म्युचुअल फंड

DSP MF ने उतारा देश का पहला पैसिव Flexicap Fund, ₹100 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसा

NFO Alert: इस NFO में 8 अगस्त से सब्सक्रिप्शन शुरू होगा और 22 अगस्त 2025 को बंद होगा। इस फंड का बेंचमार्क Nifty500 Flexicap Quality 30 TRI हैं।

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अंशु   
Last Updated- August 07, 2025 | 5:34 PM IST

NFO Alert: डीएसपी म्युचुअल फंड ने डीएसपी निफ्टी500 फ्लेक्सीकैप क्वालिटी 30 इंडेक्स फंड (DSP Nifty500 Flexicap Quality 30 Index Fund) लॉन्च किया है। यह अपनी तरह की पहला लो-कॉस्ट फंड है जो फ्लेक्सीकैप स्ट्रैटेजी पर काम करेगा। यह फंड केवल अच्छे (क्वालिटी) स्टॉक्स में निवेश करेगा और बाजार की चाल के हिसाब से लार्ज, मिड और स्मॉल कैप शेयरों में निवेश को बदलेगा। यह फंड भारत के पहले फ्लेक्सीकैप इंडेक्स को फॉलो करेगा। इसका उद्देश्य निवेशकों को बदलते शेयर बाजार में बेहतर फैसला लेने में मदद करना है। इस NFO में 8 अगस्त से सब्सक्रिप्शन शुरू होगा और 22 अगस्त 2025 को बंद होगा।

DSP NFO: ₹100 से निवेश शुरू

डीएसपी म्युचुअल फंड के इस न्यू फंड ऑफर (NFO) में निवेशक मिनिमम ₹100 से निवेश शुरू कर सकते हैं, और उसके बाद किसी भी अमाउंट में आगे निवेश कर सकते हैं। इस NFO में SIP भी की जा सकती है। SIP के लिए भी मिनिमम निवेश ₹100 है। इस स्कीम में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है। एग्जिट लोड भी शून्य है यानी आप जब चाहे तब इस फंड से बाहर निकल सकते हैं।

इस फंड के रेगुलर प्लान का एक्सपेंस रेश्यों 1% और डायरेक्ट प्लान का एक्सपेंस रेश्यों 0.3% तक है। अनिल घेलानी और दीपेश शाह इस स्कीम के फंड मैनेजर्स हैं।

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DSP NFO: क्या है निवेश की स्ट्रैटेजी?

इस फंड का बेंचमार्क Nifty500 Flexicap Quality 30 TRI हैं। यह इंडेक्स क्वालिटी फैक्टर के आधार पर 30 मजबूत कंपनियों की पहचान करता है। इसमें लार्ज, मिड और स्मॉल कैप से 10-10 कंपनियां ली जाती हैं और हर कैटेगरी के स्टॉक्स को बराबर वेटेज दिया जाता है। इन कंपनियों को चुनने के लिए हाई ROE, कम कर्ज और मजबूत अर्निंग ग्रोथ जैसे मानकों का इस्तेमाल किया जाता है।

इसके अलावा, यह इंडेक्स फ्लेक्सीकैप मोमेंटम को आधार बनाकर लार्ज, मिड और स्मॉल कैप कंपनियों के बीच निवेश को बैलेंस करता है। फंड हाउस के मुताबिक, यह एलोकेशन उनके संभावित रिटर्न के हिसाब से किया जाता है। इसके लिए एक स्पष्ट नियम-आधारित सिग्नल का इस्तेमाल होता है — स्मॉल और मिडकैप (SMID) का लार्ज कैप के मुकाबले अनुपात, जो उसके 200-डे मूविंग एवरेज से तुलना करके देखा जाता है। हर तिमाही रिबैलेंस के समय इसी सिग्नल के आधार पर SMID का अलोकेशन या तो 33% या 67% (2/3rd) पर रीसेट किया जाता है। इसी तरह, लार्ज कैप का अलोकेशन भी हर तिमाही के अंत में या तो 33% या 67% पर रीसेट होता है।

Nifty 500 TRI इंडेक्स को पछाड़ा

निफ्टी500 फ्लेक्सीकैप क्वालिटी 30 इंडेक्स ने अक्टूबर 2009 से अब तक 18.1% का CAGR रिटर्न दिया है, जो Nifty 500 TRI के मुकाबले काफी बेहतर है। इसी अवधि में Nifty 500 TRI का CAGR 13.0% रहा है। इस इंडेक्स ने उतार-चढ़ाव भरे समय में भी मजबूती दिखाई है, जिसका श्रेय इसकी क्वालिटी-फोकस्ड स्ट्रैटेजी को जाता है। अगर 5 साल की रोलिंग SIP अवधि देखें, तो इस इंडेक्स ने औसतन 20.3% का रिटर्न दिया है, जबकि इसी अवधि में Nifty 500 TRI का औसतन रिटर्न 15.8% रहा है।

डीएसपी म्युचुअल फंड में पैसिव इनवेस्टमेंट्स और प्रोडक्ट्स के हेड अनिल घेलानी (CFA) ने कहा, “डीएसपी निफ्टी 500 फ्लेक्सीकैप क्वालिटी 30 इंडेक्स फंड दोनों पहलुओं का बेहतर मेल पेश करता है – एक ओर है डायनैमिक फ्लेक्सीकैप एलोकेशन और दूसरी ओर हाई-क्वालिटी स्टॉक्स का चयन। यह सब एक पारदर्शी और नियम-आधारित अप्रोच से किया जाता है। यह फंड शोरगुल और जटिलता को कम करने के लिए तैयार किया गया है, ताकि निवेशक बाजार के अलग-अलग दौर में सार्थक रूप से भाग ले सकें।”

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DSP NFO: किसे करना चाहिए निवेश?

यह स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकती है जो लॉन्ग टर्म में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना चाहते हैं और निफ्टी500 फ्लेक्सीकैप क्वालिटी 30 इंडेक्स में शामिल कंपनियों के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं। रिस्कोमीटर पर इस स्कीम को बहुत अधिक जोखिम की कैटेगरी में रखा गया है।

डीएसपी म्युचुअल फंड में मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट और हेड – प्रोडक्ट्स साहिल कपूर ने कहा, “अधिकतर निवेशक मार्केट टाइमिंग और एलोकेशन के फैसलों को लेकर असमंजस में रहते हैं। यह स्ट्रैटेजी उन चुनौतियों का समाधान देती है, जहां फ्लेक्सी-मोमेंटम आधारित रीबैलेंसिंग और अनुशासित क्वालिटी फिल्टर्स का स्मार्ट कॉम्बिनेशन इस्तेमाल होता है। इससे निवेश में फुर्ती भी मिलती है और मजबूती भी।”

फंड हाउस ने बताया कि यह सिंपल फंड डिजाइन बेसिक निवेश सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें निवेश करने से निवेशकों को फायदा होता है क्योंकि उन्हें बार-बार अलग-अलग मार्केट सेगमेंट पर नजर रखने या स्कीम बदलने की जरूरत नहीं पड़ती — जो अक्सर खर्च बढ़ा देता है। इसकी पैसिव स्ट्रक्चर की वजह से रीबैलेंसिंग में टैक्स या एग्जिट लोड नहीं लगता, जो DIY या एक्टिवली मैनेज्ड फ्लेक्सीकैप/मल्टीकैप स्ट्रैटेजी में आम तौर पर संभव नहीं होता।


(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published : August 7, 2025 | 5:19 PM IST