केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सॉवरिन यानी सरकारी वेल्थ फंडों और पेंशन फंडों को कर राहत का विस्तार 31 मार्च, 2025 तक कर दिया है, जो 31 मार्च, 2024 को समाप्त हो चुका था। इस बदलाव के साथ फंड अब भारत में निवेश पर अर्जित लाभांश आय, ब्याज आय या लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर पर छूट का फायदा लेते रहेंगे। यह घोषणा सबसे पहले इस साल अंतरिम बजट में की गई थी और कर प्राधिकरण ने 18 जुलाई को इसे अधिसूचित किया।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर (वित्तीय क्षेत्र) सुनील गिडवानी ने कहा, इस कदम का बुनियादी क्षेत्र व इन्फ्रा फंड स्वागत करेंगे क्योंकि इनकी परियोजनाएं लंबी अवधि तक चलती है, ऐसे में इसका विस्तार लंबी अवधि के लिए होना चाहिए।
आयकर अधिनियम की धारा 10 (23 एफई) सॉवरिन फंडों व पेंशन फंडों को लाभांश, ब्याज और लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर पर छूट देता है जो भारत में अप्रैल 2020 के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर पर किए गए निवेश पर हासिल हो।
एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, सॉवरिन वेल्थ फंडों की परिसंपत्तियां जून में 5.25 लाख करोड़ रुपये थी, वहीं पेंशन फंडों की परिसंपत्तियां 6.02 लाख करोड़ रुपये। हालांकि कर राहत पाने के लिए फंडों को कुछ निश्चित शर्तों को पूरा करना होता है।