भारतीय कंपनियां इन दिनों पब्लिक इश्यू के जरिये जमकर फंडरेजिंग कर रही हैं। आज यानी बुधवार को एक मिड मार्केट इन्वेस्टमेंट बैंक पैंटोमैथ ग्रुप (Pantomath Group) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनियां जिस रफ्तार से पैसे जुटा रही हैं, वित्त वर्ष 25 (FY25) में 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार हो सकता है।
Pantomath ने कहा कि वित्त वर्ष 24 (FY24) में 76 मेनबोर्ड सेगमेंट की कंपनियों ने 62,862 करोड़ रुपये का फंड जुटाया था। FY24 का यह आंकड़ा वित्त वर्ष 23 के मुकाबले 21 फीसदी ज्यादा है।
पिछले वित्त वर्ष में एक्सचेंजों पर एंट्री करने वाली कंपनियों के शेयरों में पहले दिन की औसत बढ़त 28 फीसदी थी। Pantomath रिपोर्ट से पता चलता है कि इस बीच, 70 फीसदी से ज्यादा या 55 स्टॉक अभी भी अपने इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
नोट में कहा गया है कि सेकंडरी मार्केट में उछाल के कारण FY25 में IPO के जरिये कंपनियों को ज्यादा फंड कलेक्शन की उम्मीद है। इसके बदले में कंपनियों को IPO के जरिये रकम जुटाने के लिए प्राइमरी मार्केट की ओर आकर्षित करेगाष
उनका मानना है कि जिन कंपनियों ने पहले अपने IPO के प्लान को टाल दिया था, वे अब बाजार की अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए शेयर बाजार में अपनी शुरुआत करने के लिए तैयार हैं।
Pantomath Capital Advisors के प्रबंध निदेशक (MD) महावीर लुनावत (Mahavir Lunawat) ने कहा, ‘मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद करते हुए, घरेलू और विदेशी दोनों निवेशक प्राइमरी मार्केट में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जिससे नई लिस्टिंग की बाढ़ आ गई है। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में आईपीओ के जरिये इक्विटी-वृद्धि (equity-raise ) 1-ट्रिलियन रुपये (एक लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा हो सकती है। अगर भारतीय बाजार पर कोई वैश्विक झटका नहीं लगता है तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।’
उनके अनुमान के मुताबिक, कुल 56 कंपनियों ने 70,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखते हुए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास अपने ऑफर डॉक्यूमेंट फाइल किए हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, 19 कंपनियों ने पहले ही 25,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए SEBI की मंजूरी हासिल कर ली है। इसके अलावा 37 कंपनियां 45,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए रेगुलेटरी की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।
लुनावत ने कहा, ‘विशेष रूप से, इन 56 संभावित IPO कैंडिडेट्स में से 9 न्यू एज टेक्नोलॉजी कंपनियां हैं, जो कुल मिलाकर करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही हैं।’
पिछले वित्त वर्ष में मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट (mid-and small-cap segments) में तेजी से नए लिस्टेड शेयरों को भी फायदा हुआ है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर काउंटर इसी बास्केट के थे।
नोट में कहा गया है कि फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPOs), ऑफर फॉर सेल (OFS) और अन्य तरीकों सहित कुल पब्लिक इक्विटी फंडरेजिंग वित्त वर्ष 2023 में 76,911 करोड़ रुपये से 142 फीसदी बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 1.86 ट्रिलियन रुपये हो गई।
कैलेंडर वर्ष के आधार पर, 2023 में सबसे बड़ा IPO (जुटाई गई रकम की मात्रा के टर्म में) मैनकाइंड फार्मा (4,326 करोड़ रुपये) का था। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों से पता चलता है कि इसके बाद टाटा टेक्नोलॉजीज (3,043 करोड़ रुपये) और JSW Infrastructure (2,800 करोड़ रुपये) का नंबर रहा।
दूसरी ओर, सबसे छोटा IPO उदयशिवाकुमार इंफ्रा (Udayshivakumar Infra ) का था, जिसने सिर्फ 66 करोड़ रुपये जुटाए, उसके बाद प्लाजा वायर्स (71 करोड़ रुपये) का नंबर रहा। प्राइम डेटाबेस ने कहा कि एवरेज डील साइज 2022 में 1,483 करोड़ रुपये और 2021 में 1,884 करोड़ रुपये के मुकाबले काफी कम होकर 867 करोड़ रुपये हो गई।
PRIME Database के प्रबंध निदेशक (MD) प्रणव हल्दिया ने कहा, ‘हमने कैलेंडर वर्ष 2023 (CY23) में कई सेक्टर्स की कंपनियों को IPO मार्केट में एंट्री करते देखा, लेकिन एक प्रमुख क्षेत्र जिसकी सीमित उपस्थिति थी वह BFSI था। इस क्षेत्र की कंपनियों द्वारा 2022 में 46 प्रतिशत की तुलना में केवल 6,190 करोड़ रुपये (या 13 प्रतिशत) जुटाए गए थे।