facebookmetapixel
स्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्जपॉलिसीधारक कर सकते हैं फ्री लुक पीरियड का इस्तेमाल, लेकिन सतर्क रहेंGST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तारहाइब्रिड निवेश में Edelweiss की एंट्री, लॉन्च होगा पहला SIFएफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशन

​थीमेटिक और सेक्टोरल फंडों में निवेशकों की रुचि घटी, 2025 में सिर्फ ₹19,000 करोड़ जुटे

2025 में अब तक थीमेटिक स्पेस में 14 पेशकश आई हैं जिनमें एनएफओ ने मिलकर करीब 7,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 2024 में 52 एनएफओ ने करीब 80,000 करोड़ रुपये जुटाए थे।

Last Updated- June 12, 2025 | 10:21 PM IST
Mutual Fund

सबसे बड़ी और सबसे अधिक जोखिम वाली इक्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) श्रेणी- सेक्टोरल और थीमेटिक फंडों में निवेशकों की रुचि हाल के महीनों में कम हो गई है। करीब एक वर्ष पहले तक इस श्रेणी को मजबूत निवेश मिला था। कैलेंडर वर्ष 2025 में अभी तक मासिक निवेश पिछले साल के निवेश का महज एक हिस्सा रह गया है। जनवरी-मई 2025 की अवधि के दौरान उन्होंने 19,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं जो 2024 में हासिल 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का सिर्फ 13 फीसदी है।

फंड वितरकों के अनुसार निवेश में गिरावट की दो वजह हैं – दोनों ही सितंबर 2024 के बाद इक्विटी बाजार में हुई गिरावट का नतीजा हैं। पहला, नए फंडों की पेशकश (एनएफओ) हाल के महीनों में काफी कम हो गई हैं जो 2024 में निवेश के अहम चालक थे। दूसरा, उनका कहना है कि इक्विटी बाजार की सुस्त धारणा ने निवेशकों को तुलनात्मक रूप से कम जोखिम वाले इक्विटी पेशकश की ओर मोड़ दिया है।

रुपी विद ऋषभ इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक ऋषभ देसाई ने कहा, थीमेटिक और सेक्टोरल फंड में निवेश चक्रीय माना जाता है। निवेश आमतौर पर तेजी के दौर में अधिक होता है क्योंकि कुछ सेक्टर और थीम का मजबूत प्रदर्शन निवेश आकर्षित करता है। चूंकि अधिकांश पेशकश भी इन्हीं अवधियों के दौरान होती हैं, इसलिए निवेश को और बढ़ावा मिलता है।

2025 में अब तक थीमेटिक स्पेस में 14 पेशकश आई हैं जिनमें न्यू फंड ऑफरिंग (एनएफओ) ने मिलकर करीब 7,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 2024 में 52 एनएफओ ने करीब 80,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। निवेशकों की घटती दिलचस्पी निवेशक संख्या में वृद्धि के मोर्चे पर भी दिखती है। सेक्टोरल और थीमेटिक फंडों में शुद्ध मासिक खातों में वृद्धि (जो जुलाई 2024 में 23 लाख के उच्चतम स्तर पर थी) मई 2025 में घटकर 10 लाख से भी कम रह गई।

एप्सिलॉन मनी के सह-संस्थापक और सीईओ अभिषेक देव ने कहा कि इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान थीमेटिक और सेक्टोरल योजनाएं आमतौर पर पीछे चली जाती हैं, क्योंकि निवेशकों का रुझान डायवर्सिफाइड योजनाओं की ओर बढ़ जाता है।

पिछले एक साल में बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और निफ्टी-50 छह महीने के भीतर 26,200 और 21,800 के स्तर पर पहुंच गया। अगर हम आंकड़ों को देखें तो कुछ बड़े एनएफओ को छोड़कर थीमेटिक फंडों के शुद्ध निवेश में कुछ गिरावट आई है।

First Published - June 12, 2025 | 10:16 PM IST

संबंधित पोस्ट