म्युचुअल फंड इंडस्ट्री ने जून 2025 को समाप्त तिमाही में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के नए रजिस्ट्रेशनों में मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की। इस दौरान 1.67 करोड़ नए SIP खाते खुले, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद रिटेल निवेशकों की मजबूत भागीदारी को दर्शाता है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा पिछली तिमाही के 1.41 करोड़ SIP रजिस्ट्रेशनों की तुलना में काफी अधिक है।
ग्रो (Groww) इस तिमाही में SIP सेगमेंट में मार्केट लीडर बनकर उभरा, जहां उसने 41.9 लाख से ज्यादा नए SIP खाते जोड़े और 25% बाजार हिस्सेदारी हासिल की। सिर्फ जून महीने में ही ग्रो ने 15.7 लाख नए SIP रजिस्ट्रेशन किए। यह किसी भी डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा एक महीने में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी है।
मूल्य के लिहाज से, जून तिमाही में Groww प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड नए SIP का आंकड़ा ₹1,116 करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में 32% की तेज वृद्धि को दर्शाता है।
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दूसरे सबसे बड़े योगदानकर्ता एंजेल वन (Angel One) ने इस तिमाही में 15 लाख नए SIP अकाउंट जोड़े। पारंपरिक डिस्ट्रीब्यूटर्स में एनजे इंडियाइन्वेस्ट (NJ IndiaInvest) ने 5.9 लाख, SBI ने 4.3 लाख और HDFC Securities ने 3.8 लाख नए SIP जोड़े। वहीं, डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म PhonePe ने भी करीब 5.9 लाख नए SIP रजिस्टर किए। इनमें ज्यादातर SIP निवेश छोटी राशि वाले निवेशकों से जुड़े थे।
जून तिमाही में इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद खुदरा निवेशकों का भरोसा मजबूत बना रहा। जून 2025 में कुल एसआईपी निवेश 27,269 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। SIP के तहत कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर ₹15.3 लाख करोड़ हो गया, जबकि एक साल पहले यह ₹12.4 लाख करोड़ था।
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, रिटेल निवेशक अब म्युचुअल फंड को लॉन्ग टर्म में संपत्ति बनाने का माध्यम मानने लगे हैं। यह दर्शाता है कि पारंपरिक बचत से हटकर निवेश आधारित सोच की ओर झुकाव बढ़ रहा है। डिजिटल-फर्स्ट प्लेटफॉर्म्स ने निवेश की पहुंच और सुविधा को और आसान बना दिया है, जिससे व्यापक निवेशक वर्ग को लाभ हुआ है।
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इसके अलावा, AMFI और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) द्वारा चलाए जा रहे निवेशक जागरूकता और शिक्षा अभियानों ने भी सिस्टमैटिक इन्वेस्टिंग को बढ़ावा देने और म्युचुअल फंड इकोसिस्टम में निवेशकों का भरोसा मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।
वर्ष 2025 में देश में म्युचुअल फंड निवेशकों की कुल संख्या बढ़कर 5.4 करोड़ हो गई है, जो 2024 के मुकाबले 20% ज्यादा है। इस दौरान उद्योग की कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी बढ़कर 74.4 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो मार्च तिमाही की तुलना में 18% ज्यादा है।