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एडलवाइस म्युचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को सराहा है। उन्होंने कहा कि करोड़ों निवेशक SIP के जरिए म्युचुअल फंड्स में विश्वास दिखा रहे हैं। यह निवेश का एक अनुशासित और भरोसेमंद तरीका है, जो छोटे निवेश के जरिए निवेशकों को लॉन्ग टर्म में फायदा पहुंचाता है।
उनका कहना है कि SIP हर महीने निवेश करने की आदत को बढ़ावा देता है और बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने में भी मदद करता है।
गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर 27 जनवरी को एक पोस्ट में भारतीय कैपिटल मार्केट्स की स्थिरता का राज बताया। उन्होंने कहा कि इनवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स पर लोगों का “सामूहिक भरोसा” ही इसकी असली ताकत है। साथ ही, उन्होंने SIPs को करोड़ों भारतीय रिटेल इनवेस्टर्स के लिए “आसान और असरदार सेविंग्स-कम-ग्रोथ सॉल्यूशन” बताते हुए इसे बेहतर भविष्य की चाबी करार दिया।
गुप्ता ने एसआईपी को भारतीय निवेशकों की बचत और निवेश का सबसे भरोसेमंद साथी बताया। उन्होंने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की सराहना करते हुए कहा कि इसने ऐसा साधन तैयार किया है, जो न केवल लोगों की निवेश की जरूरतों को समझता है, बल्कि उनकी बचत की आदतों को भी मजबूत बनाता है।
उन्होंने लिखा, “म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने ऐसा समाधान तैयार किया है, जो निवेश और बचत दोनों के लिए आदर्श है। हम निवेशकों को शिक्षित करने और इस साधन को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार मेहनत करते हैं। आज करोड़ों आम भारतीय निवेशक इस पर भरोसा करते हैं, और यह सामूहिक विश्वास हर महीने 26,000 करोड़ रुपये का योगदान देता है। यही भरोसा तेज एफआईआई आउटफ्लो के समय हमारे कैपिटल मार्केट्स को मजबूती और स्थिरता प्रदान करता है।”
गुप्ता ने इसे देश की वित्तीय स्थिरता का एक मजबूत स्तंभ बताया।
उन्होंने कहा कि SIP ने पिछले कुछ सालों में काफी पॉपुलैरिटी हासिल की है। उन्होंने बताया, “SIP में इन्वेस्ट करने वाले लोगों के लिए यह पैसा बनाने का बेहतरीन तरीका है। अगर आप Equity Fund में 10 साल तक SIP करें, तो भी मार्केट के एवरेज रिटर्न के बावजूद अच्छा रिटर्न मिल सकता है। SIP फंड मैनेजर्स को धीरे-धीरे कैपिटल डिप्लॉय करने का मौका देती है।”
राधिका ने बताया कि भारत में रिटेल इक्विटी कल्चर ने ग्लोबल स्तर पर लोगों को प्रभावित किया है, और इसका श्रेय एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) को जाता है। उन्होंने कहा, “जब मैंने विदेशों में अपने समकक्षों से मुलाकात की, तो वे यह देखकर हैरान थे कि भारत में SIP के जरिए रिटेल निवेश का कल्चर इतनी तेज़ी से बढ़ा है। यह कई देशों के लिए अभी भी एक चुनौती है। पहले लोग इक्विटी मार्केट को सिर्फ सट्टा समझते थे, लेकिन अब लोग SIP के जरिए बचत करने और बड़ी योजनाएं बनाने की सोच रहे हैं।”
गुप्ता ने कहा कि SIP आम लोगों के लिए एक आसान और फायदेमंद तरीका है, जो उनकी बचत और बढ़त की जरूरतों को पूरा करता है। उन्होंने म्यूचुअल फंड्स को स्कैम बताने वाले “क्लिकबेट आर्टिकल्स” की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने लिखा, “यह सही है कि SIP परफेक्ट नहीं है, लेकिन यह बहुत अच्छे से काम करता है। भारतीयों की जरूरतों को पूरा करने वाला यह आसान समाधान तारीफ के काबिल है, न कि आलोचना के। म्युचुअल फंड्स को गलत ठहराने और निवेशकों को बेवकूफ बताने वाले ये क्लिकबेट आर्टिकल्स हमारे लोगों के लिए किसी काम के नहीं हैं।”