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बाजार हलचल: डेरिवेटिव बाजार के नए सदस्य क्या दिखा पाएंगे अपना असर?

नुवामा की रिपोर्ट में कहा गया है कि नए शेयर अभी एक शेयर वाले वायदा के कुल ओपन इंटरेस्ट में सिर्फ एक फीसदी का योगदान कर रहे हैं।

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खुशबू तिवारी   
समी मोडक   
Last Updated- December 01, 2024 | 10:15 PM IST

करीब तीन साल बाद नए शेयर शुक्रवार को वायदा एवं विकल्प (F&O) से जोड़े गए। इसी के साथ डेरिवेटिव कारोबार के लिए उपलब्ध शेयरों की संख्या 223 हो गई। ब्रोकरेज के मुताबिक एफऐंडओ में शामिल 45 नए शेयरों ने पहले दिन 3,400 करोड़ रुपये का ओपन इंटरेस्ट सृजित किया और 10 अग्रणी शेयरों की ओपन इंटरेस्ट में हिस्सेदारी 60 फीसदी रही। ओपन इंटरेस्ट में योगदान करने वाला सबसे सक्रिय शेयर जोमैटो, जियो फाइनैंशियल सर्विसेज, एलआईसी, अदाणी ग्रीन और बीएसई रहे।

नुवामा की रिपोर्ट में कहा गया है कि नए शेयर अभी एक शेयर वाले वायदा के कुल ओपन इंटरेस्ट में सिर्फ एक फीसदी का योगदान कर रहे हैं। लेकिन इसमें सतत वृद्धि की संभावना है। ब्रोकरेज के मुताबिक जियो फाइनैंशियल, एलआईसी, अदाणी ग्रीन और बीएसई में निवेशकों ने बुलिश पोजीशन बनाई जबकि जोमैटो, डीमार्ट, येस बैंक और पेटीएम में ज्यादातर शॉर्ट सेलिंग नजर आई।

करीब आ रहा मासिक अनुबंधों की एक्सपायरी का बदला हुआ समय

देश के अग्रणी एक्सचेंज द नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अपने इंडेक्स डेरिवेटिव सौदों के लिए एक्सपायरी का दिन बदलने की घोषणा की है। एक जनवरी से बैंक निफ्टी, निफ्टी फाइनैंशियल सर्विसेज, निफ्टी मिडकैप सलेक्ट और निफ्टी नेक्स्ट 50 के सभी मासिक अनुबंधों की एक्सपायरी हर महीने के आखिरी गुरुवार को होगी। अभी एक्सपायरी की तारीख पूरे हफ्ते में अलग-अलग दिन है।

इसी तरह बीएसई ने सभी इंडेक्स डेरिवेटिव की एक्सपायरी महीने के आखिरी मंगलवार को करने का ऐलान किया है। ये घोषणाएं बाजार नियामक सेबी की तरफ से फ्यूचर और डेरिवेटिव बाजारों में अत्यधिक वॉल्यूम और सटोरिया गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए उठाए गए कदमों के बाद हुई हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से जीरो-डे ऑप्शंस के इर्द-गिर्द का उत्साह घटेगा और डेरिवेटिव सेगमेंट में सटोरिया कारोबार हतोत्साहित होगा। भारी नुकसान उठाने के बावजूद खुदरा निवेशक डेरिवेटिव में बड़े सटोरिया दांव लगाना जारी रखे हुए हैं और इनकी होल्डिंग की औसत अवधि 30 मिनट से कम है।

स्टॉक मार्केट के ऑनलाइन पाठ्यक्रम वाली फर्जी फर्मों पर नजर

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन स्टॉक मार्केट के विभिन्न पाठ्यक्रमों से जुड़े विज्ञापनों की बाढ़ है। ये पाठ्यक्रम अक्सर छात्रों को कम शुल्क के साथ आकर्षित करते हैं लेकिन बाद में शेयरों की टिप के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूलते हैं। हालांकि अपंजीकृत निवेश सलाह देना बाजार नियामक सेबी के नियमों के तहत गैर-कानूनी है। इस पर लगाम के लिए नियामकीय अधिकारी इन पाठ्यक्रमों की निगरानी के लिए गुपचुप तरीके से इनसे जुड़ते हैं और जब उन्हें गलत काम का संदेह होता है तो कार्रवाई करते हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि हम हर इकाई के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते। लेकिन सबूत इकट्ठा करने के लिए गुपचुप तरीके से उनसे जुड़ते हैं। अगर हमें शिकायत मिलती है या गलत आचरण को लेकर संदेह का कारण दिखता है तो हम कार्रवाई करेंगे। पहले भी सेबी ऑर्डर जारी कर या जुर्माना लगाकर ऐसी इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है।

First Published : December 1, 2024 | 10:15 PM IST