म्युचुअल फंड

EPFO से जुड़ीं दो AMC, स्टेट बैंक और UTI MF के साथ हो गईं शामिल

EPFO का निवेश कोष Nippon India व ICICI Prudential के जरिये निवेशित हुआ जब उन्हें सामाजिक सुरक्षा संगठन के साथ जुड़ने की मंजूरी मिली

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- August 21, 2023 | 10:09 PM IST

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने जुलाई में निप्पॉन इंडिया और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की तरफ से पेश निफ्टी-50 और सेंसेक्स ईटीएफ में पहली बार निवेश किया। इस तरह से दोनों फंड हाउस सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से जुड़ी संस्था एसबीआई एमएफ और यूटीआई एमएफ के साथ शामिल हो गई, जिसकी योजनाओं में ईपीएफओ पारंपरिक रूप से निवेश करता रहा है।

ईपीएफओ का निवेश कोष निप्पॉन व आईसीआईसीआई प्रू के जरिये निवेशित हुआ जब उन्हें सामाजिक सुरक्षा संगठन के साथ जुड़ने की मंजूरी मिली।

विभिन्न वर्षों में ईपीएफओ निफ्टी-50 व सेंसेक्स ईटीएफ में सिर्फ दो एएमसी एसबीआई व यूटीआई के जरिये निवेश करता रहा है। दोनों ईटीएफ को ईपीएफओ के ​इक्विटी आवंटन का बड़ा हिस्सा मिलता है और कुछ हिस्सा सीपीएसई व भारत 22 ईटीएफ में भी जाता है, जिसे सरकार का विनिवेश लक्ष्य पूरा करने में मदद के लिए सृजित किया गया है।

वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार ने कहा, दो और परिसंपत्ति प्रबंधक को जोड़ने से ईपीएफओ को इंडेक्स ईटीएफ में बढ़ते निवेश के साथ अपना एएमसी निवेश विशाखित करने में मदद मिलेगी।

एएमसी को चुनिंदा ईटीएफ में स्थिर व सतत के साथ-साथ मजबूत निवेश के जरिये लाभ मिलेगा। ईपीएफओ के निवेश के कारण आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के निफ्टी-50 ईटीएफ का एयूएम मासिक आधार पर करीब 10 फीसदी बढ़कर जुलाई में 5,900 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सेंसेक्स ईटीएफ के मामले में एयूएम 64 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 725 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पहले 442 करोड़ रुपये था।

निप्पॉन इंडिया के सेंसेक्स ईटीएफ का एयूएम 18 फीसदी उछलकर 559 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, वहीं निफ्टी 50 के ईटीएफ में महज 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई क्योंकि इसका आधार बड़ा है। कुल मिलाकर हर योजना को जुलाई में ईपीएफओ से संभवत: 200 से 500 करोड़ रुपये मिले होंगे।

उनके फंडों के बड़े आकार के कारण अन्य संस्थागत निवेशकों व खुदरा निवेशकों से भी उन्हें निवेश मिल सकता है।

पिछले वित्त वर्ष 2023 में ईपीएफओ ने ईटीएफ में 53,081 करोड़ रुपये का निवेश किया था और यह जानकारी संसद में सरकार की तरफ से पेश आंकड़ों से मिली है। यह निवेश सभी इक्विटी ईटीएफ में निवेशित सकल रकम का 50 फीसदी से ज्यादा है।

रिटायरमेंट फंड के 15 फीसदी तक के निवेश की अनुमति इक्विटी में है। यह सीमा विबिन्न वर्षों में बढ़ी है। 2015-16 में यह सीमा महज 5 फीसदी थी।
निप्पॉन व आईसीआईसीआई प्रू को उनकी ईटीएफ पेशकश में खासी रकम दिए जाने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन इस कदम के साथ कुछ कुर्बानी भी है।

निवेश हासिल करने से पहले दोनों एएमसी ने निफ्टी-50 व सेंसेक्स ईटीएफ के प्रबंधन के लिए वसूले जाने वाले शुल्क में काफी कटौती की थी। मई में आईसीआईसीआई प्रू ने निफ्टी-50 ईटीएफ के लिए कुल खर्च अनुपात 0.05 फीसदी से घटाकर 0.0279 फीसदी कर दिया था। इसी तरह सेंसेक्स ईटीएफ के लिए कुल खर्च अनुपात आधा घटाकर 0.0254 फीसदी किया गया था। इन ईटीएफ पर वसूले जाने वाले कुल खर्च अनुपात अब अपनी श्रेणी में सबसे कम है। इसके साथ ही निप्पॉन इंडिया ईटीएफ ने निफ्टी 50 के लिए कुल खर्च अनुपात घटाकर 0.0374 फीसदी कर दिया, जो पहले 0.05 फीसदी था।

एसबीआई एमएफ व यूटीआई ने भी ऐसा ही किया और दोनों इंडेक्स ट्रैकर के लिए अपना कुल खर्च अनुपात 0.05 फीसदी के नीचे ला दिया। दो नए एएमसी को जोड़े जाने का फैसला ईपीएफओ की मार्च के आखिर में हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में हुआ था।

First Published : August 21, 2023 | 10:09 PM IST