लोक सभा चुनाव में नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत मिली तो भारतीय शेयरों में विदेशी निवेश (FPI) फिर से आ सकता है।
नोमूरा के विश्लेषकों का अनुमान है कि जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल किए जाने की तारीख (28 जून) तक उनका साप्ताहिक निवेश डेट मार्केट में 1 से 2 अरब डॉलर रह सकता है।
दूसरी ओर, अगर भाजपा 2024 का चुनाव जीतने में नाकाम रहती है तो नोमूरा को कुछ हफ्तों में 30 अरब डॉलर से ज्यादा के विदेशी निवेश की निकासी की आशंका है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के भारी हस्तक्षेप की दरकार होगी।
नोमूरा के नाथन श्रीबालासुंदरम ने हालिया नोट में कहा कि अप्रैल में बिकवाली के बाद आरबीआई ने हाल में अपने विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा बहाल किया है। हालांकि यह आवक अभी कम है। यह निवेश पूंजी खाते के निवेश का करीब से अनुसरण करता है। इक्विटी और बॉन्ड में एफपीआई का निवेश इसमें इजाफा कर रहा है।
हमें लगता है कि यह पूरी तरह चुनाव नतीजों की झलक देता है। भाजपा की जीत की स्थिति में हमें डॉलर वापस आने की उम्मीद है और चुनाव से इंडेक्स में शामिल किए जाने की तारीख तक हर सप्ताह करीब 1 से 2 अरब डॉलर निवेश आने का अनुमान है।
नोमूरा के अनुसार आगामी हफ्तों में अंतरबैंक नकदी बढ़ाने के लिए आरबीआई विदेशी विनिमय में हस्तक्षेप कर सकता है। उसका कहना है कि यह मोटे तौर पर चुनाव नतीजों से संचालित होगा। नोमूरा ने कहा कि पिछले हफ्तों में एफपीआई ने छोटे आकार में सरकार के बॉन्ड में खरीद बहाल की है।
नोमूरा के श्रीबालासुंदरम ने कहा कि हालांकि विदेशी मुद्रा के इस रास्ते के अलावा हमें भरात सरकार के रीडम्पशन, ब्याज भुगतान और कम ट्रेजरी बिल जारी होने से निवेश आता दिखना शुरू होना चाहिए। हमें लगता है कि अंतरबैंक नकदी जुलाई तक सरप्लस में आ जाएगी।
इस परिदृश्य में अगर चुनाव का जोखिम आया तो (भाजपा सरकार नहीं बना पाई)विदेशी मुद्रा के रास्ते काफी ज्यादा निकासी होगी (दो ही हफ्तों में 30 अरब डॉलर से ज्यादा)। तब आरबीआई के भारी हस्तक्षेप की दरकार होगी।
इंडेक्स में शामिल होना
इस बीच, विदेशी निवेशकों ने भारतीय ऋण प्रतिभूतियों में मई के दौरान शुद्ध आधार पर 7,400 करोड़ रुपये का निवेश किया है जबकि अप्रैल 2024 में उन्होंने शुद्ध रूप से 11,200 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।
यह निवेश मुख्य रूप से भारतीय सरकारी बॉन्ड को जेपी मॉर्गन सरकारी बॉन्ड इंडेक्स – उभरते बाजार में जून 2024 में शामिल किए जाने की उम्मीद से हुआ है।
इस भारांक के साथ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस वित्त वर्ष मे कुल मिलाकर 30 अरब डॉलर का निवेश हासिल कर सकता है। जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल किए जाने के अलावा भारतीय प्रतिभूतियां ब्लूमबर्ग ईएम लोकल करेंसी गवर्नमेंट इंडेक्स में भी शामिल की जा सकती हैं, जिसमें 34 भारतीय प्रतिभूतियां शामिल होने की आशा है। इसके जनवरी 2025 में 10 फीसदी शुरुआती भारांक के साथ होने की संभावना है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री जहान्वी प्रभाकर ने कहा, इसके साथ ही भारतीय रुपया कंपोनेंट के हिसाब से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी मुद्रा होगी, जिससे पहले चीन रेममिनबी और दक्षिण कोरिया की वॉन होगी। कुल मिलाकर हमें उम्मीद है कि यह इक्विटी व डेट में 40-45 अरब डॉलर का एफपीआई निवेश लाएगा।