Market crash: शेयर बाजार में जारी गिरावट के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मिड और स्मॉलकैप बास्केट में शामिल दो-तिहाई से ज्यादा शेयर मंदी में है। तकनीकी भाषा में कहे तो ये शेयर बियर टेरिटरी (यानी की 20 प्रतिशत या अधिक की गिरावट) में आ गए हैं।
इन दोनों कैटेगरी (मिड और स्मॉल-कैप बास्केट) में शामिल करीब 1,020 शेयरों में से 692 शेयर (यानी 67 प्रतिशत) ने अपने 52-वीक हाई (एक साल के उच्चतम स्तर) से 20 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट दर्ज की है।
इनमें से अधिकांश – 1,020 में से 936 स्टॉक्स – ने कैलेंडर वर्ष 2024 (CY24) में पहले अपने 52-वीक हाई को छुआ था। यह जानकारी ACE Equity डेटा से मिली है।
विश्लेषकों ने कहा कि बाजारों में यह गिरावट, विशेषकर मिड और स्मॉलकैप शेयरों में, उन क्षेत्रों में ठहराव का संकेत देती है, जहां पहले निवेशकों की मजबूत रुचि देखी गई थी। इसके पीछे बाजारों में जल्द रिकवरी को लेकर भरोसे की कमी एक बड़ी वजह है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गौरांग शाह के मुताबिक, इन सेगमेंट में हाई लेवल से गिरावट उच्च मूल्यांकन के अलावा कमाई में निराशा का भी कारण है। उन्होंने कहा कि हालांकि मिडकैप शेयर अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में हैं। शाह को छोटे और माइक्रोकैप शेयरों के लिए आगे और अधिक परेशानी नजर आ रही है।
शाह ने कहा, “छोटे और माइक्रोकैप शेयरों में अभी और बिकवाली का दबाव देखा जा सकता है। क्योंकि सितंबर तिमाही में इन शेयरों की कमाई बहुत खराब रही है। मिडकैप में भी स्टॉक-विशिष्ट होने की आवश्यकता है। बैंकिंग, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs), माइक्रोफाइनेंस, सीमेंट और मेटल में कुछ मिडकैप स्टॉक्स बिकवाली के दबाव के बावजूद अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।”
फ्यूज़न माइक्रो फाइनेंस, स्पंदना स्फूर्ति फाइनेंशियल और जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर अपने 52-वीक हाई से सबसे ज्यादा गिरे हैं और इनकी बाजार वैल्यू 70 प्रतिशत से अधिक घट गई है। इसके अलावा, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज, सन फार्मा एडवांस्ड रिसर्च कंपनी (SPARC), इंडिया पेस्टिसाइड्स, डिश टीवी इंडिया, MTNL और चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जैसे प्रमुख स्टॉक्स 52-वीक हाई से 54 प्रतिशत से 69 प्रतिशत तक गिर गए हैं।
विश्लेषकों का सुझाव है कि वृहद परिप्रेक्ष्य से देखें तो, व्यापक बाजार भावना अब भी सतर्क है। इसका कारण वैश्विक अनिश्चितताएं, ब्याज दरों में संभावित बदलाव, उभरते घरेलू कारकों, विशेष रूप से कंपनियों की कमाई, स्थायी महंगाई और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में जारी तेज गिरावट है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के फाउंडर और रिसर्च हेड जी चोकालिंगम के मुताबिक, मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में रिकवरी धीमी होगी, और चेतावनी दी है कि धीरे-धीरे तेजी शुरू होने से पहले इसमें और अधिक गिरावट आ सकती है।
उनका सुझाव है कि उच्च जोखिम लेने की इच्छा रखने वाले निवेशक निचले स्तर पर इन सेगमेंट के शेयरों को खरीदना शुरू कर सकते हैं, और केवल उन्हीं कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहां मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के बावजूद गिरावट तेज रही है।
उन्होंने कहा, “यह जोखिम लेने लायक है और धीरे-धीरे उच्च गुणवत्ता वाले स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स में निवेश बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि इन दोनों सेगमेंट में कई गुणवत्ता वाले स्टॉक्स ने पिछले कुछ हफ्तों में काफी गिरावट दर्ज की है। हमारी रिसर्च रणनीति उच्च गुणवत्ता वाले स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स को जमा करने और 1-2 वर्षों तक निवेशित रहने की है, जिससे संभावित रिटर्न हासिल हो सकता है।”