सरकार द्वारा पिछले हफ्ते घोषित किए गए GST ढांचे में बदलाव और जल्द आने वाले आठवें वेतन आयोग की सौगात से शेयर बाज़ार में खपत से जुड़े सेक्टर्स को बड़ा फायदा मिल सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले महीनों में एसी कंपनियों, चुनिंदा ऑटोमोबाइल, FMCG, रिटेल और क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) से जुड़ी कंपनियों के शेयर नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय निवेशकों को कैपेक्स आधारित कंपनियों की बजाय खपत से जुड़े शेयरों पर दांव लगाना चाहिए। दरअसल, अब तक के आंकड़े भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 में निफ्टी इंडिया कंजम्पशन इंडेक्स करीब 11% बढ़ा है, जबकि इसी अवधि में निफ्टी 50 इंडेक्स की बढ़त करीब 5% रही है।
ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि GST ढांचे में किए गए बदलाव न सिर्फ खपत वाले सेक्टर को मजबूती देंगे, बल्कि निवेश रणनीति भी अब इन्हीं शेयरों पर केंद्रित होनी चाहिए। चलिए दिग्गज निवेशकों का नजरिया विस्तार से समझते हैं।
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस Bernstein का मानना है कि अच्छे मॉनसून और ग्रामीण इलाकों में सुधार के बावजूद अभी देश में खपत की पूरी तरह वापसी नहीं हुई है। उनका अनुमान है कि अगर सरकार के प्रोत्साहन का करीब 65% हिस्सा खर्च के रूप में वापस आता है, तो सालाना लगभग 13 बिलियन डॉलर तक की अतिरिक्त खपत हो सकती है। इससे शेयर बाज़ार को सहारा मिलेगा, भले ही इसका कुछ असर कैपेक्स खर्च में कटौती से आए। Bernstein का कहना है कि आने वाले महीनों में निजी खर्च बढ़ेगा और निफ्टी में आर्थिक कमजोरी और टैरिफ की अनिश्चितता के बावजूद साल के बाकी हिस्से में अच्छा (हाई सिंगल-डिजिट) रिटर्न मिल सकता है। निवेश रणनीति के लिहाज से Bernstein ने इस साल इंडस्ट्रियल्स से ज्यादा कंज्यूमर सेक्टर पर फोकस रखा है। हाल ही में उसने कंज्यूमर स्टेपल्स और ड्यूरेबल्स को तरजीह दी है और अपने भारत पोर्टफोलियो में चुनिंदा रिटेल और क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स (QSRs) को शामिल किया है।
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Jefferies का मानना है कि सरकार के प्रस्तावित GST ढांचे में बदलाव से कई सेक्टरों को सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है। इस समय 28% टैक्स वाले सामान जैसे टू-व्हीलर्स (बजाज, हीरो, टीवीएस, आयशर), एसी कंपनियां (वोल्टास, ब्लू स्टार, एंबर एंटरप्राइजेज – साथ ही थोड़े स्तर पर व्हर्लपूल, हैवेल्स और लॉयड) और संभवतः छोटी कारें और हाइब्रिड गाड़ियां को सबसे ज्यादा फायदा मिल सकता है।
इसी तरह सीमेंट सेक्टर भी बड़े स्तर पर फायदा उठाएगा। वहीं, 12% टैक्स स्लैब हटाने से प्रोसेस्ड फूड्स, 1,000 रुपये से कम के फुटवियर, 7,500 रुपये से कम के होटल रूम, 1,000 रुपये से ऊपर के गारमेंट्स और कृषि उपकरण सस्ते हो सकते हैं। बीमा प्रीमियम पर टैक्स दर घटने से लोगों को राहत मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि सीमेंट और अन्य कंस्ट्रक्शन मटीरियल्स पर टैक्स कम होने से रियल एस्टेट डेवलपर्स के मार्जिन भी सुधरेंगे। चूंकि फेस्टिवल सीजन की खरीदारी मध्य सितंबर से शुरू हो जाएगी, ऐसे में इन बदलावों का समय पर लागू होना बेहद जरूरी है, वरना असर देर से दिखेगा। इसके अलावा, टैक्स कटौती से CPI (महंगाई दर) पर भी दबाव घटेगा और FY26 की पहली छमाही तक इसका असर बना रहेगा, जिससे RBI से आगे और रेट कट्स की उम्मीदें बढ़ सकती हैं।
Emkay ग्लोबल का मानना है कि सरकार के GST सुधार से खपत वाले सेक्टरों को कैपेक्स के मुकाबले और ज्यादा बढ़त मिलती दिख रही है। लेकिन कुल मांग (एग्रीगेट डिमांड) पर असर इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार टैक्स से होने वाले राजस्व घाटे को कैसे पूरा करती है। अगर सरकार अपने वित्तीय लक्ष्य (fiscal targets) बनाए रखना चाहती है, तो इसकी भरपाई शायद कैपेक्स खर्च या सामाजिक योजनाओं और ग्रामीण स्कीमों के बजट में कटौती करके की जाएगी। इससे मांग में तेजी सीमित हो सकती है।
हालांकि दूसरी तरफ, अगर बाकी सब हालात समान रहते हैं तो टैक्स दरों में ऐसे बदलाव से FMCG, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑटो, सीमेंट और बीमा सेक्टर जैसे क्षेत्रों में खपत बढ़ने की संभावना है।
मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि GST सुधार से जिन सेक्टरों को सबसे ज़्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है, उनमें कंज्यूमर स्टेपल्स (जैसे HUL, Britannia), ऑटोमोबाइल्स (Maruti, Ashok Leyland), सीमेंट (Ultratech), होटल्स (₹7,500 से कम रूम रेट वाले), रिटेल (फुटवियर), कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (Voltas, Amber), लॉजिस्टिक्स (Delhivery), क्विक कॉमर्स (Swiggy) और कुछ फाइनेंशियल कंपनियां जैसे HDFC Bank और Bajaj Finance शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर मांग, कम कच्चे माल की लागत और टैक्स राहत से इन सेक्टरों में तेजी और निवेशकों के लिए अच्छे रिटर्न देखने को मिल सकते हैं।
ICICI Securities का कहना है कि GST सुधारों से शेयर बाजार में कई कंपनियों को सीधा फायदा मिलने की संभावना है। पैकेज्ड फूड कंपनियों जैसे Nestle, HUL, Tata Consumer, AWL Agri और Patanjali को बड़ा लाभ हो सकता है। वहीं, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स जैसे च्यवनप्राश और OTC दवाओं पर टैक्स राहत से Dabur और Emami को फायदा होगा। फलों के जूस पर टैक्स घटने से Dabur और Varun Beverages की कमाई बढ़ सकती है।
डिस्क्रेशनरी आइटम्स में Go Fashion, Vishal Mega Mart और Page Industries को लाभ मिलने की उम्मीद है। व्हाइट गुड्स और ड्यूरेबल्स सेक्टर में Blue Star, Voltas, Havells (Lloyd) और Whirlpool को फायदा हो सकता है। इसके अलावा डेयरी सेक्टर की कंपनियां जैसे Hatsun, Dodla और Heritage भी लाभ में रहेंगी। ऑटोमोबाइल कंपनियों में Maruti Suzuki, Hero MotoCorp और Mahindra & Mahindra इस सुधार से सबसे बड़े विजेता साबित हो सकते हैं।