बाजार में एकमुश्त सौदों (ब्लॉक डील) के जरिये शेयरों की खरीदफरोख्त आगे भी बदस्तूर जारी रहने का अनुमान है। इस महीने अब तक ब्लॉक डील के जरिये 26,152 करोड़ रुपये के सौदे हो चुके हैं। निवेश बैंकरों का कहना है कि आगे ऐसे सौदे बढ़ सकते हैं। ब्लॉक डील में एक बार में 5 लाख से अधिक शेयर या कम से कम 5 करोड़ रुपये के शेयर की खरीदफरोख्त होती है।
बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है तो सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की बिक्री भी काफी बढ़ गई है। विदेश पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) से भारी निवेश आने और शेयरों का मूल्यांकन बढ़ने के कारण ब्लॉक डील के जरिये होने वाले सौदे भी बढ़ रहे हैं।
उदाहरण के लिए कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपीआईबी) ने कोटक महिंद्रा बैंक में 1.66 प्रतिशत हिस्सेदारी 6,124 करोड़ रुपये में बेची है। इसी तरह ब्रिटेन की निवेश कंपनी एबर्डीन ने एचडीएफसी असेट मैनेजमेंट कंपनी और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में एकमुश्त हिस्सेदारी बेची है। अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी कंपनी टीपीजी कैपिटल ने श्रीराम फाइनैंस मेंअपनी हिस्सेदारी 1,390 करोड़ रुपये में बेची है।
निवेश बैंक बोफा सिक्योरिटीज में प्रबंध निदेशक एवं प्रमुख (ग्लोबल कैपिटल मार्केट) शुभ्रजित रॉय ने कहा, ‘एफपीआई का निवेश फिर बढ़ने, देसी फंडों खासकर स्मॉल- और मिड-कैप में निवेश लगातार बढ़ने और मूल्यांकन ऊंचे स्तरों पर बने रहने से बाजार में ऐसे सौदे बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में बाजार में उतार-चढ़ाव होने के बाद भी
ब्लॉक डील के जरिये सौदे होते रहे हैं। रॉय को लगता है कि ऐसे सौदे आगे भी होते रहेंगे।
इक्का-दुक्का मामलों को छोड़कर पिछले कुछ वर्षों के दौरान ब्लॉक डील में कमी नहीं आई है। इस साल बाजार अपने सर्वोच्च स्तर से करीब 10 प्रतिशत लुढ़क गया था, जिसके बाद इन सौदों पर थोड़ा असर हुआ था। मगर बाजार में तेजी लौटने के बाद प्राइवेट इक्विटी कंपनियां और उनके प्रवर्तक खुलकर रकम खर्च कर रहे हैं।
इक्विरस कैपिटल के संस्थापक अजय गर्ग ने कहा, ‘पिछले एक दशक में निजी इक्विटी कंपनियों ने हर साल भारतीय कंपनियों में अरबों डॉलर झोंके हैं। ये कंपनियां हिस्सेदारी बेच रही हैं, जिस कारण भी ब्लॉक डील में सौदे बढ़ रहे हैं।’
प्राइवेट इक्विटी क्षेत्र के उद्योगों का कहना है बाजार में तेजी के बाद कंपनियों की कीमत बढ़ गई है, जिससे पीई निवेशकों को अपने निवेश पर मोटा मुनाफा कमाने के मौके मिल रहे हैं।
मझोले शेयरों में तेजी के बाद निफ्टी स्मॉल-कैप 100 का प्राइस-टु-अर्निंग रेश्यो 100 गुना हो गया है, जो मार्च अंत में 17 गुना ही था। निफ्टी का पीई अनुपात बढ़कर 23 गुना और निफ्टी मिड-कैप 100 का 24 गुना हो गया है।
सेंट्रम कैपिटल में पार्टनर-ईसीएम प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘बाजार में संस्थागत निवेश (विदेशी एवं देसी) बढ़ने से ब्लॉक डील सौदों में तेजी आई है। बाजार में निवेशकों का उत्साह मजबूत है और रकम की भी कोई कमी नहीं है।
इसलिए यह सिलसिला आगे भी जारी रहना चाहिए। कुछ प्राइवेट इक्विटी निवेशकों पर निवेश निकालने का दबाव है या फिर वे पहले किया गया निवेश कहीं और लगाना चाह रहे हैं। इन सभी कारणों से ब्लॉक डील सौदे जारी रह सकते हैं।’