भारत की ट्रैक्टर इंडस्ट्री ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही यानी Q1FY26 में 9.2 प्रतिशत की सालाना बढ़त दर्ज की है। यह जानकारी Motilal Oswal Financial Services की एक रिसर्च रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस ग्रोथ के पीछे मुख्य वजह ज्यादा हॉर्सपावर (HP) वाले ट्रैक्टर्स की मजबूत मांग और खरीफ फसल से पहले डीलरों द्वारा ट्रैक्टरों का स्टॉक जमा करना रही। अप्रैल से जून के बीच कुल 2.86 लाख ट्रैक्टरों की बिक्री हुई, जो किसानों की अच्छी आमदनी और कृषि राज्यों में मजबूत मांग की तरफ इशारा करता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 41 से 50 HP वाले ट्रैक्टर सेगमेंट ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। इस कैटेगरी की हिस्सेदारी Q1FY26 में ट्रैक्टर इंडस्ट्री की कुल बिक्री का 65.2% रही। इस सेगमेंट में 13.5% की सालाना बढ़त देखने को मिली है। यह दिखाता है कि अब किसान ज्यादा ताकतवर और भारी काम करने वाले ट्रैक्टर्स की ओर बढ़ रहे हैं, जो खेती के काम को आसान और तेज बनाते हैं।
इसके साथ ही 30 हॉर्सपावर से कम वाले ट्रैक्टर्स की मांग में भी 21.3% की बढ़त देखी गई है। ये ट्रैक्टर्स आमतौर पर बागवानी और छोटे किसानों के बीच ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। वहीं 31 से 40 HP वाले ट्रैक्टर्स की बिक्री में 4.2% की गिरावट आई है, जिससे पता चलता है कि अब लोग मिड-रेंज ट्रैक्टर्स में कम रुचि दिखा रहे हैं।
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क्षेत्र के हिसाब से देखें तो पश्चिम और उत्तर भारत ने ट्रैक्टर बिक्री में सबसे बड़ी हिस्सेदारी दी है। Q1FY26 में पश्चिम भारत की हिस्सेदारी 38.6% रही, जो कि FY19 में सिर्फ 28.9% थी। यानी यहां ट्रैक्टरों की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पश्चिम भारत में इस तिमाही में 10% की सालाना वृद्धि हुई है। दूसरी तरफ उत्तर भारत की हिस्सेदारी 34% रही, लेकिन यहां बिक्री में हल्की 1.5% की गिरावट देखी गई है।
वहीं, दक्षिण और पूर्व भारत में पिछले साल की कमजोर बिक्री के बाद इस बार अच्छी रिकवरी हुई है। दक्षिण भारत में 21.9% और पूर्व भारत में 27.6% की सालाना बढ़त दर्ज की गई है। हालांकि FY19 के मुकाबले दक्षिण भारत की हिस्सेदारी घटकर 13.7% रह गई है, जो पहले 19% थी। इससे यह भी साफ होता है कि किस क्षेत्र में ट्रैक्टरों की मांग तेज हो रही है और कहां धीरे-धीरे घट रही है।
Motilal Oswal की रिपोर्ट कहती है कि फिलहाल ट्रैक्टर इंडस्ट्री में पॉजिटिव माहौल बना हुआ है, लेकिन आगे के महीनों में मानसून की स्थिति और ग्रामीण इलाकों में पैसा (liquidity) कितना रहेगा, यह दो बातें बहुत अहम होंगी। अगर बारिश समय पर और अच्छी हुई, और किसानों के पास खर्च करने के लिए पैसा रहा, तो मांग बनी रह सकती है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खेती में मशीनीकरण, सरकारी योजनाएं, और तेजी से काम करने वाले कृषि उपकरणों की जरूरत जैसे कई लॉन्गटर्म कारण हैं, जो इंडस्ट्री को आने वाले सालों में सपोर्ट करेंगे। FY26 में ट्रैक्टर इंडस्ट्री में 4% से 7% तक की ग्रोथ की उम्मीद की गई है।
रिपोर्ट में खास तौर पर Mahindra & Mahindra (M&M) का ज़िक्र किया गया है, जिसे ट्रैक्टर इंडस्ट्री की सबसे मजबूत कंपनी बताया गया है। FY25 में M&M ने SUV बाजार में अपनी लीड बरकरार रखी और 41% की एक्सपोर्ट ग्रोथ, साथ ही मुनाफा और मार्जिन में भी सुधार किया। FY25 में कंपनी की आय 17% बढ़कर ₹1,165 अरब हो गई, और मुनाफा 11% बढ़कर ₹11,860 करोड़ पहुंचा। इसके अलावा कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन (Ebitda Margin) 1.4% बढ़कर 14.7% हो गया।
Q1FY26 में M&M ने ट्रैक्टर इंडस्ट्री से बेहतर प्रदर्शन किया और उसकी वॉल्यूम ग्रोथ 10.5% रही। इस दौरान कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 45.2% तक पहुंच गई, यानी हर दो में से एक ट्रैक्टर M&M का बिका। खासकर 41–50HP सेगमेंट में कंपनी की पकड़ और भी मजबूत हुई है।
पूर्व और पश्चिम भारत में M&M ने ग्रामीण इलाकों में गहरी पहुंच और बेहतर डीलर नेटवर्क के दम पर बड़ी हिस्सेदारी बनाई है। Motilal Oswal का मानना है कि FY25 से FY27 के बीच M&M की ट्रैक्टर बिक्री में 7% सालाना बढ़ोतरी (CAGR) की संभावना है। वहीं कंपनी की आमदनी, ऑपरेटिंग प्रॉफिट (Ebitda) और शुद्ध मुनाफा (PAT) में क्रमशः 14%, 13% और 16% की सालाना ग्रोथ हो सकती है।
Motilal Oswal ने Mahindra & Mahindra के शेयर पर ‘Buy’ की रेटिंग दी है और इसका Target Price ₹3,643 बताया है। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रैक्टर इंडस्ट्री में लीडरशिप, नए मॉडल्स की लॉन्चिंग और ग्रामीण इलाकों से मिलने वाली मजबूती M&M को आने वाले वर्षों में एक भरोसेमंद और मुनाफा देने वाली कंपनी बना सकती है।