C2C एडवांस्ड सिस्टम्स के IPO को पहले दिन ही निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। NSE के आंकड़ों के मुताबिक, इस IPO को शुक्रवार सुबह करीब 11:58 बजे तक 2,86,74,600 शेयरों की बोलियां मिली हैं, जबकि कंपनी ने केवल 31,34,400 शेयर पेश किए हैं। इसका मतलब है कि यह इश्यू 9.15 गुना ओवरसब्सक्राइब हो चुका है।
ग्रे मार्केट में भी इस IPO की अच्छी मांग देखी जा रही है। जानकारों के मुताबिक, C2C एडवांस्ड सिस्टम्स के अनलिस्टेड शेयर 245 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं, जबकि इसका अपर प्राइस बैंड 226 रुपये है। यह 108.41 प्रतिशत का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) है।
IPO के जरिए कंपनी ऊपरी प्राइस बैंड पर 99.07 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इश्यू का प्राइस बैंड 214-216 रुपये है, और एक लॉट में 600 शेयर शामिल हैं। रिटेल निवेशकों को 600 शेयरों के एक लॉट के लिए कम से कम 1,35,600 रुपये की जरूरत होगी।
कंपनी ने पहले ही 21 नवंबर 2024 को एंकर इन्वेस्टर्स से 28.23 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं।
C2C एडवांस्ड सिस्टम्स: IPO से जुटाए धन का उपयोग और आगे की योजनाएं
C2C एडवांस्ड सिस्टम्स अपने IPO से जुटाए धन का उपयोग अपने मौजूदा ऑपरेशन्स को मजबूत करने के लिए करेगा। कंपनी ने बताया है कि यह धन हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर जैसे फिक्स्ड एसेट्स की खरीद के लिए इस्तेमाल होगा। इसके तहत बेंगलुरु में एक्सपीरियंस सेंटर का अपग्रेडेशन और एक नया ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जाएगा।
इसके अलावा, कंपनी दुबई में एक नया एक्सपीरियंस सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है। बेंगलुरु और दुबई में नए प्रिमाइसेज में फिट-आउट्स के लिए और बेंगलुरु में सिक्योरिटी डिपॉजिट के भुगतान के लिए भी धन का उपयोग किया जाएगा। बाकी राशि कंपनी की वर्किंग कैपिटल और जनरल कॉर्पोरेट खर्चों को पूरा करने में लगाई जाएगी।
IPO की टाइमलाइन
IPO के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी
इस IPO का रजिस्ट्रार Link Intime India है। इसके बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स में Mark Corporate Advisors और Beeline Capital Advisors शामिल हैं।
कंपनी का परिचय
C2C एडवांस्ड सिस्टम्स भारत में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली एक लीडिंग कंपनी है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित डिफेंस प्रोडक्ट विकसित करती है। कंपनी का पोर्टफोलियो एयर और सी प्लेटफॉर्म्स के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, फर्मवेयर, और मैकेनिकल सिस्टम्स के डिजाइन, प्रोटोटाइप निर्माण, टेस्टिंग, और वैलिडेशन जैसी सेवाएं प्रदान करता है।
कंपनी ने अपने रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) में बताया है कि यह भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कमिटेड है।