपके निवेश का मूल्य थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है। लेकिन ये सबसे सुरक्षित म्युचुअल फंड्स माने जाते हैं, क्योंकि ये मुख्य रूप से शॉर्ट-टर्म सरकारी और कॉरपोरेट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं।
वेंचुरा (Ventura) के डायरेक्टर जुज़र गाबाजीवाला के मुताबिक, हाल ही में शॉर्ट-टर्म ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे लिक्विड फंड्स की यील्ड टू मैच्योरिटी (YTM) पिछले 3 महीनों में 7.1% से बढ़कर 7.3% हो गई है। इसके अलावा, इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण कई निवेशक अपनी पूंजी लिक्विड फंड्स में लगा रहे हैं, ताकि सही समय पर निवेश किया जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि लिक्विड फंड और सेविंग बैंक अकाउंट के बीच बड़ा अंतर देखा जा रहा है, क्योंकि सेविंग अकाउंट पर औसतन सिर्फ 4% का ब्याज मिलता है। निवेशकों को सिर्फ मौजूदा रिटर्न देखने के बजाय, लिक्विड फंड्स की यील्ड टू मैच्योरिटी (YTM) पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह भविष्य में निवेश के लिए बेहतर संकेत दे सकता है।
(डिस्क्लेमर: यहां म्युचुअल फंड स्कीम की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)