देसी बाजार में सूचीबद्ध सभी कंपनियोंं का बाजार पूंजीकरण बुधवार को 2.5 लाख करोड़ डॉलर को छू गया। विदेशी निवेशकों के रिकॉर्ड निवेश के बीच नवंबर से अब तक बाजार कीमत में 20 फीसदी की भारी भरकम बढ़ोतरी के बाद ऐसा देखने को मिला है। 23 मार्च को जब बाजार निचले स्तर पर था तब बाजार पूंजीकरण घटकर 1.3 लाख करोड़ डॉलर रह गया था। तब से बाजार पूंजीकरण अमेरिकी डॉलर के लिहाज से 91 फीसदी बढ़ा है। इस हफ्ते वैश्विक बाजार पूंजीकरण 100 लाख करोड़ डॉलर के पार निकल गया था। कोरोना महामारी के कारण हुई भारी बिकवाली के कारण मार्च में यह घटकर 62 लाख करोड़ डॉलर के नीचे आ गया था।
पिछले आठ महीने में भारत के बाजार पूंजीकरण में बढ़त की रफ्तार वैश्विक बाजार के पूंजीकरण के मुकाबले ज्यादा तेज रही है। रुपये के लिहाज से अभी भारत का बाजार पूंजीकरण करीब 184 लाख करोड़ ररुपये है, जो मौजूदा कीमत पर वित्त वर्ष 20 के 203 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी का 90 फीसदी है। देश में बाजार पूंजीकरण व जीडीपी का अनुपात अभी लंबी अवधि के औसत 75 फीसदी से ऊपर है। साथ ही हम अगर प्राइस टु अर्निंग गुणक के आधार पर देखें तो मूल्यांकन महंगा नजर आता है। बेंचमार्क निफ्टी अभी अपने 12 महीने आगे की आय के 25 गुने पर कारोबार कर रहा है जबकि लंबी अवधि का औसत 17 गुना है।
हालांकि मनी मैनेजर इस समय महंगे मूल्यांकन को लेकर बहुत चिंतित नहीं हैं क्योंकि उनका अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में कंपनियों की आय व जीडीपी की रफ्तार तेज होगी।
दौलत कैपिटल के इक्विटी प्रमुख अमित खुराना ने कहा, वित्त वर्ष 2022 में हमारा अनुमान है कि निचले आधार प्रभाव के कारण 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़त होगी। इसके अगले साल हमें आय में 22 फीसदी की बढ़त की उम्मीद है। दिसंबर 2021 के लिए निफ्टी का हमारा लक्ष्य 14,500 है। इस सस्तर पर इंडेक्स वित्त वर्ष 23 की आय अनुमान के 20 गुने पर कारोबार करेगा।
यूनियन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी विनय पहाडिय़ा ने कहा, मौजूदा उचित मूल्यांकन के छोटे प्रीमियम पर बाजार कारोबार कर रहा है। इस मूल्यांकन में मजबूती आएगी, जिसे आर्थिक रफ्तार का सहारा मिलेगा। इसलिए हम इक्विटी में मध्यम से लंबी अवधि के लिहाज से इक्विटी में निवेश को लेकर आशावादी बने हुए हैं।
अभी भारत बाजार पूंजीकरण के लिहाज से आठवां सबसे बड़ा बाजार है और कनाडा (2.6 लाख करोड़ डॉलर) और फ्रांस (2.9 लाख करोड़ डॉलर) से पीछे है। इस साल अब तक के आधार पर बाजार पूंजीकरण 13 फीसदी बढ़ा है। दुनिया के दो सबसे बड़े बाजार अमेरिका व चीन के बाजार पूंजीकरण में इस साल अब तक क्रमश: 21 फीसदी व 45 फीसदी की उछाल आई है और यह क्रमश: 41.6 लाख करोड़ डॉलर और 10.6 लाख करोड़ डॉलर है।