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Market outlook: 2025 में किन सेक्टर में मिलेगा बड़ा मुनाफा और कहां है खतरा? पढ़ें 4 बड़ी ब्रोकरेज की सलाह

भारतीय और वैश्विक बाजारों में 2025 के लिए निवेश के मौके और जोखिम पर JP Morgan, Ashmore, Morgan Stanley और Julius Baer की खास राय।

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- December 16, 2024 | 10:51 AM IST

2024 का साल भारतीय शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। आम चुनावों और उसके बाद आए केंद्रीय बजट, सितंबर तिमाही (Q2-FY25) में कमजोर कॉरपोरेट रिजल्ट, लगातार बनी महंगाई और भारतीय रिजर्व बैंक के ब्याज दरों पर रुख जैसे कई घरेलू मुद्दों के बीच बाजार ने अपनी पकड़ बनाए रखी। इसके अलावा, खराब मौसम भी निवेशकों के लिए चुनौती बना रहा।

वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से जुड़ी अनिश्चितता, पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव, चीन की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए उठाए गए कदम और येन कैरी ट्रेड जैसे फैक्टर्स के बावजूद भारतीय बाजार ने मजबूती दिखाई।

अब जब निवेशक 2025 में कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं, तो उनके सामने कई रिस्क और मौके होंगे। इसलिए, सोच-समझकर निवेश करना और बाजार की हालत पर ध्यान देना जरूरी होगा।

ऐसे में 2025 में कौन से सेक्टर चमकेंगे और किन रिस्क से बचाव करना होगा? जानते हैं कि प्रमुख ब्रोकरेज का नजरिया।

JP Morgan: 2025 में थीम-आधारित निवेश पर जोर

JP Morgan का मानना है कि 2025 में वैश्विक इक्विटी बाजार कई चुनौतियों और अवसरों के बीच बैलेंस बनाएंगे। अलग-अलग स्टॉक्स, सेक्टर्स, देशों और थीम्स में अलग-अलग प्रदर्शन देखने को मिलेगा। ऐसे में, बेंचमार्क-आधारित निवेश की जगह थीम-आधारित निवेश को अपनाना जरूरी होगा।

उभरते बाजारों (EM) में इस साल सीमित लाभ की संभावना है। इसकी वजह वैश्विक नीतियों की अनिश्चितता, मजबूत डॉलर और ऊंची ब्याज दरें हैं। JP Morgan ने भारत और दक्षिण अफ्रीका को ओवरवेट रेटिंग दी है, जबकि अमेरिका से जुड़े लाभ के लिए मेक्सिको और AI ट्रेड के लिए ताइवान पर जोर दिया है। मजबूत डॉलर से बचाव के लिए यूएई को प्राथमिकता दी गई है।

Ashmore: 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी होने की आशंका

Ashmore का कहना है कि 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि घटकर 6.5% तक आ सकती है। इसकी वजह महंगाई का लगातार ऊंचा रहना और चुनावों के चलते सरकारी खर्च में देरी होना है, जिससे शहरी खपत पर असर पड़ा है। इसके साथ ही, सख्त वित्तीय हालात (रेपो रेट ज्यादा होने के चलते) भी आर्थिक गतिविधियों को धीमा कर रहे हैं।

पिछले चार साल की तेज बढ़त के बाद, भारतीय शेयर बाजार पिछले तीन महीनों में कमजोर हुआ है। हालांकि, 2025 में ब्याज दरों में कटौती से बाजार को कुछ सहारा मिल सकता है। यदि खाद्य महंगाई कम होती है, जो आमतौर पर सर्दियों में स्थिर मौसम के कारण घटती है, तो दरों में कटौती जल्द संभव हो सकती है।

Morgan Stanley: भारत और ASEAN पर भरोसा, 2025 में उभरते बाजारों के लिए चुनौतियां

Morgan Stanley का कहना है कि 2025 में भारत, ASEAN (मलेशिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया) और दक्षिण अफ्रीका के बाजारों में बेहतर कमाई की संभावना है। वहीं, उभरते बाजारों को तीन बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा – चीन में कर्ज और मांग की समस्या, टैरिफ बढ़ने की संभावना और इसका वैश्विक आर्थिक वृद्धि व मुद्राओं पर नकारात्मक असर।

Morgan Stanley ने MSCI EM का लक्ष्य 1,160 से घटाकर 1,100 कर दिया है, जिससे शून्य रिटर्न का अनुमान है। हालांकि, भारत, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और मलेशिया को अपने पसंदीदा बाजारों में शामिल किया है।

Julius Baer

Julius Baer का कहना है कि मौजूदा समय में, जहां भू-राजनीतिक बदलाव और आर्थिक उतार-चढ़ाव लगातार हो रहे हैं, निवेशकों को ऐसे बाजारों पर ध्यान देना चाहिए जो स्थिर और भरोसेमंद हों।

उनके अनुसार, अमेरिका, स्वीडन और स्विट्ज़रलैंड जैसे बाजार, जहां निवेशकों के अधिकार सुरक्षित हैं और संस्थागत व्यवस्थाएं मजबूत हैं। बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।

उन्होंने पोर्टफोलियो में सोने को भी शामिल किया है। यह कदम उन निवेशकों की बढ़ती मांग को देखते हुए उठाया गया है जो ऐसी संपत्तियों में निवेश करना चाहते हैं जो पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के जोखिम से दूर हों। हालांकि सरकारी बॉन्ड भी एक विकल्प हैं लेकिन Julius Baer का कहना है कि इक्विटी निवेश के लिए सबसे बेहतर विकल्प है।

First Published : December 16, 2024 | 10:21 AM IST