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एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की एसेट मैनेजमेंट यूनिट, एमके इनवेस्टमेंट मैनेजर्स लिमिटेड (EIML) ने ‘एमके स्मॉल एंड मिड कैप ग्रोथ इंजन फंड’ लॉन्च करने की घोषणा की है। EIML इस नए फंड से वित्त वर्ष 2025-26 में 500 से 1,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य बना रही है। इस फंड का उद्देश्य लंबी अवधि में पूंजी में वृद्धि (long-term capital appreciation) हासिल करना है, जिसके लिए यह मुख्य रूप से स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों में निवेश करेगा।
इस पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) प्रोडक्ट के तहत निवेश इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में किया जाएगा। फंड एक बैलेंस और डायवर्सिफाइड इक्विटी पोर्टफोलियो बनाए रखेगा, जो फंडामेंटल रिसर्च पर आधारित होगा।
फंड बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग स्ट्रैटेजी के आधार पर शेयरों का चुनाव करेगा। इसके लिए कंपनी के बिजनेस मॉडल, मैनेजमेंट और वैल्यूएशन का पूरा विश्लेषण किया जाएगा।
स्ट्रैटेजी- लिस्टेड इक्विटी
बेंचमार्क: S&P BSE 500 TRI
निवेश अवधि: 2 से 3 साल
फंड मैनेजर्स: मनीष सोंथालिया और कश्यप जावेरी
EIML के डायरेक्टर और चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर मनीष सोंथालिया ने कहा, “SMID सेगमेंट ग्रोथ की संभावनाओं, वैल्यूएशन में आकर्षक स्तर, निवेश में सहजता और मैक्रोइकोनॉमिक सपोर्ट का बेहतरीन मेल पेश करता है, जो इसे निवेश के लिए एक मजबूत विकल्प बनाता है। यह फंड हमारी फोकस्ड बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग स्ट्रैटेजी का पालन करता है, जो गहराई से की गई फंडामेंटल रिसर्च पर आधारित है। यह रिसर्च हमारे E-Qual फ्रेमवर्क पर आधारित है, जो संभवतः भारत में अपनी तरह का एकमात्र मॉडल है, और मैनेजमेंट क्वालिटी का ऑब्जेक्टिव स्कोर तैयार करने में मदद करता है।”
EIML के मुताबिक, स्मॉल और मिड कैप (SMID) कंपनियां भारत की ग्रोथ स्टोरी से जुड़ने का एक व्यापक मौका देती हैं, खासतौर पर इनोवेशन, डिजिटलीकरण, कैपेक्स और खपत के जरिए। लार्ज कैप की तुलना में इनमें अल्फा जनरेशन (अतिरिक्त रिटर्न) के ज्यादा मौके होते हैं।
ये सेक्टर्स उन मैक्रो इकोनॉमिक फैक्टर्स से फायदा उठा सकते हैं जैसे कि घटती महंगाई, ब्याज दरों में कमी, बढ़ती घरेलू आय के चलते मजबूत खपत और बाजार को सहारा देने वाली लिक्विडिटी नीतियां, जो मिलकर तेज विकास को संभव बनाती हैं। चूंकि SMID कंपनियां अपने ऑपरेशन और विस्तार के लिए ज्यादा उधारी पर निर्भर रहती हैं, इसलिए ब्याज दरों में कमी और खुदरा महंगाई में नरमी के माहौल में ये कंपनियां तेजी से रिकवरी कर सकती हैं और बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।
EIML के अनुसार, मिड और स्मॉल-कैप कंपनियों में अगले 3 से 5 वर्षों के दौरान सकारात्मक ग्रोथ की संभावना है, जिससे ये निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प बन सकती हैं। EIML यह भी बताता है कि पिछले पांच वर्षों में मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स ने मजबूत रिटर्न दिए हैं। इसके अलावा, कंपनी का मानना है कि मौजूदा मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति और आकर्षक वैल्यूएशन, खासकर हालिया मार्केट करेक्शन के बाद, SMID सेगमेंट में निवेश के लिए एक बेहतर अवसर पेश कर रहे हैं।
मार्च 2025 तक, स्मॉल-कैप और मिड-कैप म्युचुअल फंड्स (MFs) की कुल इक्विटी फ्लो में हिस्सेदारी 30% से ज्यादा हो गई है, जो कि एक साल पहले लगभग 5% थी। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) और म्युचुअल फंड्स से मिल रही दोहरी सपोर्ट इस तेजी को अधिक टिकाऊ बनाती है। SMID सेगमेंट में मजबूत होती निवेश रुझान यह संकेत देती है कि आने वाले मध्यम अवधि में स्मॉल और मिड-कैप शेयरों में चुनिंदा अवसर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।