इंटरग्लोब एविएशन के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल ने विमानन कंपनी इंडिगो में अपनी 5.72 फीसदी हिस्सेदारी आज बेच दी। गंगवाल और चिंकरपू फैमिली ट्रस्ट ने 5,232.5 रुपये प्रति शेयर भाव पर इंडिगो के 2.21 करोड़ शेयर 11,564 करोड़ रुपये में बेच दिए। भारतीय बाजार में यह अभी तक के सबसे मोटे (बल्क) सौदों में से एक है।
सूत्रों ने बताया कि गंगवाल ने शुरू में केवल 1.32 करोड़ शेयर बेचने का इरादा किया था लेकिन मजबूत मांग को देखते हुए उन्होंने बेचे जाने वाले शेयरों की संख्या बढ़ा दी। स्टॉक एक्सचेंजों ने इंडिगो के शेयर खरीदारों के नाम नहीं बताए मगर सूत्रों ने कहा कि इनमें घरेलू म्युचुअल फंड और लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले विदेशी फंड शामिल हैं।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर इंडिगो का शेयर करीब 2 फीसदी गिरावट के साथ 5,313 रुपये पर बंद हुआ। शेयर की बिक्री से पहले इंडिगो में गंगवाल की हिस्सेदारी करीब 13.5 फीसदी थी।
गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टैनली और जेपी मॉर्गन ने शेयर सौदों का प्रबंधन करने में निवेश बैंकर की भूमिका अदा की।
इस साल अभी तक इंडिगो का शेयर 16.7 फीसदी चढ़ा था जबकि निफ्टी में इस दौरान केवल 5 फीसदी की तेजी आई है। कंपनी के दमदार मुनाफे की बदौलत शेयरों में तेजी आई है। मौजूदा समय में इंडिगो का शेयर अपने 12 महीने के आगे के आय के अनुमान से करीब 24 गुना पर कारोबार कर रहा है।
जेपी मॉर्गन ने हाल में अपने एक नोट में कहा है, ‘अगर तेल के दाम 65 डॉलर प्रति बैरल पर बने रहे तो इंडिगो का कर पूर्व मुनाफा 40 फीसद बढ़ सकता है।’
ब्लूमबर्ग के अनुमान के अनुसार अगले 12 महीनों में इंडिगो का शेयर भाव 5,936.50 रुपये तक पहुंच सकता है। ब्लूमबर्ग के 19 विश्लेषकों ने शेयर को ‘खरीदें’ और 2 ने ‘बेचें’ की सलाह दी है।
बीते कुछ वर्षों में राकेश गंगवाल और उनकी संबंधित इकाइयों ने कई थोक सौदों के जरिये इंडिगो में अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे घटाई है। पिछले साल अगस्त में गंगवाल और उनके परिवार के ट्रस्ट ने इंडिगो में 5.83 फीसदी हिस्सेदारी करीब 10,500 करोड़ रुपये में बेची थी। उसी साल मार्च में उन्होंने करीब 6,786 करोड़ रुपये में 6 फीसदी हिस्सेदारी और बेच दी थी। वर्ष 2023 में राकेश गंगवाल की पत्नी शोभा गंगवाल ने अपनी 3 फीसदी हिस्सेदारी 2,802 करोड़ रुपये में बेच दी थी। फरवरी 2023 में भी गंगवाल परिवार ने 4 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 2,900 करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे पहले सितंबर 2022 में करीब 2,000 करोड़ रुपये में कंपनी की 2.8 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी।
गंगवाल ने18 फरवरी, 2022 को इंडिगो के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था और अगले 5 साल में धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी बेचकर कंपनी से निकलने की घोषणा की थी।