म्युचुअल फंड

UTI MF NFO: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश का मौका…वो भी बिना लॉक-इन और एग्जिट चार्ज के; 1000 रुपये से करें शुरुआत

UTI MF: एनएफओ और प्लान्स में मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹1,000 है, जिसके बाद ₹1 के मल्टीपल्स में इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है।

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मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- January 28, 2025 | 9:44 AM IST

UTI MF: यूटीआई म्यूचुअल फंड ने अपना नया ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम ‘यूटीआई निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड – रेगुलर प्लान’ लॉन्च किया है। यह फंड निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग टीआरआई को ट्रैक करता है, जो भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कंपनियों का प्रदर्शन दर्शाता है। इसका उद्देश्य इंडेक्स की परफॉर्मेंस के अनुसार रिटर्न देना है, हालांकि ट्रैकिंग एरर के चलते कुछ अंतर हो सकता है।

यह न्‍यू फंड ऑफर (NFO) 28 जनवरी 2025 को लॉन्च हो गया और 10 फरवरी 2025 को बंद हो जाएगा। इस स्कीम की खासियत यह है कि इसमें कोई लॉक-इन पीरियड नहीं है और न ही एग्जिट लोड लगेगा। इसका मतलब है कि निवेशक कभी भी अपने पैसे निकाल सकते हैं, और इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।

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UTI MF: मिनिमम इन्वेस्टमेंट और एसआईपी की जानकारी

एनएफओ और प्लान्स में मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹1,000 है, जिसके बाद ₹1 के मल्टीपल्स में इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है। फोलियो में दोबारा इन्वेस्टमेंट के लिए भी मिनिमम अमाउंट ₹1,000 है और ₹1 के मल्टीपल्स में आगे इन्वेस्ट किया जा सकता है। मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट की कोई लिमिट नहीं है। यूनिट्स का अलॉटमेंट एप्लिकेबल स्टांप ड्यूटी और ट्रांजैक्शन चार्जेज डिडक्ट करने के बाद ही किया जाएगा।

एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ऑप्शन्स में डेली, वीकली और मंथली एसआईपी के लिए मिनिमम अमाउंट ₹500 है, जबकि क्वार्टरली एसआईपी के लिए ₹1,500 तय की गई है। दोनों ही केसेस में ₹1 के मल्टीपल्स में इन्वेस्टमेंट पॉसिबल है।

UTI MF: इन लोगों के अच्छा विकल्प

यूटीआई निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड एक ओपन-एंडेड स्कीम है जो निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग TRI को ट्रैक या रिप्लिकेट करती है। यह फंड उन निवेशकों के लिए है जो लंबे समय तक बेहतर रिटर्न चाहते हैं, जो निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स के प्रदर्शन पर आधारित होगा। हालांकि, इसमें ट्रैकिंग एरर का रिस्क हो सकता है। इस स्कीम के जरिए आप निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में शामिल सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

इस स्कीम का रिस्क-ओ-मीटर “यूटीआई निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड” के नाम से पहचाना गया है, जबकि इसका बेंचमार्क रिस्क-ओ-मीटर “निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग TRI” पर आधारित है।

यूटीआई का यह नया फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है, जो भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में संभावनाएं तलाश रहे हैं और अपने पोर्टफोलियो को इस सेक्टर से जोड़ना चाहते हैं।

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UTI MF: लिक्विडिटी और लिस्टिंग की जानकारी

यह स्कीम निवेशकों को हर बिजनेस डे पर मौजूदा NAV (नेट एसेट वैल्यू) के हिसाब से यूनिट्स खरीदने और बेचने का ऑप्शन देगी। यह एक ओपन-एंडेड स्कीम है, जिसमें म्यूचुअल फंड द्वारा लगातार यूनिट्स की खरीद और रिडेम्प्शन की सुविधा दी जाती है।

इस स्कीम की यूनिट्स को किसी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट करने का कोई प्लान नहीं है। लेकिन, म्यूचुअल फंड जरूरत पड़ने पर भविष्य में इन यूनिट्स को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट करने का फैसला ले सकता है।

UTI MF: फंड का मैनेजमेंट और सपोर्ट

इस फंड को Sharwan Kumar Goyal मैनेज करेंगे, जिनके पास 18 साल से ज्यादा का एक्सपीरियंस है। वो पैसिव और क्वांटिटेटिव स्ट्रैटेजी के एक्सपर्ट माने जाते हैं।

फंड की ऑपरेशन्स को KFin टेक्नोलॉजीज लिमिटेड सपोर्ट करेगा, जो इसका रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट है।

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क्या होती हैं ओपन एंडेड स्कीम्स?

म्यूचुअल फंड्स को उनके स्ट्रक्चर के आधार पर तीन प्रकारों में बांटा जा सकता है: ओपन एंडेड फंड्स, क्लोज्ड एंडेड फंड्स, और इंटरवल फंड्स। इनमें से ओपन एंडेड फंड्स सबसे अधिक लोकप्रिय और आम तौर पर निवेशकों की पहली पसंद होते हैं।

ओपन एंडेड फंड्स का मतलब

ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड्स को अक्सर म्यूचुअल फंड्स का पर्याय माना जाता है। इन फंड्स की खासियत यह है कि इनके यूनिट्स को स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड नहीं किया जाता है। साथ ही, इन फंड्स में यूनिट्स की संख्या की कोई सीमा नहीं होती।

निवेशक किसी भी कार्य दिवस पर फंड हाउस से यूनिट्स खरीद या बेच सकते हैं। यूनिट्स की खरीद-बिक्री उस स्कीम के मौजूदा नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर होती है।

NAV उस फंड में शामिल निवेशों के प्रदर्शन के आधार पर तय होता है। खास बात यह है कि इन फंड्स की कोई निश्चित परिपक्वता अवधि (maturity period) नहीं होती।

जानें इंडेक्स फंड्स के बारे में-

इंडेक्स फंड्स म्यूचुअल फंड्स का एक प्रकार हैं, जो किसी खास इंडेक्स (जैसे निफ्टी 50 या सेंसेक्स) को फॉलो करते हैं। इन फंड्स का उद्देश्य उस इंडेक्स के प्रदर्शन को कॉपी करना होता है। इसका मतलब है कि जब इंडेक्स बढ़ता है, तो आपका फंड भी बढ़ता है, और जब इंडेक्स गिरता है, तो फंड का प्रदर्शन भी वैसा ही होता है।

इंडेक्स फंड्स में निवेश करना आसान है क्योंकि आपको अलग-अलग शेयर चुनने की जरूरत नहीं होती। यह फंड आपके पैसे को इंडेक्स में शामिल सभी कंपनियों के शेयरों में लगाता है। इन फंड्स का खर्च भी कम होता है क्योंकि ये पैसिव इन्वेस्टमेंट होते हैं, यानी इन्हें ज्यादा प्रबंधन की जरूरत नहीं होती।

इंडेक्स फंड्स में जोखिम भी कम होता है क्योंकि ये अलग-अलग सेक्टर और कंपनियों में पैसा लगाकर पोर्टफोलियो को संतुलित रखते हैं। ये उन लोगों के लिए सही विकल्प हैं, जो शेयर बाजार की तकनीकी जानकारी नहीं रखते या जो कम जोखिम के साथ लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं।

भारत में निफ्टी 50, सेंसेक्स, निफ्टी नेक्स्ट 50 और निफ्टी मिडकैप 150 जैसे इंडेक्स फंड्स काफी लोकप्रिय हैं। ये फंड लंबी अवधि के निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प माने जाते हैं और बाजार की ग्रोथ के साथ आपके निवेश को भी बढ़ने का मौका देते हैं।

(*डिस्कलेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published : January 28, 2025 | 9:22 AM IST