एलऐंडटी म्युचुअल फंड (L&T Mutual Fund) और उसके चार अधिकारियों ने बाजार नियामक सेबी के साथ नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में 1.15 करोड़ रुपये के भुगतान पर सहमति जताते हुए मामले का निपटान कर दिया है। यह मामला एलऐंडटी म्युचुअल फंड में 1 अप्रैल 2017 से 30 जून 2017 के बीच इंटर-स्कीम ट्रांसफर से जुड़ा हुआ है।
सेबी ने अपने आदेश में कहा है, एलऐंडटी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट योजनाओं की गतिविधियों के प्रबंधन में हितों का टकराव टालने में नाकाम रहा।
फंड हाउस यह सुनिश्चित करने में भी नाकाम रहा कि एक योजना से दूसरी योजना में निवेश के हस्तांतरण की इजाजत तभी मिलती है जब यह हाजिर आधार पर उस प्रतिभूति की मौजूदा बाजार कीमत पर हुई हो। साथ ही इस तरह से हस्तांतरित प्रतिभूतियां योजना के निवेश मकसद के मुताबिक होना चाहिए।
यह मामला सहमति वाले मार्ग के जरिए निपटाया गया, जहां उल्लंघन करने वाला सेबी के साथ मामले का निपटान इस गलती को मानकर या इससे इनकार के जरिये कर सकता है।
एलऐंडटी एमएफ 57 लाख रुपये चुकाने पर सहमत हो गया है, वहीं उसके अधिकारियों सीईओ कैलाश कुलकर्णी समेत अन्य ने 14.63-14.63 लाख रुपये चुकाए।
सेबी ने आदेश में कहा है, ऐसा पाया गया कि एएमसी के सीईओ के तौर पर कुलकर्णी यह सुनिश्चित करने में नाकाम रहे कि म्युचुअल फंड ने सभी नियमों व दिशानिर्देशों का अनुपालन कर लिया है।
सेबी ने जून 2022 में फंड हाउस को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। अगस्त 2022 में फंड हाउस ने नियामक के पास सहमति आवेदन जमा कराया था।
दिसंबर 2021 में एचएसबीसी ने एलऐंडटी म्युचुअल फंड का अधिग्रहण 3,485 करोड़ रुपये में किया था। यह अधिग्रहण नवंबर 2022 में पूरा हुआ।