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FM सीतारमण को शेयर मार्केट पर बहुत भरोसा, बोलीं- बाजार को उसके विवेक पर छोड़ देना चाहिए

क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर सीतारमण ने कहा कि वे मुद्राएं नहीं हो सकती हैं और यह भारत सरकार का रुख है। उन्होंने कहा कि मुद्राएं सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती हैं।

Last Updated- March 15, 2024 | 2:03 PM IST
Finance Minister Nirmala Sitharaman
Finance Minister Nirmala Sitharaman (File Photo)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने “एक निश्चित स्तर की समझदारी” बनाए रखी है और बाजार को अपने हिसाब से खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए।

वित्त मंत्री का यह बयान सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के उस बयान के कुछ दिनों बाद आया है कि स्मालकैप और मिडकैप शेयरों में ‘झाग’ की गुंजाइश है और नियामक एक संभावित परामर्श पत्र लाने के लिए इस पर विचार कर रहा है।

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सीतारमण ने कहा, “मैं बाजारों को अपने हिसाब से खेलने देती हूं… हमें इसे बाजार के विवेक पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि हम सभी ने देखा है कि वैश्विक स्तर पर भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय बाजार ने समझदारी का एक निश्चित स्तर बनाए रखा है। यह वास्तव में इस तरह या उस तरह से बहुत हिंसक नहीं हुआ है। इसलिए, मैं बाजार पर बहुत भरोसा करता हूं।”

इस सप्ताह की शुरुआत में पूंजी बाजार नियामक ने स्मालकैप और मिडकैप शेयरों के अधिक मूल्यांकन के बारे में चिंता जताई थी। स्मालकैप और मिडकैप संभावित बाजार में हेरफेर और बाजार में बुलबुले के जोखिम का संकेत दे रहे थे।

बुच ने कहा था, “इक्विटी बाजारों में स्मालकैप और मिडकैप क्षेत्र में झाग के कुछ क्षेत्र हैं जिनमें बुलबुला बनने और फूटने की क्षमता है जो निवेशकों को प्रभावित कर सकता है।” क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर सीतारमण ने कहा कि वे मुद्राएं नहीं हो सकती हैं और यह भारत सरकार का रुख है। उन्होंने कहा कि मुद्राएं सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो संपत्तियां प्रौद्योगिकी-संचालित हैं और सीमा पार भुगतान पर असर डालती हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसी संपत्तियों के आसपास एक व्यापक नियामक ढांचे पर जी20 स्तर पर विचार किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा, “यदि एक देश विनियमन करता है और अन्य नहीं करते हैं, तो यह धन को स्थानांतरित करने, राउंड-ट्रिपिंग या ड्रग्स या यहां तक कि आतंकवाद को वित्तपोषित करने का एक आसान तरीका होगा। इसलिए हम इसे जी20 के स्तर पर ले जाकर एक रूपरेखा बनाना चाहते थे। इसे बहुत अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है और मुझे यकीन है कि कुछ रूपरेखा सामने आएगी।”

First Published - March 15, 2024 | 2:03 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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