भारत आने वाले 10 से 15 साल में अपनी डिफेंस ताकत को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए करीब 4 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। ब्रोकरेज फर्म InCred Equities की रिपोर्ट के मुताबिक इस भारी-भरकम निवेश का सीधा फायदा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), भारत डायनेमिक्स (BDL), एस्ट्रा माइक्रोवेव और डाटा पैटर्न्स जैसी कंपनियों को मिलेगा। रिपोर्ट में HAL के लिए टारगेट प्राइस ₹6,325 और BEL के लिए ₹459 तय किया गया है। इन दोनों को Add रेटिंग दी गई है। भारत डायनेमिक्स, एस्ट्रा माइक्रोवेव और डाटा पैटर्न्स को फिलहाल रेटिंग नहीं दी गई है।
डिफेंस मंत्रालय का नया TPCR-2025 प्लान पुराने प्लान से कहीं बड़ा है। इसमें कुल 457 प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं, जबकि 2018 के प्लान में इनकी संख्या सिर्फ 221 थी। इनमें से लगभग आधे प्रोजेक्ट साइबर सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर से जुड़े हैं। इसका मतलब है कि भारत अब सिर्फ टैंक और लड़ाकू जहाजों पर ही नहीं, बल्कि डिजिटल और नेटवर्किंग तकनीक पर भी खास ध्यान देगा।
योजना में 60,000 से ज्यादा सॉफ्टवेयर-आधारित रेडियो, हजारों सैटेलाइट टर्मिनल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित कमांड सिस्टम शामिल होंगे। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि भविष्य में जंग की ताकत सिर्फ हथियारों से नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स और साइबर तकनीक से तय होगी।
रिपोर्ट के अनुसार भारत को सबसे ज्यादा ध्यान हवाई और अंतरिक्ष से जुड़ी सुरक्षा पर देना होगा। इसके लिए सरकार और सेनाओं की योजना है कि नए एयर डिफेंस सिस्टम, हाई-टेक राडार, लंबे समय तक उड़ने वाले ड्रोन और सैटेलाइट निगरानी सिस्टम तैयार किए जाएं।
साथ ही, दुश्मन के ड्रोन और मिसाइलों को रोकने के लिए लेजर हथियार और स्वॉर्म-डिफेंस सिस्टम विकसित किए जाएंगे। इनसे भविष्य में छोटी-छोटी ड्रोन आर्मी और ‘लोइटरिंग म्यूनिशन’ जैसे खतरों से निपटने में मदद मिलेगी।
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इस पूरे बदलाव का केंद्र है सुदर्शन चक्र प्रोजेक्ट, जिस पर अकेले 2035 तक 4 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस प्रोजेक्ट में नए मिसाइल सिस्टम, एडवांस राडार, अंतरिक्ष आधारित सेंसर, हाई-एल्टीट्यूड सैटेलाइट और लेजर हथियार शामिल होंगे। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नेटवर्किंग से जुड़े कमांड सिस्टम भी बनाए जाएंगे।
InCred Equities का कहना है कि इस बड़े निवेश का सबसे ज्यादा फायदा कुछ चुनिंदा भारतीय कंपनियों को होगा। इनमें HAL, BEL, BDL, Astra Microwave और Data Patterns के नाम शामिल हैं। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि भविष्य का भारतीय डिफेंस उद्योग डिजिटल, नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक तकनीक पर आधारित होगा। इसलिए जो कंपनियां इस दिशा में मजबूत हैं, उन्हें लंबे समय तक बड़ा फायदा होगा।