facebookmetapixel
Credit Card Fraud: क्रेडिट कार्ड फ्रॉड में पैसा गंवा दिया? जानें कहां करें शिकायत और कैसे मिलेगा रिफंडटाटा म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ETF फंड-ऑफ-फंड में नए निवेश की सुविधा फिर से शुरू कीअगर यात्रा के दौरान चलती ट्रेन से आपका फोन हाथ से गिर जाए तो आपको क्या करना चाहिए?Dr Reddy’s Q2 Results: मुनाफा 14.5% बढ़कर ₹1,437.2 करोड़ पर पहुंचा, आय बढ़कर ₹8,805 करोड़ परकहीं आप फर्जी दवा तो नहीं ले रहे? CDSCO की जांच में मिला नकली कफ सिरप और 112 कम क्वालिटी वाली दवाएंभारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेलऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियत

मौद्रिक नीति, ग्रामीण परिदृश्य पर निर्भर करेगी बाजार की चाल: Union AMC CEO

यूनियन एएमसी के मुख्य कार्या​धिकारी जी प्रदीप कुमार का कहना है कि इ​क्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद इस वित्त वर्ष में एसआईपी प्रवाह मजबूत रहा है और आगे भी इसमें तेजी बने रहने की संभावना है। उन्होंने अ​भिषेक कुमार के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि एसआईपी प्रवाह म्युचुअल फंड उद्योग के विकास के लिए आधार बना रहेगा। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

Last Updated- March 10, 2023 | 8:10 PM IST

एक रिपोर्ट में, यूनियन एमएफ ने अनुमान जताया है कि भारत सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ देगा। यदि ऐसा होता है तो कौन से क्षेत्रों को ज्यादा फायदा होगा?

भारत दुनिया में तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, इसे देखते हुए हमारा मानना है कि उसकी प्रति व्य​क्ति औसत आय मजबूत बनी रहेगी। इस मजबूत प्रति व्य​क्ति आय से मध्याव​धि से दीर्घाव​धि के दौरान कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी और कंज्यूमर स्टैपल्स जैसे खपत-केंद्रित क्षेत्रों में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

इसके अलावा, भारत वै​श्विक निर्माण केंद्र बनने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है और वै​श्विक सप्लाई चेन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। वि​भिन्न उत्पाद-केंद्रित पहलों पर सरकार द्वारा ध्यान दिए जाने और इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च बढ़ाने से देश के दीर्घा​व​धि विकास के लिए आधार तैयार हो रहा है। इसलिए, हमारा मानना है कि उद्योग और वित्तीय क्षेत्रों में दीर्घाव​धि के दौरान अच्दी विकास संभावनाएं दिखेंगी।

बाजार ने करीब डेढ़ साल से शानदार प्रतिफल नहीं दिया है। योजनाओं में नया निवेश आक​र्षित करने की दिशा में यह कितना चुनौतीपूर्ण है?

भारतीय इ​क्विटी बाजार ने वृहद आ​र्थिक समस्याओं के बावजूद 2022 में कई विकसित बाजारों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया। 2021-22 के मुकाबले 2022-23 के दौरान इ​क्विटी फंडों में प्रवाह के संदर्भ में हमने कुछ नरमी दर्ज की, लेकिन यह अच्छी बात है कि एसआईपी प्रवाह मजबूत बना रहा।

हमारा मानना है कि एसआईपी में तेजी बनी रहेगी और म्युचुअल फंड उद्योग में वृद्धि का आधार साबित होगी।

ऐसे कौन से कारक हैं जिनसे बाजार को ताकत मिल सकती है?

पहला है, सरकार द्वारा निर्माण प्रणाली, खासकर वित्तीय प्रोत्साहन के जरिये बढ़ावा देने का प्रयास। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च मुख्य रूप से शामिल है। इससे भारत मैन्युफेक्चरिंग पावरहाउस के तौर पर स्थापित करने और घरेलू निर्माताओं के लिए व्यवसाय आक​र्षित करने में मदद मिलेगी। प्रमुख क्षेत्र का ताजा प्रदर्शन सरकार द्वारा पूरे देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिए जाने के लिए किए जा रहे पूंजीगत खर्च का संकेत है।

दूसरा, केंद्रीय बैंकों द्वारा तरलता बढ़ाकर अनुकूल मौद्रिक नीति पर जोर दिए जाने से बाजार को ताकत मिल सकती है। इसके अलावा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मुद्रास्फीति और बुनियादी ढांचागत खर्च में विलंब समेत कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। व्यापक वृद्धि और खपत में तेजी लाने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था का कायाकल्प जरूरी है।

निवेशक करीब करीब दो साल से डेट फंडों से दूरी बनाए हुए हैं। क्या यह एमएफ उद्योग के लिए चिंताजनक है?

निर्धारित आय वाले निवेशकों को सुस्त प्रतिफल मिला है, लेकिन ऊंचे बॉन्ड प्रतिफल की वजह से अब हालात बदल रहे हैं। हमारी नजर में, 2023-24 निर्धारित आय फंडों के लिए अच्छे अवसर प्रदान करेगा। माना जा रहा है कि ब्याज दरें अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं और अगले दो-तीन साल में इनमें गिरावट आने का अनुमान है, जो निर्धारित आय फंडों में आकर्षक निवेश अवसर होगा।

मूल्यांकन और आ​र्थिक परिदृश्य को देखते हुए कौन से इ​क्विटी फंड अच्छा प्रतिफल देंगे?

मूल्यांकन के नजरिये, हम लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों के बीच तटस्थ हैं। भले ही मिडकैप और स्मॉलकैप में अच्छी वृद्धि की संभावना है, लेकिन उनमें बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है। फिर भी सकारात्मक दीर्घाव​धि आ​र्थिक परिदृश्य को देखते हुए, सभी इ​क्विटी फंड बदलाव का लाभ उठाने के लिए अच्छी ​स्थिति में हैं।

First Published - March 10, 2023 | 8:10 PM IST

संबंधित पोस्ट