facebookmetapixel
RBI दिसंबर में देगा तोहफा? अर्थशास्त्रियों ने कहा – लोन होगा सस्ता, GDP ग्रोथ में आएगी और तेजीVodafone Idea को बड़ी राहत! SC ने केंद्र को दी AGR मामले की समीक्षा करने की छूट; शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई परLensKart IPO: 31 अक्टूबर को खुलेगा ₹7,278 करोड़ का आईपीओ, प्राइस बैंड ₹382-₹402 तय; जानिए हर डीटेलPMAY Online Registration: ऑनलाइन आवेदन शुरू, घर बनने की राह हुई आसान6-9 महीनों में ₹792 तक जा सकता है Hospital Stock, ब्रोकरेज ने कहा – खरीदने का सही मौकानतीजों के बाद Kotak Mahindra Bank पर आया ₹2510 तक का टारगेट, ब्रोकरेज ने दी BUY की सलाहGold silver price today: सस्ते हुए सोना चांदी; खरीदारी से पहले चेक करें आज के रेटबाय नाउ, पे लेटर: BNPL से करें स्मार्ट शॉपिंग, आमदनी का 10-15% तक ही रखें किस्तेंअभी नहीं थमा टाटा ट्रस्ट में घमासान! मेहली मिस्त्री के कार्यकाल पर तीन ट्रस्टियों की चुप्पी ने बढ़ाया सस्पेंसStock Market Update: बाजार में तूफानी तेजी सेंसेक्स 600 अंक उछला, रियल्टी-पीएसयू बैंक चमके

FPI: जनवरी के पहले दो सप्ताह में निकाले 15,000 करोड़ रुपये

विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा घटा

Last Updated- January 15, 2023 | 4:08 PM IST
INR vs USD
Shutter Stock

दुनिया के कुछ हिस्सों में Covid-19 के मामले बढ़ने और अमेरिका में मंदी की चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों से 15,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। FPI पिछले कुछ सप्ताह से भारतीय शेयर बाजारों के प्रति सतर्क रुख अपना रहे हैं।

कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि आगे चलकर FPI के प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहेगा। हालांकि, घरेलू और वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति अब नीचे आ रही है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने दो से 13 जनवरी के दौरान भारतीय शेयर बाजारों से 15,068 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है।

जनवरी के 10 कारोबारी सत्रों में सिर्फ दो दिन FPI शुद्ध लिवाल रहे हैं। इससे पहले FPI ने दिसंबर में शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 11,119 करोड़ रुपये डाले थे। नवंबर में उन्होंने शुद्ध रूप से 36,239 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कुल मिलाकर FPI ने 2022 में भारतीय शेयर बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपये निकाले थे।

इसकी प्रमुख वजह वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में वृद्धि, विशेषरूप से फेडरल रिजर्व का आक्रामक रुख, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से जिंस कीमतों में तेजी है। बीता साल FPI प्रवाह के लिहाज से सबसे खराब रहा है। इससे पिछले तीन साल में FPI भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध निवेशक रहे थे।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘दुनिया के विभिन्न स्थानों में अब भी कोविड का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा अमेरिका में मंदी को लेकर चिंता FPI को भारत जैसे उभरते देशों में निवेश से रोक रही है।’

यह भी पढ़ें: Demat accounts की संख्या दिसंबर में 34 फीसदी बढ़कर 10.8 करोड़ हुई

जनवरी में FPI ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार से भी 957 करोड़ रुपये की निकासी की है। भारत के अलावा इंडोनेशिया में FPI का प्रवाह नकारात्मक रहा है। हालांकि, फिलिपीन, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड के बाजार में वे शुद्ध लिवाल रहे हैं।

First Published - January 15, 2023 | 4:08 PM IST

संबंधित पोस्ट