म्युचुअल फंड (MF) उद्योग ने वितरकों को अतिरिक्त रियायत ढांचे के गलत इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है। इस ढांचे का गलत इस्तेमाल कर वितरकों द्वारा छोटे केंद्रों (टॉप-30 शहरों से अलग या बी-30) से परिसंपत्तियां जुटाई गई थीं।
भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (Amfi) ने वितरकों को भेजे पत्र में कहा है कि एमएफ सौदों को विभाजित करने और निवेश के निवेश में लगातार बदलाव लाने जैसी गतिविधियों से उनके लाइसेंस रद्द किए जाने का खतरा बढ़ सकता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा इसे लेकर चिंता जताई गई थी और 1 मार्च से रियायती ढांचा अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया।
नियामक ने गलत जानकारी देकर योजनाएं बेचने पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए Amfi को 24 मार्च, 2023 तक का समय दिया है और इस संबंध में उठाए जाने वाले जरूरी कदमों की जानकारी सेबी को देने को कहा है। वितरकों द्वारा 1 मार्च से पहले कराए गए निवेश अतिरिक्त रियायत के योग्य बने रहेंगे।
सौदों को विभाजित करना एक ऐसी प्रणाली है जिसमें एमएफ वितरक ज्यादा इंसेटिव पाने के लिए ग्राहकों से अपना पैसा (2 लाख रुपये की सीमा पार होने पर) एक बार के बजाय कई बार में निवेश करने को कहते हैं। इससे एक वर्षीय निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद भी समान राशि पर लगातार बी-30 इंसेटिव पाने के लिए संबद्ध एमएफडी द्वारा रकम को एक योजना से दूसरी में कई बार स्थानांतरित कराया जाता है।
एम्फी ने वितरकों को भेजी सूचना में कहा है, ‘सभी एमएफ वितरकों को यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त हिदायत की जाती है कि वे आवेदनों को अलग अलग सौदों में विभाजित करने, म्युचुअल फंड निवेश में बार बार बदलाव या ज्यादा ट्रांजेक्शन शुल्क से जुड़ी कोई अन्य गतिविधि, या ऊंचे बी-30 इंसेटिव कमीशन से परहेज करें। इस संबंध में किसी भी तरह के उल्लंघन को गंभीर समझा जाएगा, और वह अनुशासनात्मक कार्रवाई के दायरे में होगा, जिससे एआरएन (एम्फी पंजीकरण संख्या) रद्द की जा सकती है।’
नियामक ने बी-30 इंसेटिव के संदर्भ में फंड हाउसों में कुछ प्रणालियों में बदलाव पर भी जोर दिया है। एक शिकायत इंसेटिव के चयन में अंतर को लेकर भी मिली थी। नियामक ने कहा, ‘यह पता चला कि बी-30 इंसेटिव एएमसी द्वारा कुछ खास योजनाओं के लिए अपनी मर्जी के हिसाब से तय किए गए थे और ऐसी योजनाओं में बी-30 प्रवाह के बावजूद कुछ अन्य योजनाओं में इनकी पेशकश नहीं की गई थी। यह मनमानापूर्ण है और इससे प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रणालियों को बढ़ावा मिल सकता है।’
इस ढांचे को प्रतिबंधित करते हुए नियामक ने कहा था कि वह दो विकल्पों पर विचार कर रहा है, या तो बी-30 इंसेटिव को फिर से सुरक्षात्मक तरीके से लाया जाए या एक ऐसी व्यवस्था शुरू की जाए जिसमें वितरकों को किसी भी स्थान से निवेशक जोड़ने पर इंसेटिव मिले।