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Interview: राजस्व सुधार पर निर्भर करेगी वर्ष 2026 की मुनाफा वृद्धि- वेत्री सुब्रमण्यन

हमें उम्मीद है कि बजट में वित्त वर्ष 2026 के लिए 4.5 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के साथ राजकोषीय मजबूती बरकरार रहेगी।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- January 13, 2025 | 10:24 PM IST

यूटीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के मुख्य निवेश अ​धिकारी वेत्री सुब्रमण्यन ने अभिषेक कुमार को बातचीत में बताया कि सरकारी खर्च में वृद्धि की वजह से वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में आ​र्थिक वृद्धि में सुधार आने की संभावना है। उनका कहना है कि राज्य सरकारों द्वारा लोगों को नकदी स्थानांतरण भी खपत वृद्धि में योगदान दे सकता है। उनसे बातचीत के अंश:

बजट से आपको क्या उम्मीदें हैं?

हमें उम्मीद है कि बजट में वित्त वर्ष 2026 के लिए 4.5 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के साथ राजकोषीय मजबूती बरकरार रहेगी। सरकार अपनी नई रणनीति को ध्यान में रखते हुए पूंजीगत खर्च को प्राथमिकता दे सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि बजट में प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र (जिनमें रोजगार और कौशल, ऊर्जा सुरक्षा और नवाचार शामिल हैं) सुर्खियों में रहेंगे, क्योंकि इन मुद्दों पर लगातार ध्यान और हस्तक्षेप की आवश्यकता है। प्रत्यक्ष कराधान में शायद कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा क्योंकि हाल के वर्षों में सरलीकरण पहले ही किया जा चुका है। लोगों के लिए निचले आयकर स्लैब की दरों में बदलाव हो सकता है।

वित्त वर्ष 2025 की कमजोर पहली छमाही के बाद आय वृद्धि में कब से सुधार की उम्मीद है?

हमें उम्मीद है कि आर्थिक वृद्धि में सुधार होगा। यह वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में पूंजीगत व्यय सहित सरकारी खर्च में वृद्धि के बल पर होगा। नियामकीय दखल की वजह से ऋण वृद्धि कुछ हद तक नरम पड़ी है। ऋण वृद्धि में सुधार खर्च, निवेश और आय में मजबूत तेजी के लिए जरूरी है।

मूल्यांकन पर आप क्या कहते हैं? क्या ऐसे क्षेत्र मौजूद हैं जिनमें आप संभावनाएं देख रहे हों?

लार्जकैप का मूल्यांकन दीर्घाव​धि औसत से ऊपर है। लेकिन अभी भी उस सीमा के भीतर है जिसे हम उचित मूल्य मानेंगे। बाजार के मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में मूल्यांकन बहुत ज्यादा है। मिड और स्मॉलकैप सेक्टर में कुल मूल्यांकन न केवल उनके ऐतिहासिक औसत से ऊपर है, बल्कि लार्जकैप से भी अधिक है। कुल मूल्यांकन का ऐसे स्तरों पर कारोबार करना भविष्य में रिटर्न के लिए बड़ा जोखिम पैदा करता है। सेक्टर के स्तर पर मुझे लगता है कि औद्योगिक क्षेत्रों में मूल्यांकन काफी चुनौतीपूर्ण है। दूसरी ओर, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्र में मूल्यांकन काफी उचित है।

क्या आप अपने पोर्टफोलियो में कोई सेक्टोरल बदलाव कर रहे हैं?

हमारे सभी फंडों की अलग-अलग निवेश रणनीतियां हैं और इसलिए सेक्टर की स्थिति हरेक फंड में अलग अलग होती है। निवेश टीम में एक आम राय यह है कि मौजूदा समय नैरेटिव स्टॉक यानी प्रचार वाले शेयरों से जुड़े शेयरों से सावधान रहने का है।

क्या निवेशकों को अपना इ​क्विटी निवेश बढ़ाने पर विचार करना चाहिए? फिलहाल कौन से फंड उपयुक्त हैं?

यूटीआई में हम इक्विटी वैल्यूएशन इंडिकेटर बरकरार रखते हैं। लार्जकैप शेयरों पर आधारित यह इंडेक्स फिलहाल फेयर वैल्यू जोन में है और इसने इक्विटी आवंटन बढ़ाने की जरूरत का संकेत नहीं दिया है। यह इंडिकेटर कुछ महीने पहले ‘डिक्रीज इक्विटी एलोकेशन’ जोन में था।

फिक्स्ड-इनकम की बात करें तो हमें तीन से पांच साल की अवधि वाले उच्च-गुणवत्ता के पोर्टफोलियो में ‘करंट कैरी’ आकर्षक लगते हैं। इस समय इक्विटी और फिक्स्ड इनकम में मौजूदा मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए हाइब्रिड फंड अच्छी स्थिति में हैं। हालांकि कम जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए ​इ​क्विटी सेविंग्स फंड बेहतर ​विकल्प हैं।

First Published : January 13, 2025 | 10:24 PM IST