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विशेषज्ञ लगा रहे हैं काफी उम्मीदें, लेकिन कंपनियां परिणामों को लेकर सतर्क

Last Updated- December 07, 2022 | 9:44 AM IST

बहुत कम अर्निंग सीजन का इस तरह इंतजार होता है जैसा कि जून 2008 के तिमाही नतीजों का हो रहा है।


बाजार में चल रहे उथल पुथल के बीच अब बाजार कार्पोरेट जगत पर अपनी निगाह गड़ाए हुए है। लेकिन जहां तक अपेक्षाओं की बात करें 2004 और  2007 के बीच के विशेषज्ञों के  अनुमानों से बेहतर रहा है कंपनियों का प्रदर्शन लेकिन इस बार यही विशेषज्ञ कोई भी अनुमान देने से पहले काफी सतर्कता बरत रहे हैं।

एडलवायस सेक्योरिटीज के अध्यक्ष राकेश शाह का मानना है कि बाजार कुछ मूमेन्टम दिखने की वजह से जून में समाप्त हुई तिमाही के परिणाम अर्निंग्स के 15 प्रतिशत की तेजी के साथ बेहतर होने चाहिए। हालांकि यह दर पहले के कुछ सालों से कम ही रहेगी जब यह 20-25 फीसदी की दर से बढ़ रहा था।

आसमान छूती महंगाई को देखते हुए फिलहाल माहौल कारोबार करने के लिहाज से कठिन लग रहा है। कुछ उत्पाद जैसे कारों, दोपहिए और और कंज्यूमर डयुरेबल्स की मांग में कमी आई है और अगर कंपनियां वाल्यूम को आगे बढ़ाने में सक्षम भी होती हैं तो भी उन्हें हमेशा अच्छी कीमत नहीं मिल पाती है। इससे इस बात की संभावना बनती है कि  पिछले साल की तुलना में राजस्व में विकास अपेक्षाकृ त कम रहेगा। मॉर्गन स्टैनली की एक रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि 104 कंपनियों  (जिसमें कि ऊर्जा कंपनियां शामिल नहीं है)  का राजस्व वित्त वर्ष 2009 की पहली तिमाही में मात्र 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज कर सकता है।

 इन बातों के अलावा और दुखदाई पहलू यह है कि कमोडिटी की कीमतों में उछाल जारी रहने से निर्माताओं के लागत में बढ़ोतरी जारी है और इस वजह से कंपनियों के ऑपरेटिंग मार्जिन में गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए 104 कंपनियों के समूह का ही उदाहरण लें तो इनके ऑपरेटिंग मार्जिन में 50 बेसिक प्वाइंट की गिरावट दर्ज की जा सक ती है। मार्च 2008 को समाप्त हुई तिमाही में सर्वश्रेष्ठ 100 कंपनियों की सूची में शामिल कुछ ही कंपनियां थी जिनके मार्जिन में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इनके अलावा उंची ब्याज दर के कारण कंपनियों के शुध्द मुनाफे में भी कमी आने के आसार हैं।

जून 2008 की तिमाही में कंपनियों का शुध्द मुनाफा मार्च 2008 की तिमाही के 25 प्रतिशत की तुलना में मात्र 11 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। एडवांस टेक्स कलेक्शन न को भविष्य में होनेवाले मुनाफ का संकेत नहीं माना जा सकता है और सवश्रेष्ठ 50 कं पनियों का एडवांस टेक्स कलेक्शन पिछले साल के 38 पतिशत की तुलना में 32 प्रतिशत की में बढा जोकि अच्छा संकेत नहीं है। जहां तक क्रेडिट ग्रोथ की बात है तो वह भी सामान्य ही है लेकिन एचडीएफसी बैंक के कार्यकारी निदेशक परेश सुखथांकर ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा 25 प्रतिशत के आसपास के ताजा क्रेडिट ग्रोथ के आंकड़ों से इस बात के संके त मिलते हैं कि पैसों की मांग बेहतर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि बैंकों को इस स्तर पर उधार देना चाहिए था। लेकिन माहौल वाकई उत्साहजनक नहीं लगता है। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के कार्यकारी निदेशक और अध्यक्ष होशेदर प्रेस ने कहा कि माहौल में उत्साह की कमी दिखाई दे रही है और आनेवाले समय में कारोबार में और कमी आ सकती है। जेएसडब्ल्यू स्टील के वित्त विभाग के निदेशक एन सेषाद्रीगिरी के अनुसार कैपिटल गुड्स के साथ स्टील की बिक्री अच्छी हो रही है और इस उद्योग के पिछले साल की समान अवधि के  वॉल्युम की तुलना में 10-12 प्रतिशत की मजबूत स्थिति में होनी चाहिए।

हालांकि उन्होंने बताया कि वैश्विक बाजार में मौजूदा कीमतों की तुलना में घरेलू बाजार में कीमतों के कम होने से रियलाइजेशन के उत्साहवर्धक नहीं रहने की उम्मीद है। लागत खर्च मे हो रही बढ़ोतरी के कारण इंजीनियरिंग, सीमेंट, मेटल्स और कंस्ट्रक्सन के मार्जिने के सिकुड़ने के आसार हैं। लेंडिंग रेट के बढ़ने के कारण बैंकों के इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो पर असर पड़ सकता है जबकि नेट इंटरेस्ट मार्जिन के स्थिर रहने की संभावना है। 

टॉक टाइम वॉल्यूम में अच्छे ग्रोथ के कारण टेलीकॉम ऑपरेटरों के  अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है और रूपये के मूल्यों में आई गिरावट के चलते हेल्थकेअर फर्म  के भी बेहतर करने की उम्मीद है। रिटेल और मीडिया जैसे क्षेत्र निवेशकों के लिए कोई अच्छा संदेश देने की स्थिति में नहीं दिखाई देते हैं। हालांकि कुछ विश्लेषक अभी भी आशान्वित हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के निदेशक निलेश शाह कहते हैं कि परिणाम अच्छे होने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि एडवांस टेक्स कलेक्षन को देखते हुए कु छ आश्चर्यजनक परिणाम की आ सकते हैं।

First Published - July 8, 2008 | 2:30 AM IST

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