facebookmetapixel
AGI से पहले ही Microsoft ने मजबूत की पकड़, OpenAI में 27% स्टेक पक्काभारतीय रियल एस्टेट में बड़ा बदलाव! विदेशी पैसा 88% घटा, अब घरेलू निवेशकों का जलवा30 नवंबर तक पेंशनर्स कर लें यह जरूरी काम, वरना दिसंबर में रुक सकती है पेंशनGold Silver Price: शादियों के सीजन में सोने-चांदी की चमक बढ़ी! गोल्ड 1.19 लाख के पार, सिल्वर 1.45 लाख के करीबBusiness Standard BFSI Summit 2025 LIVEOrkla India का IPO आज से खुला, जानिए कितना है GMP और कितनी तेजी दिखा रहा है बाजार₹83 का ये सस्ता शेयर देगा 40% रिटर्न! Q2 में मुनाफा 58% उछला, ब्रोकरेज ने कहा – ‘BUY’₹800 वाला शेयर चढ़ेगा ₹860 तक! HDFC Securities के एनालिस्ट ने चुने ये 2 तगड़े स्टॉक्सStock Market Update: सेंसेक्स ने पकड़ी रफ्तार, निफ्टी 26,050 के पार; ट्रंप ने US-India ट्रेड डील के दिए संकेतTRAI का बड़ा फैसला! अब हर कॉलर की पहचान करेगी CNAP सर्विस

बाजार में हालिया गिरावट के बावजूद म्युचुअल फंड उद्योग बेफिक्र, नए फंड ऑफर की भरमार

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास जमा कराए आवेदनों की संख्या से पता चलता है कि फिलहाल नए फंड ऑफर (NFO) का सिलसिला जारी रहेगा।

Last Updated- November 05, 2024 | 10:36 PM IST
Mutual Fund

शेयर बाजार में हालिया गिरावट के बावजूद म्युचुअल फंड (MF) उद्योग बेफिक्र नजर आ रहा है और कम से कम आने वाले हफ्तों में नई एमएफ योजनाएं पेश किए जाने की रफ्तार धीमी पड़ने की संभावना नहीं है। पिछले महीने फंडों ने 21 नई इक्विटी योजनाएं पेश की थीं और नवंबर में 5 अन्य योजनाएं आने वाली हैं।

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास जमा कराए आवेदनों की संख्या से पता चलता है कि फिलहाल नए फंड ऑफर (NFO) का सिलसिला जारी रहेगा। परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने अक्टूबर में 21 इक्विटी योजनाओं के लिए मंजूरी मांगी थी।

बाजार में तेजी और थीम वाले तथा क्षेत्र विशेष पर केंद्रित फंडों में निवेशकों की रुचि को देखते हुए इस साल ढेर सारे नए फंड लाए गए हैं। जनवरी से अभी तक एएमसी ने 135 इक्विटी योजनाएं पेश की हैं, जिनमें एक्टिव और पैसिव दोनों तरह के फंड शामिल हैं। 2023 में 88 नई इक्विटी योजनाएं आई थीं।

शेयर बाजार में संभावित चुनौतियों के बावजूद म्युचुअल फंड के कार्याधिकारी बेफिक्र हैं। वे पैसिव क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर अलग-अलग तरह के नए फंड पेश करने की रणनीति अपना रहे हैं।

मोतीलात ओसवाल के कार्यकारी निदेशक और मुख्य बिजनेस अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘बाजार की स्थिति से एनएफओ की मांग पर असर पड़ता है। जब बाजार में घबराहट हो तो हमें अधिक प्रयास करना होता है मगर अभी ऐसा माहौल नहीं है।’ उन्होंने कहा कि बाजार में गिरावट आई है मगर निवेशकों का हौसला अभी बना हुआ है।

चतुर्वेदी ने कहा कि उनकी कंपनी अगले 5 से 10 साल में विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घावधि पूंजी सृजन का अवसर देख रही है। उन्होंने कहा, ‘अगले दशक में भारत में उच्च वृद्धि की संभावना है। बदलता आर्थिक परिदृश्य विकास की संभावना प्रदान कर रहा है और नए थीम वाले निवेश के अवसर मुहैया रहा है।’

मोतीलाल ओसवाल ने हाल ही में मिड और स्मॅलकैप कंपनियों पर केंद्रित कई क्षेत्रीय और थीम वाली योजनाएं पेश की हैं।

वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार नवंबर में कम से कम 5 इक्विटी एनएफओ खुलेंगे। इनमें निप्पॉन इंडिया का निफ्टी रियल्टी इंडेक्स फंड और निफ्टी ऑटो इंडेक्स फंड, पीजीआईएम इंडिया का एक्टिव हेल्थ-केयर फंड, टाटा एमएफ का इनोवेशन फंड और श्रीराम एएमसी का मल्टी-सेक्टर रोटेशन फंड शामिल हैं।

पीजीआईएम इंडिया एमएफ के कार्यकारी निदेशक और मुख्य बिजनेस अधिकारी अभिषेक तिवारी का मानना है कि नए फंड लाने के लिए अनूठे दृष्टिकोण अहम हैं। हालांकि फंड हाउस ऐसे फंड नहीं नहीं लाना चाहेंगे जो निवेशकों को अस्थिर अनुभव प्रदान करे।

तिवारी ने कहा, ‘हम विशेष समय देखकर फंड लाने में यकीन नहीं करते हैं बल्कि ऐसे सेगमेंट पर ध्यान देते हैं जो हर समय प्रासंगिक हो। स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र को सुरक्षित माना जाता है मगर इनमें से कई में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है। हमारा मानना है कि निवेशकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में फिर से दिलचस्पी बढ़ी है।’

First Published - November 5, 2024 | 10:31 PM IST

संबंधित पोस्ट