facebookmetapixel
दूसरी तिमाही में इन्फोसिस ने 8,203 लोगों को नियुक्त किया, बढ़े कर्मचारीअक्टूबर में 7 IPO ने निवेश बैंकरों को दिए ₹600 करोड़, LG और टाटा कैपिटल से सबसे अ​धिक कमाईजेप्टो ने जुटाए 45 करोड़ डॉलर, 7 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर जुटाई गई रकमShare Market: शेयर बाजार में जोरदार उछाल, सेंसेक्स 862 अंक चढ़ा, निफ्टी 25,585 के पारइंडियन ओवरसीज बैंक का मुनाफा 58 प्रतिशत बढ़कर 1,226 करोड़ रुपये हुआHDFC Life ने सरकार को दिया आश्वासन, GST कटौती के बावजूद ग्राहकों को सभी लाभ मिलेंगे!खनन मंत्रालय ने जारी किया राज्य खनन तत्परता सूचकांक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात टॉप 3 मेंInfosys Q2FY26 Result: लाभ 13.2% बढ़कर ₹7,364 करोड़ पर पहुंचा, बढ़ाया आय का अनुमानRBI के पहलों से सीमा पार भुगतान में लागत घटेगी और व्यापार में तेजी आएगी: संजय मल्होत्राशेयर बाजार ने चार महीने की सबसे बड़ी छलांग लगाई, सेंसेक्स 83,468 और निफ्टी 25,585 पर बंद

FPI ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये निकाले

घरेलू बाजारों में ऊंचे मूल्यांकन तथा चीन के शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं।

Last Updated- November 03, 2024 | 5:50 PM IST
FDI

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार से 94,000 करोड़ रुपये (करीब 11.2 अरब अमेरिकी डॉलर) निकाले हैं। इस तरह यह एफपीआई की निकासी के मामले में सबसे खराब महीना रहा है।

घरेलू बाजारों में ऊंचे मूल्यांकन तथा चीन के शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं। इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मार्च, 2020 में शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे।

एफपीआई ने इस ताजा निकासी से पहले सितंबर में शेयरों में 57,724 करोड़ रुपये डाले थे। यह उनके निवेश का नौ माह का उच्चस्तर था। अप्रैल-मई में 34,252 करोड़ रुपये निकालने के बाद जून से एफपीआई लगातार लिवाल रहे थे।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में भू-राजनीतिक घटनाक्रम, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, चीनी अर्थव्यवस्था में प्रगति और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जैसे वैश्विक घटनाक्रम भारतीय शेयरों में विदेशी निवेश को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति का रुख, कंपनियों के तिमाही नतीजे और त्योहारी मांग के आंकड़ों पर एफपीआई की निगाह रहेगी।

Also read: Market Outlook: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय से तय होगी बाजार की दिशा

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। पूरे महीने में सिर्फ एक दिन एफपीआई लिवाल रहे हैं। इस तरह 2024 में शेयरों में उनका कुल निवेश घटकर 6,593 करोड़ रुपये रह गया है।

एफपीआई की बिकवाली की वजह से प्रमुख सूचकांक अपने शीर्ष स्तर से करीब आठ प्रतिशत नीचे आ गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि के दौरान बॉन्ड से सामान्य सीमा के माध्यम से 4,406 करोड़ रुपये निकाले हैं और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) से 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

First Published - November 3, 2024 | 5:50 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट