विमानन कंपनी इंडिगो का शेयर सोमवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में कारोबार के दौरान (इंट्राडे) में 4.8 प्रतिशत फिसल कर 4,275 रुपये पर आ गया। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के परिणामों के बाद निवेशकों ने शेयर में मुनाफावसूली की। हालांकि, बाद में शेयर संभला और कारोबार समाप्त होने पर शेयर 1.36 प्रतिशत कमजोर होकर 4,430 रुपये पर बंद हुआ।
सोमवार को बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 23 अंक (0.03 प्रतिशत) की बढ़त के साथ बंद हुआ। इंडिगो के शेयर में इसलिए भी बिकवाली हुई क्योंकि पहली तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी प्रबंधन ने कहा कि मुद्रास्फीति से जुलाई-सितंबर तिमाही में भी कंपनी के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों ने कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव से कंपनी टिकटों के दाम अधिक नहीं बढ़ा पाएगी। उनके अनुसार निकट भविष्य में कंपनी के लिए अधिक मार्जिन कमाने की संभावनाएं सीमित हो जाएंगी।
विमानन उद्योग के अनुसार इंडिगो के लिए 30 दिनों की घरेलू फॉरवर्ड प्राइस तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत कम होकर 5,699 रुपये पर है जबकि 15 दिनों की फॉरवर्ड प्राइस तिमाही आधार पर 19 प्रतिशत घटकर 5,072 रुपये पर आ गई हैं।
कंपनी प्रबंधन का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कमजोर धारणाओं और मौसमी कराणों से क्षमता विस्तार में इजाफा ऊंचे एक अंक में रह सकता है।