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उद्योग जगत ने देसी बाजार से कमाया मोटा राजस्व

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:38 AM IST

मॉर्गन स्टैनली की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों के राजस्व का 72 प्रतिशत हिस्सा घरेलू बाजार से आता है, जो उभरते बाजार (ईएम) और एशियाई क्षेत्र के प्रतिशत संदर्भ में छठा सर्वाधिक है। जोनाथन एफ गार्नर के नेतृत्व में विश्लेषकों द्वारा मिलकर तैयार की गई ‘ग्लोबल एक्सपोजर गाइड 2021’ नामक रिपोर्ट के अनुसार, बकाया राजस्व विकसित बाजारों और अन्य ईएम के बीच विभाजित है। यह रिपोर्ट वैश्विक रूप से उन 3,300 कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है जिनका राजस्व 17 अलग अलग क्षेत्रों से आता है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कंपनियां, अपने घरेलू बाजार से 86 प्रतिशत और डीएम तथा ईएम से 7-7 प्रतिशत राजस्व हासिल करती हैं। ईएम/एशिया प्रशांत (जापान को छोड़कर) कंपनियां लगभग 6 प्रतिशत राजस्व सीधे सरकारी खर्च से हासिल करती हैं। मॉर्गन स्टैनली ने कहा है, ‘चीनी और भारतीय कंपनियां खासकर अपना 9 प्रतिशत राजस्व सरकारी खर्च से प्राप्त करती हैं। उद्योग समूह द्वारा सरकारी खर्च से राजस्व कुछ प्रमुख उद्योगों तक केंद्रित है, जिनमें पूंजीगत वस्तु, वाणिज्यिक एवं पेशेवर सेवाएं, सॉफ्टवेयर, और यूटिलिटीज शामिल हैं।’
एकीकृत आधार पर, ईएम कंपनियों का 72 प्रतिशत राजस्व उनके अपने देश से आता है। शेष 28 प्रतिशत राजस्व ईएम और डीएम देशों के बीच विभाजित है जिनमें उत्तर अमेरिका और यूरोप का ईएम बिक्री में 7 प्रतिशत तथा 5 प्रतिशत योगदान है। इसके विपरीत, अमेरिकी कंपनियां अपने राजस्व का 71 प्रतिशत हिस्सा घरेलू तौर पर, 12 प्रतिशत यूरोप से, 8 प्रतिशत एशिया प्रशांत (चीन से 4 प्रतिशत शामिल) और 4 प्रतिशत लैटिन अमेरिका से हासिल करती हैं। दूसरी तरफ, यूरोपीय कंपनियों का 46 प्रतिशत राजस्व विकसित यूरोप से, 30 प्रतिशत ईएम और 21 प्रतिशत उत्तर अमेरिका से आता है।

एशिया और ईएम पर नजर
अन्य एशियाई और ईएम में, ताइवानी, सऊदी अरब, हांगकांग, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और मैक्सिको की कंपनियां अपना करीब आधा राजस्व विदेशी बाजारों से हासिल करती हैं। इनमें मुख्य तौर पर, ताइवान, मैक्सिको, जापान, सऊदी अरब और कोरिया की कंपनियां अमेरिकी व्यवसाय से ज्यादा जुड़ी हुई हैं और वे अपने राजस्व का 10 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा अमेरिका से हासिल करती हैं। मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘खासकर ताइवानी कंपनियां अपने कुल राजस्व का 27 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी बाजार से प्राप्त करती हैं, क्योंकि ताइवान सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा है और वह ऐपल के लिए प्रमुख आपूर्तिकर्ता के तौर पर कार्य करता है। वहीं रूसी कंपनियां विकसित यूरोप से ज्यादा जुड़ी हुई हैं। ‘ ईएम में, आईटी क्षेत्र विदेशी निवेश के संदर्भ में शीर्ष पर है। दूसरी तरफ, रियल एस्टेट, यूटिलिटीज और वित्त ज्यादा घरेलू-आधारित और कम डीएम आधारित क्षेत्र हैं।

First Published : June 15, 2021 | 11:40 PM IST