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PhonePe IPO: आईपीओ के लिए फोनपे की गोपनीय राह, ₹12,000 करोड़ जुटाने की योजना

PhonePe IPO: कंपनी इस आईपीओ में ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिये रकम जुटाएगी और इसमें प्रवर्तक वॉलमार्ट भी अपने शेयर बेचेगी

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अजिंक्या कवाले   
Last Updated- September 24, 2025 | 10:07 PM IST

वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फिनटेक फर्म फोनपे ने बाजार नियामक सेबी के पास गोपनीय रूप से आईपीओ आवेदन जमा कराया है। सूत्रों ने कहा कि फर्म 12,000 करोड़ रुपये तक जुटाने पर विचार कर रही है। कंपनी इस आईपीओ में ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिये रकम जुटाएगी और इसमें प्रवर्तक वॉलमार्ट भी अपने शेयर बेचेगी। ट्रैक्सन के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी के अन्य निवेशकों में टाइगर ग्लोबल, माइक्रोसॉफ्ट, जनरल अटलांटिक, रिबिट कैपिटल, टीवीएस कैपिटल, टेन्सेंट, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी शामिल हैं।

ग्रो, फिजिक्स वाला और इमेजिन मार्केटिंग (बोट) जैसे स्टार्टअप्स के साथ गोपनीय आईपीओ फाइलिंग रूट अपनाने के मामले में फोनपे भी शामिल हो गई है। गोपनीय फाइलिंग रूट कंपनियों को अपने डीआरएचपी को निजी तौर पर सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के पास जमा कराने और चुनिंदा संभावित निवेशकों को बेचने की सुविधा देता है।

इस प्रकार, कंपनियां संवेदनशील वित्तीय और रणनीतिक विवरणों को ज्यादा लोगों की नजरों से तब तक छिपाती हैं, जब तक कि वे रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी विवरणिका (आरएचपी) दाखिल करने के लिए तैयार नहीं हो जातीं।

इस बीच, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के पास दाखिल नियामकीय जानकारी के अनुसार फोनपे ने वित्त वर्ष 2024-25 में 7,115 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जो सालाना आधार पर 40 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। इसके साथ ही कंपनी का मुक्त नकदी प्रवाह भी सकारात्मक हो गया और परिचालन से प्राप्त नकदी 1,202 करोड़ रुपये रही।

फोनपे ने अपनी लाभप्रदता में सुधार जारी रखा और समायोजित एबिटा (ईसॉप्स की लागत को छोड़कर) दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर 1,477 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष के 652 करोड़ रुपये के मुकाबले) पर पहुंच गया। साथ ही समायोजित कर पश्चात लाभ (ईसॉप्स लागत को छोड़कर) तीन गुना से भी ज्यादा बढ़कर 630 करोड़ रुपये (पिछले वर्ष के 197 करोड़ रुपये के मुकाबले) हो गया। कंपनी ने पहली बार 117 करोड़ रुपये का धनात्मक समायोजित एबिटा (ईसॉप्स लागत को छोड़कर) भी दर्ज किया।

फोनपे और गूगल पे भारत के यूपीआई तंत्र में दो शीर्ष कंपनियां हैं। फोनपे के पास 65 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत ग्राहक और 4.5 करोड़ से ज्यादा व्यापारी हैं। वॉलमार्ट ने 2018 में भारतीय ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदी थी जिससे उसे फोनपे का स्वामित्व मिल गया था।

अक्टूबर 2022 में फोनपे ने देश में सूचीबद्धता के मद्देनज़र अपना मुख्यालय सिंगापुर से भारत स्थानांतरित कर लिया था। भारत में मुख्यालय लाने पर वॉलमार्ट को लगभग 1 अरब डॉलर का कर व्यय उठाना पड़ा। फोनपे 2022 में फ्लिपकार्ट से पूरी तरह अलग हो गई और वॉलमार्ट इस डिजिटल भुगतान दिग्गज में बहुलांश हिस्सेदार बनी रही। आंकड़े बताते हैं कि कंपनी ने अब तक कुल 1.01 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है। भारत में अन्य सूचीबद्ध डि​जिटल भुगतान प्रदाता वन 97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) और मोबिक्विक सिस्टम्स हैं।

First Published : September 24, 2025 | 10:04 PM IST