Infosys Share Buyback: आईटी दिग्गज Infosys ने अपने शेयरों को वापस खरीदने (बायबैक) का बड़ा ऐलान किया है। कंपनी ₹18,000 करोड़ खर्च कर लगभग 10 करोड़ शेयर ₹1,800 प्रति शेयर की दर से खरीदेगी। यह कीमत गुरुवार को शेयर के बंद भाव ₹1,509.50 से करीब 19.3% ज्यादा है। यह बायबैक कंपनी की कुल चुकता पूंजी (paid-up equity) का 2.41% होगा।
विश्लेषकों का मानना है कि Infosys के इस कदम के बाद अन्य बड़ी आईटी कंपनियां भी बायबैक का ऐलान कर सकती हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट अभिषेक पाठक का कहना है कि इसे ज्यादा सिग्नल के तौर पर नहीं, बल्कि निवेशकों को कैश लौटाने के तरीके के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बड़ी आईटी कंपनियां आमतौर पर हर 18-24 महीने में बायबैक करती हैं।
Infosys ने साफ कहा है कि अगले पांच साल में वह अपना 85% फ्री कैश फ्लो निवेशकों को डिविडेंड और बायबैक के जरिए लौटाएगी।
2017: ₹13,000 करोड़, 113 मिलियन शेयर, ₹1,150 प्रति शेयर
2019: ₹8,260 करोड़, 110.5 मिलियन शेयर, ₹747 प्रति शेयर
2021: ₹9,200 करोड़, 55.8 मिलियन शेयर
2022: ₹9,300 करोड़, 60.4 मिलियन शेयर
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ब्रोकरेज फर्म CLSA ने कहा कि Infosys का बायबैक TCS जैसी कंपनियों को भी इस दिशा में कदम उठाने के लिए तैयार कर सकता है। CLSA के मुताबिक, TCS के पिछले पांच बायबैक ने उसके शेयर को तकनीकी सपोर्ट दिया है। उनका मानना है कि TCS अगले साल की तीसरी तिमाही में बड़ा डिविडेंड देने के बजाय करीब ₹2000 करोड़ का टेंडर बायबैक कर सकती है।
वहीं, मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि इस बायबैक का समय दिलचस्प है और यह कंपनी की स्थिरता का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि TCS और Wipro ने पिछले एक साल से ज्यादा समय से बायबैक का ऐलान नहीं किया है, इसलिए ये कंपनियां भी संभावित दावेदार हो सकती हैं।
Infosys का यह ऐलान ऐसे समय आया है जब कंपनी के शेयर साल 2025 में अब तक 20% टूट चुके हैं। ब्रॉडर IT index भी इस साल 17% गिरा है, जिससे यह सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सेक्टर बन गया है। इसके मुकाबले निफ्टी50 इस साल अब तक 5.5% ऊपर है। इस साल अब तक TCS के शेयरों में करीब 24% की गिरावट आई है, जबकि विप्रो के शेयर लगभग 16% टूट चुके हैं।