नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भले ही 20 हजार के पास हो मगर मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक का प्रदर्शन आज सबसे खराब रहा है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 532 अंक यानी 4.1 फीसदी गिरावट के साथ 12,450 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 1,274 अंक यानी 3.1 फीसदी फिसलकर 40,170.3 बंद हुआ।
इन दोनों सूचकांक में 23 दिसंबर, 2022 के बाद एक दिन में यह सबसे तेज गिरावट है। हालांकि एक दिन पहले दोनों सूचकांकों ने नई ऊंचाई दर्ज की और इस साल के निचले स्तर से करीब 40 फीसदी की बढ़त की थी। भारी बिकवाली के कारण शीर्ष 50 कंपनियों को छोड़ दें तो शेष के बाजार मूल्यांकन को 5 लाख करोड़ रुपये का झटका लगा है। कुल बाजार पूंजीकरण में इन कंपनियों की हिस्सेदारी आधे से भी कम है।
आज कारोबार के दौरान शीर्ष 50 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में महज 60,000 करोड़ रुपये की कमी आई। इन आंकड़ों से छोटी कंपनियों में निवेश का जोखिम उजागर होता है। यह सही है कि छोटी कंपनियों में बढ़त की रफ्तार अधिक होती है मगर गिरावट का झटका भी तगड़ा ही लगता है। हाल तक तेजी से भाग रहे सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों को सबसे अधिक नुकसान हुआ।
बाजार प्रतिभागियों का कहना है कि इस साल भारी बढ़त के बाद मुनाफा वसूली के कारण गिरावट दर्ज की गई है। चर्चा यह भी है कि एक बड़े विदेशी फंड की बिकवाली से भी धारणा पर असर पड़ा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक दिन पहले अपने एक नोट में कहा था, ‘पिछले कुछ महीनों के दौरान कई मिडकैप एवं स्मॉलकैप शेयरों में जबरदस्त उछाल के पीछे कोई ठोस कारण नहीं दिखता है। अधिकतर क्षेत्रों की बुनियादी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। मगर बाजार धारणा काफी उत्साजनक है।’
नोट में यह भी कहा गया है, ‘हम कमजोर कारोबारी मॉडल के कारण कम लाभप्रदता और कम मूल्यांकन गुणक का जोखिम देखते हैं।’ इस क्षेत्र में जबदस्त तेजी ने कई नए और मौजूदा खुदरा निवेशकों को इन कंपनियों में निवेश के लिए आकर्षित किया है। अगस्त में 31 लाख नए डीमैट खाते खोले गए जो जनवरी 2022 के बाद से सबसे अधिक हैं।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘पिछले 12 महीनों के दौरान 2.8 करोड़ नए निवेशक बाजार में आए। इनमें से कई को बाजार के मिजाज की जानकारी नहीं थी। गिरावट जारी रह सकती है क्योंकि बाजार में तरलता का अभाव है। अगर कुल बाजार पूंजीकरण में 1 फीसदी की भी गिरावट होती है तो स्मॉलकैप को सबसे अधिक नुकसान होगा। संस्थागत निवेशकों द्वारा तत्काल खरीदारी का सहारा केवल सूचकांक और लार्जकैप शेयरों को मिल सकता है।’
संस्थागत एवं खुदरा निवेशकों के पसंदीदा रहे कई नए स्मॉलकैप शेयरों में पिछले तीन से छह महीनों के दौरान तेजी दर्ज की गई है। मगर विश्लेषकों ने कमजोर निष्पादन एवं प्रशासनिक ट्रैक रिकॉर्ड के मद्देनजर इनमें से कई शेयरों की गुणवत्ता के बारे में आगाह किया है।
इनमें से कई शेयर बी2जी (बिजनेस टु गवर्नमेंट) अथवा बी2बी श्रेणी के हैं जिनमें निष्पादन एवं लाभप्रदता के मोर्चे पर कई समस्याएं हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के नोट में कहा गया है, ‘ इन क्षेत्रों में राजस्व और लाभप्रदता यानी दोनों मोर्चों पर बाजार की अपेक्षाएं काफी अधिक हैं।’