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दुनिया की टॉप Audit एजेंसी की रिपोर्ट, इन सेक्टर्स में बरसेगा अब पैसा ही पैसा

दुनिया की टॉप ऑडिट कंपनी ने भारत को लेकर अपनी रिपोर्ट में GDP के बेहतर रहने और कुछ सेक्टर्स में जबरदस्त मजबूती की बात कही है।

Last Updated- December 30, 2024 | 11:25 PM IST
Amid market decline, mutual funds increased investment in banks and IT बाजार में गिरावट के बीच म्युचुअल फंडों ने बैंकों और आईटी में बढ़ाया निवेश
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 6.5 से 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि अगले वित्त वर्ष (2025-26) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर कुछ अधिक यानी 6.7 से 7.3 प्रतिशत के बीच रहेगी। डेलॉयट इंडिया ने यह अनुमान लगाया है। 

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में वृद्धि दर अनुमान से कम रही है क्योंकि चुनाव को लेकर अनिश्चितताओं के बाद भारी बारिश और भू-राजनीतिक घटनाक्रमों से घरेलू मांग और निर्यात प्रभावित हुआ था। 

उन्होंने कहा, “हालांकि, कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें भारत काफी जुझारू क्षमता दिखा रहा है। इनमें उपभोग का रुख या सेवाओं की वृद्धि, निर्यात में उच्च मूल्य वाले विनिर्माण की बढ़ती हिस्सेदारी और पूंजी बाजार शामिल हैं।” 

डेलॉयट ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार बुनियादी ढांचा विकास, डिजिटलीकरण पर ध्यान देने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने के उपायों से सुधार होगा जिससे वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। 

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अगले वित्त वर्ष में यह 6.7 से 7.3 प्रतिशत के बीच रहेगी अर्थव्यवस्था

मजूमदार ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम सतर्क के साथ आशावादी बने हुए हैं और उम्मीद करते हैं कि चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहेगी। अगले वित्त वर्ष में यह 6.7 से 7.3 प्रतिशत के बीच रहेगी।’’ 

इस महीने की शुरुआत में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया था। जून में RBI ने वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। 

डेलॉयट ने कहा कि उच्च मूल्य वाले खंडों मसलन इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और रसायन जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण निर्यात वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत की बढ़ती मजबूत स्थिति को दर्शाता है। इस बीच, खुदरा और घरेलू संस्थागत निवेशकों की बढ़ती भागीदारी की वजह से स्थानीय पूंजी बाजारों में स्थिरता देखने को मिली है। हालांकि, पिछले ढाई महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयर बाजारों में जबर्दस्त बिकवाली की है। 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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First Published - December 29, 2024 | 1:06 PM IST

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