पिछले एक साल में म्युचुअल फंड (एमएफ) उद्योग की 25 प्रतिशत परिसंपत्ति वृद्धि को विभिन्न आकार के चुनिंदा फंडों की एयूएम में तेज वृद्धि से मदद मिली है। एयूएम के लिहाज से शीर्ष-10 फंड हाउसों में शामिल निप्पॉन इंडिया फंड ने वित्त वर्ष 2025 में 29 फीसदी की सर्वाधिक परिसंपत्ति वृद्धि हासिल की। मार्च में समाप्त तिमाही के दौरान उसकी औसत एयूएम 5.6 लाख करोड़ रुपये रही जबकि मार्च 2024 में समाप्त तिमाही में यह 4.3 लाख करोड़ रुपये थी। समग्र तौर पर दूसरे सबसे बड़े फंड हाउस आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने सबसे अधिक बढ़त हासिल की और उसकी औसत एयूएम वर्ष के दौरान 2 लाख करोड़ रुपये बढ़ी।
इसकी औसत तिमाही एयूएम वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के 6.8 लाख करोड़ रुपये से 29 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 8.8 लाख करोड़ रुपये हो गई। टाटा, कोटक और एचडीएफसी उन अन्य शीर्ष-10 फंडों में शामिल रहे जो उद्योग के मुकाबले तेजी से बढ़े। शीर्ष 20 फंड हाउसों में मोतीलाल ओसवाल फंड 100 प्रतिशत से अधिक एयूएम वृद्धि के साथ सबसे आगे रहा। पराग पारिख फाइनैंशियल एडवाइजरी सर्विसेज (पीपीएफएएस) 58 प्रतिशत एयूएम वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में फंड उद्योग की तिमाही औसत एयूएम सालाना आधार पर 25 फीसदी बढ़कर 67.4 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह वृद्धि बाजार में गिरावट के कारण चौथी तिमाही के दौरान एयूएम में कमी के बावजूद आई है।