अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट जांच में आयकर विभाग के साथ सहयोग नहीं कर रही है। एक सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी। आयकर अधिकारी जेन स्ट्रीट के स्थानीय कार्यालय और उसकी ट्रेडिंग साझेदार नुवामा वेल्थ के दस्तावेजों की समीक्षा कर रहे हैं। मामले के जानकार दो सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने गोपनीयता का हवाला देते हुए कहा, उनके सर्वर भारत से बाहर हैं और वहां तक पहुंच को ब्लॉक कर दिया गया है। उनके खाताबही भी भारत से बाहर रखे जाते हैं जबकि भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत इन्हें भारत में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, यहां उनके पास नाममात्र का स्टाफ है, जो सहयोग नहीं कर रहा है।
भारत के कर अधिकारियों ने ईमेल पर भेजे गए सवालों का तत्काल जवाब नहीं दिया। अमेरिका में जेन स्ट्रीट मुख्यालय को ऑफिस के समय के बाद भेजे गए ईमेल का भी जवाब नहीं मिला।
भारत के बाजार नियामक-सेबी- के आदेश के अनुसार जेन स्ट्रीट समूह ने जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच भारत में ट्रेडिंग से 4.23 अरब डॉलर का लाभ कमाया। अमेरिकी ब्रोकरेज ने अपने कानूनी अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए ट्रेडिंग फिर से शुरू करने के प्रयास में एक एस्क्रो खाते में 56.7 करोड़ डॉलर की वह राशि जमा कराई है, जिसे नियामक ने अवैध लाभ बताया है।
सेबी ने फर्म पर लगे प्रतिबंध हटा लिए हैं, लेकिन कंपनी भारत में ट्रेडिंग से दूरी बनाए हुए है।