JioBlackRock Flexi Cap Fund: जियोब्लैकरॉक म्युचुअल फंड ने बाजार में अपना पहला एक्टिव इक्विटी फंड – जियोब्लैकरॉक फ्लेक्सी कैप फंड लॉन्च कर दिया है। इस फंड में 23 सितंबर, 2025 से सब्सक्रिप्शन शुरू हो चुका है। निवेशक 7 अक्टूबर, 2025 तक इसमें निवेश कर सकते हैं। यह फंड ब्लैकरॉक के सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटीज (SAE) अप्रोच पर आधारित है। इस फंड का लक्ष्य SAE तरीके का इस्तेमाल कर लॉन्ग टर्म में निवेशकों की दौलत में इजाफा करना है। अगर आप भी इस फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको इस फंड से जुड़ी इन 6 खास बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए।
यह जियोब्लैकरॉक म्युचुअल फंड का पहला एक्टिव इक्विटी फंड है। अब तक, AMC का फोकस पैसिव प्रोडक्ट्स पर था। जियोब्लैकरॉक ने आठ इंडेक्स फंड लॉन्च किए हैं — जिनमें से चार इक्विटी फंड हैं। इनमें निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड, निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड, निफ्टी मिडकैप 150 फंड और निफ्टी स्मॉलकैप 250 फंड शामिल हैं। फंड हाउस ने डेट फंड्स के साथ म्युचुअल फंड बाजार में कदम रखा था।
लेकिन इस बार मामला अलग है। इंडेक्स फंड में आपका पैसा किसी खास इंडेक्स जैसे निफ्टी-50 आदि को फॉलो करता है। वहीं, एक एक्टिव फंड में फंड मैनेजर आपके लिए स्टॉक्स का चयन करता है ताकि बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सके।
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जियोब्लैकरॉक फ्लेक्सी कैप फंड भारत का पहला एक्टिव इक्विटी फंड है जो ब्लैकरॉक के ‘सिस्टेमैटिक एक्टिव इक्विटीज’ (SAE) पर चलेगा। ब्लैकरॉक का सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटीज अप्रोच बिग डेटा, एडवांस्ड एनालिटिक्स और विशेषज्ञों के अनुभव (ह्यूमन एक्सपर्टीज) का इस्तेमाल करता है, ताकि बेहतर निवेश परिणाम दिए जा सकें।
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करके सोशल मीडिया की बातचीत से लेकर सैटेलाइट डाटा तक की जानकारियों को निवेश से जुड़ी उपयोगी जानकारी में बदलती है, जिससे भारतीय निवेशकों को फायदा मिल सके।
आसान भाषा में कहें तो, AI और फंड मैनेजर एक साथ मिलकर स्टॉक चुनेंगे।
इस फंड की सबसे खास विशेषताओं में से एक है कि इसमें कोई एग्जिट लोड नहीं है। एग्जिट लोड एक छोटी फीस होती है जो म्युचुअल फंड निवेशकों से तब लिया जाता है जब वे तय अवधि से पहले अपना निवेश निकालते हैं। आमतौर पर यह अवधि एक साल से कम होती है। इसका उद्देश्य शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग को रोकना होता है।
वैल्यू रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसका मतलब है कि अगर आप जल्दी निवेश निकालते हैं, तो आपको पहले ही शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स देना पड़ता है। इसमें एग्जिट लोड भी जोड़ दें, तो यह दोगुना नुकसान जैसा हो जाता है।
एग्जिट लोड को हटा कर, ऐसा करने वाला जियोब्लैकरॉक दूसरा फंड हाउस बन गया है। इससे पहले नवी म्युचुअल फंड ने यह फीचर दिया था।
कुछ फ्लेक्सी-कैप फंड, जैसे पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड – अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा ग्लोबल शेयरों में निवेश करते हैं, लेकिन जियोब्लैकरॉक की यह स्कीम ऐसा नहीं करेगी। इसका पोर्टफोलियो पूरी तरह से भारतीय शेयरों, डेट और घरेलू REITs और InvITs पर फोकस करेगा।
स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, निवेश का मकसद हासिल करने के लिए यह स्कीम एक्टिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर चलेगी। फंड अपने निवेश का 65-100% हिस्सा लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट में लगाएगा। इसके अलावा, 0-35% हिस्सा डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में और 0-10% हिस्सा रिट्स (REITs) और इनविट्स (InvITs) के यूनिट्स में निवेश किया जा सकता है।
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तन्वी कचेरिया और साहिल चौधरी इस स्कीम के फंड मैनेजर हैं। स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, तन्वी CFA चार्टरहोल्डर हैं और उनके पास 10 साल का अनुभव है। उन्होंने ब्लैकरॉक फाइनेंशियल मैनेजमेंट और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में काम किया है। फिलहाल, वह चार इंडेक्स फंड्स मैनज कर रही हैं, लेकिन यह उनका पहला एक्टिवली मैनेज्ड फंड होगा, जहां उनके स्टॉक चुनने की काबिलियत की परीक्षा होगी। वहीं, साहिल चौधरी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से है। उनकी विशेषज्ञता सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) में रही है।
डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।