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बाजार-हलचल: HDFC बैंक के चढ़ते शेयर को लगा जोर का झटका

बैंक ने शुक्रवार को अपना बिजनेस अपडेट दिया जिसमें बताया गया कि जून तिमाही में उसकी उधारी व जमाओं में क्रमिक आधार पर गिरावट आई है।

Published by
समी मोडक   
खुशबू तिवारी   
Last Updated- July 07, 2024 | 10:21 PM IST

पिछले कुछ हफ्तों से एचडीएफसी बैंक के शेयर (HDFC Bank Share) में इस उम्मीद में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही थी कि एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में बैंक का भार दोगुना हो जाएगा, जिससे 3 से 4 अरब डॉलर का निवेश मिलने की संभावना होगी।

लेकिन शुक्रवार को बैंक ने अपना बिजनेस अपडेट दिया जिसमें बताया गया कि जून तिमाही में उसकी उधारी व जमाओं में क्रमिक आधार पर गिरावट आई और इसमें वे निवेशक फंस गए जिन्होंने तेजी का दांव लगाया था।

एक विश्लेषक ने कहा कि एचडीएफसी बैंक की ताजा जानकारी से आमतौर पर कमजोर तिमाही का पता चला। हालांकि ऐसी बड़ी गिरावट की यही वजह नहीं थी। बड़ी गिरावट कुछ अमीर निवेशकों के स्टॉप लॉस के कारण हुई, जिन्होंने लॉन्ग पोजीशन ले रखी थीं। हम 1,600 के स्तर को मजबूत समर्थन मान रहे हैं और शेयर में फिर बढ़त दिख सकती है क्योंकि एमएससीआई वेटेज में अगले महीने बढ़ोतरी होनी ही है।

समान शुल्क कौन लागू करेगा सबसे पहले? ब्रोकरेज दरें बढ़ने की बात बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने ब्रोकरों को निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों से समान शुल्क वसूलें। ऐसे में शून्य लागत वाला ब्रोकरेज मॉडल खत्म होने की संभावना है।

अभी ब्रोकरेज की तरफ से एक्सचेंज शुल्क के तौर पर ग्राहकों से वसूली गई रकम और उनकी तरफ से एक्सचेंज को दिया जाने वाला भुगतान अलग-अलग है। लेकिन यह अंतर अक्टूबर से खत्म होने वाला है। तब समान शुल्क ढांचा लागू हो जाएगा और ब्रोकरेज फर्में वास्तविक ब्रोकरेज में इजाफा कर सकती हैं। हालांकि यह देखना बाकी है कि इस पर कौन पहल करता है।

उद्योग में गलाकाट प्रतिस्पर्धा है और अगर कोई एक ब्रोकर को छोड़कर किसी और के पास जाना चाहे तो इसकी प्रक्रिया आसान है। मझोले आकार की ब्रोकरेज फर्म के सीईओ ने कहा कि निश्चित तौर पर ब्रोकरेज दरें बढ़ेंगी। लेकिन हम शीर्ष तीन फर्मों के कदम का इंतजार कर रहे हैं कि वे क्या रुख अख्तियार करती हैं।

अभी ग्रो, जीरोधा और ऐंजलवन सक्रिय क्लाइंटों के लिहाज से तीन अग्रणी ब्रोकरेज फर्में हैं और उनकी संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 40 फीसदी से ज्यादा है। इस बीच, पूर्ण सेवा वाली ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि उन्हें कुछ बढ़त मिलेगी क्योंकि उन्हें अपना लागत ढांचा बदलने की दरकार नहीं होगी।

डीमैट खातों में खासा इजाफा

देसी ब्रोकिंग उद्योग ने कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही में 2.31 करोड़ नए डीमैट खाते जोड़े। इससे कुल खातों की संख्या 16.23 करोड़ हो गई। कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही के मुकाबले यह आंकड़ा करीब 90 फीसदी ज्यादा है क्योंकि तब 1.22 करोड़ नए डीमैट खाते जुड़े थे और इस तरह से कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली छमाही के 1.6 करोड़ का पिछला रिकॉर्ड भी टूट गया।  :

First Published : July 7, 2024 | 10:21 PM IST