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नकदी बाजार में मार्जिन बनाए रखने में संस्थाओं को मिलेगी राहत

Last Updated- December 05, 2022 | 10:03 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने संस्थागत ग्राहकों को इक्विटी बाजार के नकदी वर्ग में आने की अनुमति दे दी है ताकि वे प्रमाणित प्रतिभूतियों के तौर पर अपना मार्जिन बनाए रख सकें।


प्रमाणित प्रतिभूतियों में सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट ऐंड रेगुलेशन एक्ट के तहत आने वाला कोई भी उपकरण हो सकता है। बाजार नियामक ने स्टॉक एक्सचेंजों को आवश्यक निर्देश जारी किया है जिससे इनका परिचालन किया जा सके।


वर्तमान में केवल खुदरा वर्ग ही नकदी और डेरिवेटिव वर्ग दोनों के लिए मार्जिन का भुगतान करता है। संस्थान केवल डेरिवेटिव वर्ग के लिए ही मार्जिन देते हैं। संस्थानों द्वारा मार्जिन के भुगतान को 21 अप्रैल 2008 से लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त गिरवी (कोलैटरल) के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सेबी ने ब्रोकर्स से एक बार फिर कहा है कि वे ऐसे गिरवी का उचित रिकॉर्ड रखा करें।


ब्रोकर्स के पास इस तरह की प्रणाली और प्रक्रिया होनी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि ग्राहकों के गिरवी का इस्तेमाल मार्जिन की जरुरतोंभुगतानों के  अतिरिक्त किसी और उद्देश्य से नहीं किया जाता है। ब्रोकर्स को ग्राहकों के गिरवी का रिकॉर्ड भी रखना चाहिए जिससे उचित लेखा परीक्षण से उसके सही इस्तेमाल को सुनिश्चित किया जा सके।


बाजार पर निगाह रखने वाली सेबी ने ब्रोकर्स को जांच के दौरान रिकॉर्ड दिखाने के निर्देश भी दिए हैं। इन रिकॉर्ड में ग्राहकों से गिरवी प्राप्त करने की रसीद, गिरवी स्वीकार करने पर ग्राहकों को दिया जाने वाला प्रतिपुष्टि पत्र, गिरवी को एक्सचेंजक्लियरिंग हाउस में जमा करने के  लिए ग्राहकों द्वारा दिया जाने वाला अधिकार पत्र, एक्सचेंजक्लियरिंग हाउस में गिरवी जमा करने से जुड़े रिकॉर्ड, ग्राहक को गिरवी वापस किए जाने आदि शामिल हैं।


वर्तमान में ब्रोकर्स अलग-अलग खाते का हिसाब रखते हैं- एक ग्राहकों के पैसों का और दूसरा खर्चे का। हालांकि ब्रोकर्स का कहना है कि जब बाजार में तेजी रहती है तो खर्च के मुकाबले आय अधिक होती है। लेकिन बाजार के मंदी के दिनों में ब्रोकिंग हाउस ग्राहकों के मार्जिन का इस्तेमाल अपनी बैलेंस शीट की खाई पाटने में कर सकता है।


ग्राहकों को उनके गिरवी के इस्तेमाल का दैनिक विवरण जारी करने के लिए भी सेबी ने ब्रोकर्स को निर्देश दिया है। इस विवरण में गिरवी जमा की विस्तृत जानकारी, गिरवी के  इस्तेमाल और उसके तहत उपलब्ध वर्तमान शेष राशि जिसमें नकदी, सावधि जमा रसीदों, बैंक गारंटी और प्रतिभूतियों को अलग-अलग कर दिखाया जाना शामिल होंगे।


एक्सचेंज ग्राहकों की उन शिकायतों पर गौर करेगा जिसमें ब्रोकर द्वारा गिरवी जमा के गलत इस्तेमाल का जिक्र होगा। ऐसे मामलों में एक्सचेंज ब्रोकर का निरीक्षण करेगा और अगर जरुरत हुई तो आवश्यक कदम भी उठाएगा।

First Published - April 18, 2008 | 11:14 PM IST

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