मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स और टाटा ऐसेट मैनेजमेंट समेत कम से कम पांच म्युचुअल फंड गिफ्ट-आईएफएससी में खुदरा योजनाएं शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं ताकि प्रवासी भारतीय और विदेश में निवेश के इच्छुक स्थानीय लोगों को जोड़ा जा सके। गिफ्ट सिटी से ये पहली खुदरा योजनाएं होंगी। इस केंद्र में अभी तक वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) ने दिलचस्पी दिखाई है।
दो फंडों ने रिटेल स्कीम की योजना बना ली है और अगले कुछ महीनों में इनके लॉन्च होने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि तीन और फंडों ने आईएफएससी के लिए एकीकृत नियामक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) से संपर्क किया है। मिरे ऐसेट कुछ ही महीनों के भीतर लॉन्च की योजना बना रहा है जबकि टाटा ऐसेट मैनेजमेंट ने अपनी खुदरा योजना के लिए आईएफएससीए के पास आवेदन किया है। एक अधिकारी ने कहा कि मंजूरी में 30-45 दिन लग सकते हैं क्योंकि नियामक खुदरा योजनाओं के लिए ज्यादा ड्यू डिलिजेंस करता है।
एक अधिकारी ने बताया, गिफ्ट सिटी की बैंकिंग इकाइयों में अब तक 8,000 से 9,000 एनआरआई रिटेल खाते खोले जा चुके हैं। फिलहाल वे सिर्फ फिक्स्ड डिपॉजिट ही रख सकते हैं। हालांकि, इन निवेशकों को इक्विटी निवेश की ओर मोड़ा जा सकता है।
एनआरआई निवेशकों के अलावा, फंड हाउस उन भारतीय निवेशकों में भी अवसर देख रहे हैं, जो वैश्विक निवेश चाहते हैं। निवेशक गिफ्ट सिटी में खुदरा योजनाओं के माध्यम से वैश्विक निवेश के लिए 2,50,000 डॉलर की अपनी वार्षिक उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) सीमा का उपयोग करने में सक्षम होंगे।
मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के उत्पाद, व्यापार रणनीति और अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रमुख वैभव शाह ने कहा, उनका फंड उन थीम पर ध्यान दे सकता है जो वर्तमान में भारतीय निवेशकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं, जैसे सेमीकंडक्टर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)।
शाह ने कहा, हम जिस राशि को लक्षित कर रहे हैं, वह 5,000 या 10,000 डॉलर है। इसलिए कि इसमें एलआरएस ट्रांसफर लागत शामिल है। अगर आकार छोटा हो तो निवेश राशि के प्रतिशत के रूप में मुद्रा परिवर्तन की हस्तांतरण लागत बहुत ज्यादा हो जाती है, जिससे निवेशकों के रिटर्न में कमी आ सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आईएफएससी रूट भी निवेशकों को आकर्षित कर सकता है क्योंकि घरेलू म्युचुअल फंड पहले ही वैश्विक इक्विटी के लिए 7 अरब डॉलर की निवेश सीमा तक पहुंच चुके हैं। हालांकि गिफ्ट सिटी में म्युचुअल फंड योजनाओं के बारे में पहला नियमन 2022 में शुरू किया गया था। लेकिन कर और कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की ओर से कराधान पर स्पष्टता और आईएफएससीए द्वारा संशोधित फंड प्रबंधन नियमों के बाद अब गति तेज हो रही है।