facebookmetapixel
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौताEditorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिएनियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगाबिहार: PM मोदी ने पेश की सुशासन की तस्वीर, लालटेन के माध्यम से विपक्षी राजद पर कसा तंज80 ही क्यों, 180 साल क्यों न जीएं, अधिकांश समस्याएं हमारे कम मानव जीवनकाल के कारण: दीपिंदर गोयलभारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर दिया जोरपीयूष पांडे: वह महान प्रतिभा जिसके लिए विज्ञापन का मतलब था जादूभारत पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीद बढ़ाएगा, इराक, सऊदी अरब और UAE से तेल मंगाकर होगी भरपाईBlackstone 6,196.51 करोड़ रुपये के निवेश से फेडरल बैंक में 9.99 फीसदी खरीदेगी हिस्सेदारीवित्त मंत्रालय 4 नवंबर को बुलाएगा उच्चस्तरीय बैठक, IIBX के माध्यम से सोने-चांदी में व्यापार बढ़ाने पर विचार

लगातार चौथे महीने इक्विटी फंडों में निवेश घटा

इक्विटी योजनाओं ने अप्रैल में 24,269 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया जो मासिक आधार पर 3 फीसदी कम है

Last Updated- May 09, 2025 | 11:20 PM IST
Mutual Fund

म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं में लगातार चौथे महीने अप्रैल में निवेश घटा जबकि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये रिकॉर्ड 26,632 करोड़ रुपये का निवेश मिला। इक्विटी योजनाओं ने अप्रैल में 24,269 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया जो मासिक आधार पर 3 फीसदी कम है और दिसंबर 2024 में हासिल 41,156 करोड़ रुपये के उच्च स्तर से 41 फीसदी कम है।

बाजार की रफ्तार बढ़ने के बावजूद निवेश की आवक में सुस्ती रही। विशेषज्ञों ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितताओं को निवेशकों की धारणा पर असर डालने वाला प्रमुख कारक बताया। बेंचमार्क निफ्टी 50 पिछले महीने 3.5 फीसदी बढ़ा जो मार्च में हुई 6.3 फीसदी की रिकवरी पर आधारित है।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के कार्यकारी निदेशक और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, टैरिफ संबंधी चिंताओं के कारण अस्थिरता बढ़ने से शुद्ध बिक्री सपाट रही है। दिसंबर से इक्विटी निवेश में सुस्ती मुख्य रूप से एकमुश्त निवेश में गिरावट के कारण है जबकि एसआईपी में निरंतर निवेश जारी है।

कोटक महिंद्रा एएमसी के बिक्री, विपणन एवं डिजिटल कारोबार के राष्ट्रीय प्रमुख मनीष मेहता ने कहा, बाजार में अनिश्चितता के कारण एकमुश्त निवेश के हिस्से में कमी आई है क्योंकि निवेशक संभवत: नए निवेश के लिए इंतजार करो की नीति अपना रहे हैं। महीने के दौरान किसी भी बड़े फंड की नई योजना न आने से भी एकमुश्त संग्रह पर असर हुआ। केवल एक सक्रिय इक्विटी स्कीम कोटक एनर्जी ऑपर्च्युनिटीज फंड ने अप्रैल में एनएफओ से 171 करोड़ रुपये इकट्ठे किए।

एसआईपी निवेश में बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन सक्रिय एसआईपी खातों की संख्या में लगातार चौथे महीने गिरावट आई है। सक्रिय एसआईपी खाते मार्च के 10.05 करोड़ से घटकर 9.14 करोड़ रह गए। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार यह गिरावट मुख्य रूप से फंड हाउसों की एकीकरण कवायद के कारण है। एम्फी के सीईओ वेंकट चलसानी ने कहा कि लगभग चार महीने तक चली यह कवायद अब खत्म हो गई है।

योगदान करने वाले एसआईपी खाते घट रहे थे लेकिन इनमें अप्रैल में बढ़ोतरी नजर आई। अब ये खाते मार्च के 8.11 करोड़ के मुकाबले बढ़कर 8.38 करोड़ हो गए। फ्लेक्सीकैप योजनाओं ने लगातार चौथे महीने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हासिल करते हुए निवेश चार्ट में अग्रणी स्थान हासिल किया। मार्च की तुलना में निवेश में 8 फीसदी की वृद्धि के साथ लार्जकैप फंडों में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी गई। मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों में कुल निवेश मार्च के 7,531 करोड़ रुपये के मुकाबले घटकर 7,314 करोड़ रुपये रह गया।

उद्योग स्तर पर, प्रबंधनाघीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 4.3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 70 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं। इस बढ़ोतरी को मुख्य रूप से डेट योजनाओं में 2.2 लाख करोड़ रुपये के निवेश, हाइब्रिड फंडों में 14,248 करोड़ रुपये के निवेश और पैसिव योजनाओं में 20,229 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश से सहारा मिला।

डेट में निवेश में उछाल व्यापक रहा। इसमें 16 में से 12 डेट म्युचुअल फंड श्रेणियों में शुद्ध निवेश आया। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक  नेहल मेश्राम ने कहा, अप्रैल में निवेश में वृद्धि सामान्य स्थिति की बहाली भी दर्शाती है और निश्चित आय साधनों में भरोसे की पुष्टि करती है, विशेष रूप से कंपनियों के बीच जो साल के अंत में वितरण के बाद बची नकदी को फिर से निवेश करते हैं।

First Published - May 9, 2025 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट