बेंचमार्क सूचकांकों में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट दर्ज हुई क्योंकि क्रेडिट सुइस समूह में खड़े संकट से निवेशकों को परेशानी में डाला। साथ ही अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों में नकारात्मक आश्चर्य के अभाव से मिली थोड़ी राहत जाती रही। सेंसेक्स ने 344 अंकों की गिरावट के साथ 57,566 पर कारोबार की समाप्ति की जबकि निफ्टी 71 अंकों की फिसलन के साथ 16,972 पर टिका। दिसंबर के अपने उच्चस्तर से निफ्टी 9.8 फीसदी टूट चुका है।
क्रेडिट सुइस का शेयर 26 फीसदी टूट गया जब उसके अग्रणी शेयरधारक ने अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने से इनकार कर दिया। पश्चिमी दुनिया के वित्तीय क्षेत्र में नए संकट ने मौद्रिक नीति निर्माताओं का काम और जटिल बना दिया है, जो पहले ही महंगाई के दबाव से परेशान थे।
सिल्वरगेट बैंक, सिलिकन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के धराशायी होने से पैदा हुए डर ने बाजारों को जकड़ा है, यहां तक कि अमेरिकी सरकार वित्तीय व्यवस्था को स्थिर बनाने के लिए कदम उठा रही है और इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि फेड ब्याज दरों में इजाफे को लेकर रफ्तार धीमी कर सकता है।
विश्लेषकों ने कहा कि केंद्रीय बैंकर ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतेंगे क्योंकि उन्हें महंगाई व वित्तीय स्थिरता के जोखिम के बीच संतुलन बनाना होगा। इस बात की चिंता भी है कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में 50 आधार अंकों का इजाफा कर सकता है। हालांकि ईसीबी अधिकारी ने कहा कि वह कदम पीछे खींच सकता है या बढ़ोतरी में देरी कर सकता है।
बुधवार को निवेशकों के लिए एकमात्र राहत चीन में खुदरा बिक्री में हुआ इजाफा थी, वहीं फैक्टरी आउटपुट अनुमान से थोड़ा नीचे रहा।
बाजारों में एक और कारोबारी सत्र में नकारात्मक रुख बना रहा और उसने करीब आधा फीसदी गंवाया। शुरू में निफ्टी इंडेक्स बड़े अंतर के साथ खुला लेकिन सूचकांक दिग्गजों ने सारी बढ़त गंवा दी और धीरे-धीरे इंडेक्स को 17,000 से नीचे धकेल दिया। दिलचस्प रूप से व्यापक सूचकांकों ने कुछ सुदढ़ता दिखाई और करीब-करीब अपरिवर्तित बंद हुए।