बाजार

₹75 तक जाएगा Suzlon Energy का स्टॉक! मोतीलाल ओसवाल ने कहा- खरीदें; 2 साल में मिला 620% का बंपर रिटर्न

रिपोर्ट के मुताबिक, RLMM के नियम लागू होने से भारतीय कंपनियों के लिए कंपटीशन कम हो सकता है और सुजलॉन जैसी कंपनियों का मार्केट शेयर बढ़ सकता है।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- May 15, 2025 | 11:16 AM IST

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) पर रिपोर्ट जारी करते हुए इसे ‘Buy’ रेटिंग दी है और ₹75 का टारगेट प्राइस रखा है। मौजूदा भाव ₹58 है, यानी करीब 30% की तेजी की उम्मीद है।

सरकार की तरफ से हाल ही में RLMM (Revised List of Models and Manufacturers) से जुड़ा एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें पवन टरबाइन निर्माण में स्थानीय हिस्सों (local content) का उपयोग जरूरी किया गया है। ब्रोकरेज का मानना है कि अगर यह नियम लागू होता है, तो यह भारतीय कंपनियों के लिए लंबे समय तक फायदेमंद रहेगा, और सुजलॉन को इसका बड़ा फायदा मिल सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, RLMM के नियम लागू होने से भारतीय कंपनियों के लिए कंपटीशन कम हो सकता है और सुजलॉन जैसी कंपनियों का मार्केट शेयर बढ़ सकता है। अभी केवल 50-60% ऑर्डर ही भारतीय कंपनियों को मिलते हैं, लेकिन सुजलॉन के पास भारत में सभी जरूरी पुर्जों को बनाने की सुविधा है, जिससे इसका फायदा और बढ़ेगा।

Also Read | BPO में काम करने वालों के लिए बदल रहा सबकुछ! बड़े बदलाव से गुजर रहे 20 लाख लोग और 1,000 कंपनियां

EPC मॉडल से ऑर्डर बुक मजबूत

कंपनी अब ज्यादा से ज्यादा EPC (Engineering, Procurement, and Construction) प्रोजेक्ट्स लेने पर जोर दे रही है। अभी कंपनी के ऑर्डर बुक में EPC प्रोजेक्ट्स की हिस्सेदारी 20% है, जिसे मध्यम अवधि में 50% तक ले जाने का प्लान है। इससे डिलीवरी पर बेहतर नियंत्रण मिलेगा।

ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी FY26 में 2.4 गीगावॉट डिलीवरी कर सकती है, यानी हर तिमाही में 600 मेगावॉट की दर से। FY25-27 के दौरान कंपनी की आय और मुनाफा 46% और 58% की दर से बढ़ सकता है।

शेयर का वैल्यूएशन अब भी आकर्षक

मोतीलाल ओसवाल ने बताया कि FY27 के अनुमानित मुनाफे के हिसाब से शेयर 24x PE पर ट्रेड कर रहा है, जो कि हालिया गिरावट के बाद आकर्षक वैल्यूएशन है। ब्रोकरेज ने ₹75 का टारगेट प्राइस रखते हुए ‘Buy’ रेटिंग बरकरार रखी है।

सरकार के नए नियमों से और फायदा

सरकार के नए ड्राफ्ट के अनुसार अब पवन टरबाइन के ब्लेड, टावर, गियरबॉक्स और जनरेटर देश में ही बनाना जरूरी होगा। अगले छह महीने में गियरबॉक्स और जनरेटर का आयात भी बंद हो जाएगा। साथ ही, कंपनियों को R&D सेंटर भी भारत में खोलने होंगे। इन नियमों से चीनी कंपनियों से मुकाबले का डर भी कम होगा और भारतीय कंपनियों का मार्जिन और मार्केट शेयर मजबूत होगा।

(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जो​खिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published : May 14, 2025 | 12:38 PM IST