भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि डेट म्युचुअल फंडों पर बड़े निवेशकों के बाहर जाने का जोखिम बना रहेगा। यह स्थिति इसके बावजूद कायम है कि संगठित सामूहिक कार्रवाई को दूर रखने के लिए ही म्युचुअल फंड योजनाओं में एकल निवेशक के निवेश की सीमा तय की गई है। रिजर्व बैंक ने एफएसआर के 21वें संस्करण में पाया, ‘मौजूदा नियमों में निवेशक आधार में विविधता लाने के लिए एकल निवेशक सामूहिक कदम उठाने के नियमों के बारे में बताया गया है। हालांकि, जब निवेशक के प्रोफाइल पर जोखिम के प्रति अनिच्छुक निवेशकों का दबदबा होता है जैसा कि धन बाजार/डेट म्युचुअल फंडों के मामले में है, तब इस बात की मजबूत संभावना होती है कि कुछ कार्पोरेट अपनी अतिरिक्त रकम को चार से पांच फंड हाउसों में वितरित करने लगते हैं और इसलिए दबाव के समय पर भी सामूहिक तौर पर बाहर निकलने का जोखिम बना हुआ है।’