facebookmetapixel
अक्टूबर में GST की आमदनी ₹1.96 ट्रिलियन, त्योहारों ने बढ़ाई बिक्री लेकिन ग्रोथ धीमीत्योहारों ने बढ़ाई UPI की रफ्तार, अक्टूबर में रोजाना हुए 668 मिलियन ट्रांजैक्शनHUL पर ₹1,987 करोड़ का टैक्स झटका, कंपनी करेगी अपीलSrikakulam stampede: आंध्र प्रदेश के मंदिर में भगदड़, 10 लोगों की मौत; PM Modi ने की ₹2 लाख मुआवजे की घोषणाCar Loan: सस्ते कार लोन का मौका! EMI सिर्फ 10,000 के आसपास, जानें पूरी डीटेलBlackRock को बड़ा झटका, भारतीय उद्यमी पर $500 मिलियन धोखाधड़ी का आरोपकोल इंडिया विदेशों में निवेश की दिशा में, पीएमओ भी करेगा सहयोगLPG-ATF Prices From Nov 1: कमर्शियल LPG सिलेंडर में कटौती, ATF की कीमतों में 1% की बढ़ोतरी; जानें महानगरों के नए रेटMCX पर ट्रेडिंग ठप होने से सेबी लगा सकती है जुर्मानासीआईआई ने सरकार से आग्रह किया, बड़े कर विवादों का तेज निपटारा हो

IT, कंज्यूमर स्टैपल्स पर दबाव के आसार: शैलेश राज भान

चौथी तिमाही में संपूर्ण राजस्व वृद्धि सुस्त रहने के आसार हैं क्योंकि कंज्यूमर स्टैपल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों को वृद्धि के लिए संघर्ष करना पड़ा है।

Last Updated- April 09, 2024 | 10:24 PM IST
IT, कंज्यूमर स्टैपल्स पर दबाव के आसार: शैलेश राज भान, Recency bias, global cues underpin elevated valuations: Sailesh Raj Bhan
Sailesh Raj Bhan, Chief Investment Officer, Equities Nippon India Mutual Fund

निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड में मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटीज) शैलेश राज भान ने अभिषेक कुमार के साथ बातचीत में कहा कि चौथी तिमाही में संपूर्ण राजस्व वृद्धि सुस्त रहने के आसार हैं क्योंकि कंज्यूमर स्टैपल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों को वृद्धि के लिए संघर्ष करना पड़ा है। उनका मानना है कि क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (क्यूएसआर), बड़े बैंक, चुनिंदा यूटिलिटीज और कमोडिटी व्यवसाय ऐसे कुछ खंड हैं जो अभी भी महत्त्वपूर्ण बने हुए हैं। बातचीत के अंश:

स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में गिरावट अल्पकालिक थी। सूचकांक फिर रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर वापस आ गए हैं। इन चिंताओं के बावजूद उच्च मूल्यांकन को किन वजहों से समर्थन मिल रहा है?

ऊंचे मूल्यांकन को कई कारकों से समर्थन मिला है। पिछले वर्ष के दौरान मजबूत रिटर्न के साथ-साथ आकर्षक विकल्पों की कमी और प्रमुख वैश्विक इक्विटी सूचकांकों में तेजी के कारण ताजा रुझानों ने निवेशकों के मनोबल को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा कर संग्रह, औद्योगिक गतिविधियां और बिजली की मांग जैसे प्रमुख संकेतकों में मजबूत वृद्धि के आंकड़ों ने भी निवेशकों की चिंताओं को कम करने में योगदान दिया है।

क्या मार्च की गिरावट ने खरीदारी के अच्छे अवसर दिए? यदि हां, तो किन क्षेत्रों में?

कुछ अवसर पैदा हुए हैं। हालांकि गिरावट मुख्य तौर पर कुछ खास शेयरों तक सीमित थी। भारत के लिहाज से जहां हालात काफी हद तक सकारात्मक हैं वहीं बाजार के कई सेगमेंटों के लिए शेयर भाव ऊंचे बने हुए हैं। फिर भी क्यूएसआर, बड़े बैंकों, चुनिंदा यूटीलिटीज और कमोडिटी व्यवसाय जैसे कुछ खास सेगमेंट महत्वपूर्ण दिख रहे हैं।

कैलेंडर वर्ष के शुरू में आप मिडकैप, खासकर बैंकों पर उत्साहित थे। क्या तीसरी तिमाही के नतीजों और पिछले तीन महीनों में कीमतों में बदलाव के बाद यह नजरिया बदल गया है?

लार्ज और मेगाकैप शेयरों का आकर्षण बरकरार है। बाजार के मौजूदा बदलावों से अन्य सेगमेंटों के मुकाबले लार्जकैप के प्रतिफल में सुधार का संकेत दिख रहा है। जहां बड़े बैंकों को अल्पावधि मार्जिन दबाव का सामना करना पड़ सकता है, वहीं वे ऋण से जुड़ी चुनौतियों के कारण रिस्क/रिवार्ड आधार पर बेहतर कीमत की पेशकश कर रहे हैं। लगभग सभी क्षेत्रों की बड़ी कंपनियां समान क्षेत्र में मझोले आकार की कंपनियों की तुलना में सस्ते मूल्यांकन पर कारोबार कर रही हैं, जिससे बेहतर रिस्क/रिवार्ड के अवसर मिल रहे हैं।

चौथी तिमाही से क्या उम्मीदें हैं?

ऐसा लगता है कि मार्जिन वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा कंपनियों द्वारा घोषित पिछले कुछ तिमाही परिणामों में दिख गया है। उत्पादन लागत में नरमी से हाल की तिमाहियों में कंपनियों की आय वृद्धि को मजबूती मिली है। हालांकि संपूर्ण राजस्व वृद्धि सुस्त बने रहने का अनुमान है, खासकर कंज्यूमर स्टैपल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों में, जिन्हें वृद्धि के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है। अल्पावधि में बैंकिंग सेक्टर को ऊंची जमा लागत और प्रतिफल दबाव के कारण कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है।

निवेशकों के लिए आपका क्या सुझाव है? क्या उनको लार्जकैप या मल्टीकैप पर ध्यान देना चाहिए?

मौजूदा चुनौतीपूर्ण जैसे समय में निवेशकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका परिसंपत्ति आवंटन सही है। अगर ताजा तेजी ने किसी भी श्रेणी में उनके पोर्टफोलियो निवेश को कम कर दिया है तो उन्हें उसके अनुरूप बदलाव लाना चाहिए।

First Published - April 9, 2024 | 10:24 PM IST

संबंधित पोस्ट